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देहरादून: कोरोना काल में कर्मचारियों को वेतन देना GMVN के लिए बना चुनौती - gmvn financial crisis

उत्तराखंड में जीएमवीएन के लिए अपने कर्मचारियों का वेतन देना बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है. बीते दिनों जीएमवीएन किसी तरह अपनी एफडी तोड़कर अपने कर्मचारियों का वेतन दे रहा था. वहीं अब एफडी भी खत्म होने की कगार पर है.

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कोरोना काल में कर्मचारियों का वेतन देना बना GMVN के लिए बड़ी चुनौती
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Published : Aug 2, 2020, 5:02 PM IST

Updated : Aug 2, 2020, 5:52 PM IST

देहरादून : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच जीएमवीएन के लिए अपने कर्मचारियों का वेतन देना बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है. बीते दिनों जहां जीएमवीएन किसी तरह अपनी एफडी तोड़कर अपने कर्मचारियों का वेतन दे रहा था. वहीं, अब निगम की एफडी भी खत्म होने की कगार पर है.

गौरतलब है कि वर्तमान में पिछले लंबे समय से पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लगने की वजह से जीएमवीएन आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया के दौर से गुजर रहा है. जीएमवीएन के पास वर्तमान में कमाई का यदि कोई साधन है तो वह एकमात्र जीएमवीएन के गेस्ट हाउस हैं. जिन्हें कोरोना वायरस के चलते सरकार ने क्वारंटाइन सेंटर बनाया हुआ है.

वेतन देना बना GMVN के लिए बड़ी चुनौती

ईटीवी भारत से बात करते हुए जीएमवीएन की प्रबंध निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि निगम के पास वर्तमान में एफडी के जरिए अपने कर्मचारियों की दो महीने की सैलरी देने का ही पैसा बचा है. ऐसे में निगम अब खनन के माध्यम से कमाई करने की तैयारी कर रहा है .

ये भी पढ़ें: नई शिक्षा नीति को लेकर उत्तराखंड सरकार और शिक्षाविद् उत्साहित, वंचितों को मिलेगा लाभ

वहीं, दूसरी तरफ निगम की आर्थिक तंगी को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से भी दो करोड रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की गई है, साथ ही दो से तीन करोड़ रुपए जीएमवीएन अपने क्वारन्टीन सेंटरों से भी कमा रहा है. ऐसे में यही कुछ साधन है जिसके माध्यम से अगले कुछ महीने तक जीएमवीएन अपने कर्मचारियों को किसी तरह वेतन दे सकेगा.

देहरादून : वैश्विक महामारी कोरोना वायरस के बीच जीएमवीएन के लिए अपने कर्मचारियों का वेतन देना बड़ी चुनौती साबित होता जा रहा है. बीते दिनों जहां जीएमवीएन किसी तरह अपनी एफडी तोड़कर अपने कर्मचारियों का वेतन दे रहा था. वहीं, अब निगम की एफडी भी खत्म होने की कगार पर है.

गौरतलब है कि वर्तमान में पिछले लंबे समय से पर्यटन गतिविधियों पर ब्रेक लगने की वजह से जीएमवीएन आमदनी अठन्नी खर्चा रुपैया के दौर से गुजर रहा है. जीएमवीएन के पास वर्तमान में कमाई का यदि कोई साधन है तो वह एकमात्र जीएमवीएन के गेस्ट हाउस हैं. जिन्हें कोरोना वायरस के चलते सरकार ने क्वारंटाइन सेंटर बनाया हुआ है.

वेतन देना बना GMVN के लिए बड़ी चुनौती

ईटीवी भारत से बात करते हुए जीएमवीएन की प्रबंध निदेशक ईवा आशीष श्रीवास्तव ने बताया कि निगम के पास वर्तमान में एफडी के जरिए अपने कर्मचारियों की दो महीने की सैलरी देने का ही पैसा बचा है. ऐसे में निगम अब खनन के माध्यम से कमाई करने की तैयारी कर रहा है .

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वहीं, दूसरी तरफ निगम की आर्थिक तंगी को देखते हुए मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की ओर से भी दो करोड रुपए की आर्थिक मदद प्रदान की गई है, साथ ही दो से तीन करोड़ रुपए जीएमवीएन अपने क्वारन्टीन सेंटरों से भी कमा रहा है. ऐसे में यही कुछ साधन है जिसके माध्यम से अगले कुछ महीने तक जीएमवीएन अपने कर्मचारियों को किसी तरह वेतन दे सकेगा.

Last Updated : Aug 2, 2020, 5:52 PM IST
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