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जोशीमठ जल प्रलय: गोपाल भारद्वाज ने बोले- ग्लेशियर टूटने के पीछे चाइना का षड्यंत्र

मसूरी के मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने चमोली आपदा के पीछे चाइना का षडयंत्र बताया है. उन्होंने कहा कि भारत की कामयाबी से चाइना बौखला गया है. केंद्र सरकार को इसकी जांच करनी चाहिए.

Famous historian Gopal Bhardwaj
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Published : Feb 8, 2021, 5:46 PM IST

मसूरी: मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने कहा कि जोशीमठ जल प्रलय पर हुई तबाही और 19 मौतों को लेकर भारी दुःख व्यक्त किया है. गोपाल भारद्वाज ने कहा कि फरवरी माह में तापमान माइनस से काफी कम होता है. ऐसे में बर्फ जमी होती है. वह बर्फ का पहाड़ कैसे टूट कर गिर गया. यह अपने आप में बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे दुश्मन देश चाइना का हाथ नजर आ रहा है.

ग्लेशियर टूटने के पीछे चाइना का षड्यंत्र- गोपाल भारद्वाज.

गोपाल भारद्वाज ने कहा कि अक्टूबर माह में भारी बारिश होने के कारण ग्लेशियर के कुछ हिस्से जरूर टूट कर गिरते हुए देख जाते हैं, परंतु फरवरी माह जब ठंड अपने चरम पर है. ऐसे में ग्लेशियर का टूटना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र लग रहा है और इसको लेकर केंद्र सरकार और वैज्ञानिकों को गहनता से जांच करनी चाहिए.

पढ़ें- इसरो ने जारी की सेटेलाइट तस्वीरें, चमोली आपदा के असली कारणों का लगा पता

उन्होंने कहा कि जिस तरीके से भारत कोरोना महामारी से लड़ने में कामयाब रहा है. भारत ने कोरोना की दो वैक्सीन बना दी है. ऐसे में हो सकता है कि दुश्मन देश इससे बौखला गया हो. उसने एक षड्यंत्र के तहत हिमस्खलन कर दिया हो.

मसूरी: मशहूर इतिहासकार गोपाल भारद्वाज ने कहा कि जोशीमठ जल प्रलय पर हुई तबाही और 19 मौतों को लेकर भारी दुःख व्यक्त किया है. गोपाल भारद्वाज ने कहा कि फरवरी माह में तापमान माइनस से काफी कम होता है. ऐसे में बर्फ जमी होती है. वह बर्फ का पहाड़ कैसे टूट कर गिर गया. यह अपने आप में बड़ा सवाल है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे दुश्मन देश चाइना का हाथ नजर आ रहा है.

ग्लेशियर टूटने के पीछे चाइना का षड्यंत्र- गोपाल भारद्वाज.

गोपाल भारद्वाज ने कहा कि अक्टूबर माह में भारी बारिश होने के कारण ग्लेशियर के कुछ हिस्से जरूर टूट कर गिरते हुए देख जाते हैं, परंतु फरवरी माह जब ठंड अपने चरम पर है. ऐसे में ग्लेशियर का टूटना संभव ही नहीं है. उन्होंने कहा कि इसके पीछे बहुत बड़ा षड्यंत्र लग रहा है और इसको लेकर केंद्र सरकार और वैज्ञानिकों को गहनता से जांच करनी चाहिए.

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उन्होंने कहा कि जिस तरीके से भारत कोरोना महामारी से लड़ने में कामयाब रहा है. भारत ने कोरोना की दो वैक्सीन बना दी है. ऐसे में हो सकता है कि दुश्मन देश इससे बौखला गया हो. उसने एक षड्यंत्र के तहत हिमस्खलन कर दिया हो.

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