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बहनों ने सरहद पर तैनात भाइयों के लिए भेजी राखियां, अनाज से तैयार 'रक्षासूत्र' है खास - रक्षाबंधन 2022

भाई-बहन के अटूट प्रेम का पर्व रक्षाबंधन का त्योहार (Raksha Bandhan 2022) नजदीक है. इसी कड़ी में रुद्रपुर से छात्राओं और महिलाओं ने बॉर्डर पर तैनात जवानों को राखियां और शुभकामनाएं भेजी. देहरादून से भी तिरंगे की थीम पर अनाज से बनाई राखियां सेना, अर्धसैनिक बल और पुलिस के जवानों को भेजी गई.

Girls Sent Rakhi to Brave Soldiers
एक राखी वीर सैनिकों के नाम
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Published : Aug 8, 2022, 7:16 PM IST

Updated : Aug 8, 2022, 7:56 PM IST

देहरादून/रुद्रपुरः रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है. रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर इस प्रेम को और भी प्रगाढ़ बनाती हैं. साथ ही उनकी लंबी उम्र और कामयाबी की कामना करती हैं. इस पर्व पर भी वीर जवान अपने घरों से दूर सरहद की निगहबानी में तैनात हैं. इन आर्मी भाइयों को रुद्रपुर और देहरादून से बहनों ने राखियां भेजी है.

देहरादून से जवानों को भेजी गई अनाज से निर्मित राखियांः देहरादून की बहनों ने आज आर्मी, अर्ध सैनिक और पुलिस के जवानों को 'जय जवान जय किसान' के जय घोष के साथ तिरंगे की थीम पर अनाज से निर्मित सैकड़ों राखियां भेजी. जिसका शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी ने किया. उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत तिरंगे की थीम पर अनाज से राखियां बनाई जा रही है. जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति व समृद्ध भारत निर्माण का संदेश दे रही है.

तिरंगे की थीम पर अनाज से बनाई राखियां बेहद खास.

उन्होंने बताया कि करीब 20 दिनों की मेहनत से 50 से ज्यादा बहनों ने 1100 राखियां बनाई हैं. जिनको सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस बल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदि को भेजा जा रहा है. इसके अलावा महिलाओं की ओर से बनाई गई अनाज युक्त राखियों को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अलावा राज्यपाल आदि को भी भेजा जाएगा.

बहनों ने सरहद पर तैनात भाइयों के लिए भेजी राखियां.

ये भी पढ़ेंः डिजाइनर राखियों को टक्कर दे रहीं गोबर से बनीं वैदिक राखियां, पौड़ी में हो रहीं तैयार

वहीं, दूसरी तरफ रुद्रपुर में स्वयं सुरक्षा अभियान की ओर से 'एक राखी वीर सैनिक के नाम' कार्यक्रम के अंतर्गत जीजीआईसी नगला, पंतनगर की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने वीर सैनिक भाईयों को राखियों के साथ-साथ शुभकामना संदेश भी भेजा. इससे पहले संस्था ने ग्रामीण क्षेत्रों से राखियां एकत्रित की. अब संस्था इन राखियों को आर्मी कैंट और बॉर्डर पर तैनात जवानों को भेजेगी.

स्वयं सुरक्षा अभियान के संस्थापक रजनीश पांडेय ने बताया कि वीर सैनिकों के लिए संस्था ने पूर्व में सैनिकों के सम्मान में एक अभियान चलाया है. जिसमें एक रुपया प्रतिदिन खाते से कट कर सेना के खाते में जाता है. अब संस्था 'एक राखी वीर सैनिक के नाम' कार्यक्रम चला रही है. अब तक सैकड़ों महिलाएं और छात्राएं बॉर्डर में तैनात वीर सैनिकों को रक्षासूत्र (राखी) भेज चुकी हैं.

देहरादून/रुद्रपुरः रक्षाबंधन का पर्व भाई-बहन के अटूट प्रेम का त्योहार है. रक्षाबंधन के दिन बहनें भाई की कलाई पर रक्षा सूत्र बांधकर इस प्रेम को और भी प्रगाढ़ बनाती हैं. साथ ही उनकी लंबी उम्र और कामयाबी की कामना करती हैं. इस पर्व पर भी वीर जवान अपने घरों से दूर सरहद की निगहबानी में तैनात हैं. इन आर्मी भाइयों को रुद्रपुर और देहरादून से बहनों ने राखियां भेजी है.

देहरादून से जवानों को भेजी गई अनाज से निर्मित राखियांः देहरादून की बहनों ने आज आर्मी, अर्ध सैनिक और पुलिस के जवानों को 'जय जवान जय किसान' के जय घोष के साथ तिरंगे की थीम पर अनाज से निर्मित सैकड़ों राखियां भेजी. जिसका शुभारंभ आध्यात्मिक गुरु आचार्य विपिन जोशी ने किया. उन्होंने बताया कि आजादी का अमृत महोत्सव के तहत तिरंगे की थीम पर अनाज से राखियां बनाई जा रही है. जो भारत की राष्ट्रीय सुरक्षा के प्रति व समृद्ध भारत निर्माण का संदेश दे रही है.

तिरंगे की थीम पर अनाज से बनाई राखियां बेहद खास.

उन्होंने बताया कि करीब 20 दिनों की मेहनत से 50 से ज्यादा बहनों ने 1100 राखियां बनाई हैं. जिनको सेना, अर्धसैनिक बल, पुलिस बल के साथ प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आदि को भेजा जा रहा है. इसके अलावा महिलाओं की ओर से बनाई गई अनाज युक्त राखियों को मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के अलावा राज्यपाल आदि को भी भेजा जाएगा.

बहनों ने सरहद पर तैनात भाइयों के लिए भेजी राखियां.

ये भी पढ़ेंः डिजाइनर राखियों को टक्कर दे रहीं गोबर से बनीं वैदिक राखियां, पौड़ी में हो रहीं तैयार

वहीं, दूसरी तरफ रुद्रपुर में स्वयं सुरक्षा अभियान की ओर से 'एक राखी वीर सैनिक के नाम' कार्यक्रम के अंतर्गत जीजीआईसी नगला, पंतनगर की छात्राओं और शिक्षिकाओं ने वीर सैनिक भाईयों को राखियों के साथ-साथ शुभकामना संदेश भी भेजा. इससे पहले संस्था ने ग्रामीण क्षेत्रों से राखियां एकत्रित की. अब संस्था इन राखियों को आर्मी कैंट और बॉर्डर पर तैनात जवानों को भेजेगी.

स्वयं सुरक्षा अभियान के संस्थापक रजनीश पांडेय ने बताया कि वीर सैनिकों के लिए संस्था ने पूर्व में सैनिकों के सम्मान में एक अभियान चलाया है. जिसमें एक रुपया प्रतिदिन खाते से कट कर सेना के खाते में जाता है. अब संस्था 'एक राखी वीर सैनिक के नाम' कार्यक्रम चला रही है. अब तक सैकड़ों महिलाएं और छात्राएं बॉर्डर में तैनात वीर सैनिकों को रक्षासूत्र (राखी) भेज चुकी हैं.

Last Updated : Aug 8, 2022, 7:56 PM IST
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