मसूरी: गुड फ्राइडे के मौके पर ईसाई समुदाय के लोगों ने मसूरी स्थित मैथोडिस्ट चर्च में विशेष प्रार्थना सभा का आयोजन किया. जिसमें प्रभु ईसा मसीह के बलिदान को याद किया गया. पदारी विवेक साइमन ने कहा गुड फ्राइडे ईसाई समुदाय के लोगों के लिए सबसे महत्वपूर्ण दिनों में से एक है. इस दिन प्रभु ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाया गया था.
उन्होंने कहा कि ईसा मसीह ने समाज की भलाई के लिए अपने प्राण त्याग दिए थे. ईसा मसीह को सूली पर चढ़ाने से पहले काफी शारीरिक यातनाएं दी गई थीं. प्रभु ईसा मसीह ने जिस दिन अपने प्राण त्यागे थे, उस दिन शुक्रवार था. इसी की याद में इस दिन को गुड फ्राइडे के रूप में मनाया जाता है. माना जाता है कि मौत के तीन दिन बाद ईसा मसीह पुनः जीवित हो उठे थे और उस दिन रविवार था. इस दिन को ईस्टर संडे कहते हैं.
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गुड फ्राइडे को अलग-अलग देशों में अलग-अलग नामों से जाना जाता है. इसे हॉली फ्राइडे, ब्लैक फ्राइडे या ग्रेट फ्राइडे भी कहते हैं. उन्होंने बताया कि बाल्टिमोर कैटेशिज्म के अनुसार गुड फ्राइडे को गुड इसलिए कहा जाता है, क्योंकि ईसा मसीह ने अपनी मृत्यु के बाद पुनरू जीवन धारण किया और यह संदेश दिया कि हे मानव मैं सदा तुम्हारे साथ हूं और तुम्हारी भलाई करना मेरा उद्देश्य है.
यहां गुड का मतलब हॉली (अंग्रेजी शब्द) यानी पवित्र से है. इसलिए इसे हॉली फ्राइडे भी कहते हैं. इस दिन चर्च में घंटा नहीं बजाया जाता. बल्कि उसके बदले लकड़ी के खटखटे से आवाज की जाती है. लोग इस दिन गिरजा घर में प्रभू ईसा मसीह के बलिदान को याद करते हैं.