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चीन की तर्ज पर केदारनाथ में बनेगा कांच का पुल, देश-दुनिया में देवभूमि को मिलेगी नई पहचान

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Published : Jun 4, 2019, 5:47 PM IST

भारत में पहली बार इसी तर्ज पर एक कांच की ब्रिज बनने जा रहा है. ये ब्रिज उत्तराखंड के बाबा केदार के धाम में बनाया जाना है. केदार घाटी में साल 2013 की भीषण आपदा के बाद यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी. ऐसे में यात्रा को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए सरकार कई तरह की कोशिशों में जुटी है.

कांच का पुल प्रतीकात्मक फोटो.

देहरादूनः चीन में बने कांच के पुल की तर्ज पर अब भारत में पहला पारदर्शी पुल बनने जा रहा है. ये पुल केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर बनाया जाएगा. जहां से पर्यटक और यात्री नए रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन कवायद में जुट गया है. वहीं, इस पुल के बनने से देवभूमि को देश-दुनिया में नई पहचान मिलेगी.


बता दें कि अभी तक आपने विदेशों में पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरते हुए या फिर समुंद्र के ऊपर बने बड़े-बड़े पुलों को तस्वीरों और इंटरनेट पर देखा होगा. ऐसे कारनामे करने वालों में पड़ोसी देश चीन समेत अन्य देश शामिल हैं. बीते साल चीन ने कांच का ब्रिज बनाकर खूब वाहवाही बटोरी थी. अब भारत में पहली बार इसी तर्ज पर एक कांच की ब्रिज बनने जा रहा है. ये ब्रिज उत्तराखंड के बाबा केदार के धाम में बनाया जाना है. केदार घाटी में साल 2013 की भीषण आपदा के बाद यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी. ऐसे में यात्रा को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए सरकार कई तरह की कोशिशों में जुटी है.


केदार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार राज्य के संपर्क में रहते हैं. ऐसे में केदारधाम को पूरी तरह से मॉडल तरीके से विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी और रोमांचकारी पर्यटन के माध्यम से लोगों को केदारधाम की ओर की आकर्षित करने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं. जहां पर श्रद्धालुओं को भक्ति के साथ रोमांच का लुत्फ ले सकें.

ये भी पढ़ेंः ETV भारत की खबर का असर, अवैध पार्किंग का ठेका हुआ निरस्त


इसी कड़ी में अब उत्तराखंड के केदारनाथ के मुख्य पड़ाव रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर एक कांच का पुल बनाया जाना है. यह कांच का पुल चीन शैली पर बनाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन कार्ययोजना बनाने में जुट गया है. इससे आपदा के बाद से वीरान पड़े रामबाड़ा को एक बार फिर देश-दुनिया में नई पहचान मिल सकेगी. मंदाकिनी नदी के ऊपर इस पुल के बनने से पर्यटक खूबसूरत वादियों का दीदार कर सकेंगे.


वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि इस पुल को बनाने के लिए चीन की कंपनी से जल्द ही संपर्क किया जाएगा. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि ये प्रस्ताव पास हो जाएगा. उनकी मानें तो इस पुल को बनाने में करीब 8 से 10 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो साल 2020 तक श्रद्धालु इस पुल का आनंद ले सकेंगे.

देहरादूनः चीन में बने कांच के पुल की तर्ज पर अब भारत में पहला पारदर्शी पुल बनने जा रहा है. ये पुल केदारनाथ धाम के मुख्य पड़ाव रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी के ऊपर बनाया जाएगा. जहां से पर्यटक और यात्री नए रोमांच और प्राकृतिक सौंदर्य का लुत्फ उठा सकेंगे. इसके लिए जिला प्रशासन कवायद में जुट गया है. वहीं, इस पुल के बनने से देवभूमि को देश-दुनिया में नई पहचान मिलेगी.


बता दें कि अभी तक आपने विदेशों में पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरते हुए या फिर समुंद्र के ऊपर बने बड़े-बड़े पुलों को तस्वीरों और इंटरनेट पर देखा होगा. ऐसे कारनामे करने वालों में पड़ोसी देश चीन समेत अन्य देश शामिल हैं. बीते साल चीन ने कांच का ब्रिज बनाकर खूब वाहवाही बटोरी थी. अब भारत में पहली बार इसी तर्ज पर एक कांच की ब्रिज बनने जा रहा है. ये ब्रिज उत्तराखंड के बाबा केदार के धाम में बनाया जाना है. केदार घाटी में साल 2013 की भीषण आपदा के बाद यात्रा पूरी तरह से पटरी से उतर गई थी. ऐसे में यात्रा को दोबारा से पटरी पर लाने के लिए सरकार कई तरह की कोशिशों में जुटी है.


केदार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने और श्रद्धालुओं को बेहतर सुविधा देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार राज्य के संपर्क में रहते हैं. ऐसे में केदारधाम को पूरी तरह से मॉडल तरीके से विकसित करने पर जोर दिया जा रहा है. श्रद्धालुओं की संख्या में बढ़ोतरी और रोमांचकारी पर्यटन के माध्यम से लोगों को केदारधाम की ओर की आकर्षित करने के लिए कई तरह की योजनाएं बनाई जा रही हैं. जहां पर श्रद्धालुओं को भक्ति के साथ रोमांच का लुत्फ ले सकें.

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इसी कड़ी में अब उत्तराखंड के केदारनाथ के मुख्य पड़ाव रामबाड़ा में मंदाकिनी नदी पर एक कांच का पुल बनाया जाना है. यह कांच का पुल चीन शैली पर बनाया जाएगा. इसके लिए जिला प्रशासन कार्ययोजना बनाने में जुट गया है. इससे आपदा के बाद से वीरान पड़े रामबाड़ा को एक बार फिर देश-दुनिया में नई पहचान मिल सकेगी. मंदाकिनी नदी के ऊपर इस पुल के बनने से पर्यटक खूबसूरत वादियों का दीदार कर सकेंगे.


वहीं, जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल का कहना है कि इस पुल को बनाने के लिए चीन की कंपनी से जल्द ही संपर्क किया जाएगा. इसके लिए सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है. ऐसे में उन्हें उम्मीद है कि ये प्रस्ताव पास हो जाएगा. उनकी मानें तो इस पुल को बनाने में करीब 8 से 10 करोड़ रुपये का खर्चा आ सकता है. वहीं, उम्मीद जताई जा रही है कि सबकुछ प्लान के मुताबिक हुआ तो साल 2020 तक श्रद्धालु इस पुल का आनंद ले सकेंगे.

Intro:पहाड़ी इलाकों से होकर गुजरते हुए या फिर समुंद्र के ऊपर से बड़े बड़े पुलो को अब तक आपने इंटरनेट पर या तस्वीरों में देखा होगा कैसे चीन ने बड़े-बड़े ब्रिज ओं का निर्माण किया है खास बात यह है कि बीते कुछ साल से चीन का एक ब्रिज जो कांच से बना है वह बेहद चर्चा का विषय बना हुआ है लिहाजा इसी तर्ज पर अब एक ब्रिज देश में पहली बार बाबा केदार के धाम पर बनने वाला है बाकायदा इसके लिए जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल ने तैयारियां भी शुरू कर दी हैं



केदार घाटी में पर्यटन को बढ़ावा देने और भक्तों को अच्छी सुविधा देने के मकसद से प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लगातार राज्य संपर्क में रहते हैं ऐसे में उत्तराखंड के अधिकारी और नेता इसी कोशिश में है कि किसी तरह से केदारधाम को पूरी तरह से मॉडल तरीके से विकसित किया जाए ताकि जब यहां पर श्रद्धालु आए तू ना केवल भक्ति भाव से परिपूर्ण रहे बल्कि रोमांचकारी मजा ले सके इसी कड़ी में अब उत्तराखंड के केदारधाम में स्थित सोनप्रयाग के पास एक कांच का पुल बनाया जा रहा है यह कांच का पुल ठीक चीन शैली की तरह ही बनाया जाएगा


Body:रुद्रप्रयाग के जिलाधिकारी मंगेश घिल्डियाल की मानें तो इस पुल को बनाने के लिए चीन की कंपनी से जल्दी ही संपर्क किया जाएगा लिहाजा इससे पहले सरकार को प्रस्ताव भेजा जा रहा है और उन्हें उम्मीद है कि यह प्रस्ताव पास हो जाएगा इस पुल को बनाने में लगभग 8 से 10 करोड़ रुपये का खर्चा आएगा । और उम्मीद यही जताई जा रही है कि अगर सबकुछ प्लान के अनुसार हुआ तो साल 2020 की यात्रा के पड़ाव में श्रद्धालु इस पुल का भी आनंद ले सकेंगे



साल 2013 की आपदा के बाद पूरी तरह से पटरी से उतर चुकी यात्रा को दोबारा से शुरू करने के लिए तमाम संस्थाओं सरकार और अधिकारियों ने एड़ी से चोटी तक का जोर लगा रखा है और शायद यही कारण है कि केदारधाम को जितनी जल्दी विकसित किया गया है शायद ही इतनी त्रासदी के बाद किसी इलाके को विकसित किया जा सके श्रद्धालुओं की संख्या बढ़े और रोमांचकारी पर्यटन भी केदारधाम की तरफ आकर्षित हो इसी मकसद से केदारधाम में तरह तरह के काम किए जा रहे हैं


Conclusion:इस पुल की ऊंचाई इतनी होगी कि नीचे बने सोनप्रयाग बाजार मंदाकिनी नदी और दूसरे खूबसूरत वादियों को यहां आने वाले पर्यटक अपने आंखों से ठीक उसी तरह से देख पाएंगे जिस तरह से कोई व्यक्ति हेलीकॉप्टर से नीचे का नजारा दिखता है बहराल यह पुल कब तक तैयार होगा यह तो साफ नहीं है लेकिन शासन और प्रशासन इसकी कवायद तेज जरूर कर दी है
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