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स्कूल तो खोल दिया लेकिन भवन बनाना भूल गई सरकार, जान जोखिम में डालकर पढ़ रहीं छात्राएं

जिला पंचायत के जर्जर भवन में चल रहा बालिका इंटर कॉलेज कभी भी धराशायी हो सकता है. बरसात के चलते खस्ताहाल भवन में जगह-जगह से पानी भी टपकता है.

जर्जर इमारत
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Published : Jul 25, 2019, 7:20 PM IST

Updated : Jul 26, 2019, 12:05 AM IST

देहरादूनः एक तरफ सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी राजधानी से कुछ ही दूरी पर स्थित जौनसार बावर में देखी जा सकती है. जहां छात्राएं एक जर्जर इमारत में पढ़ रहीं हैं. 300 छात्राओं वाले इस कॉलेज में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. हम बात कर रहे हैं यहां के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की जोकि जिला पंचायत के खस्ताहाल भवन में चल रहा है. जान जोखिम में डालकर यहां छात्राएं पढ़ने आ रहीं हैं. बारिश के मौसम में स्थिति काफी खतरनाक होती है.

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने तत्कालीन सरकार से जौनसार बावर में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय बालिका विद्यालय की मांग की थी. वर्ष 2010 में सरकार द्वारा साहिया में कक्षा 6 से लेकर 12 तक की स्वीकृति प्रदान की गई. उसी वर्ष विद्यालय को संचालित करने के लिए जिला पंचायत के जर्जर भवन में संचालन शुरू किया गया.

खस्ताहाल इमारत में चल रहा है बालिका इंटर कॉलेज.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी करना दर्शन लाल को पड़ा महंगा, कांग्रेस ने थमाया नोटिस

9 वर्षों से लगातार अभिभावकों ने विद्यालय भवन को लेकर शिक्षा विभाग और सरकार तक भवन निर्माण की मांग की, लेकिन शिक्षा विभाग को भूमि चयन करने में 9 वर्ष बीत गए और विद्यालय का भवन नहीं बन सका. जबकि स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय भवन के लिए भूमि दान कर चुके हैं.

जिला पंचायत के जर्जर भवन में छोटे-छोटे 6 कमरे हैं, जबकि छात्राओं को बैठने की सुविधा न होने के कारण वे बरामदे में बैठने को मजबूर हैं. वहीं इन दिनों में बरसात के चलते खस्ताहाल भवन में जगह-जगह से पानी भी टपकता है.

छात्राओं के लिए न ही कोई मैदान है, न ही कोई अन्य सुविधाएं. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साहिया में विद्यालय तो खोल दिया गया है लेकिन सरकार भवन बनाना भूल गई. ग्रामीणों ने शीघ्र ही विद्यालय भवन निर्माण की मांग की है.

वहीं प्रभारी प्रधानाचार्य सोनिया रानी ने बताया कि ग्राम पंचायत कनबुआ के ग्रामीणों द्वारा विद्यालय भवन के लिए भूमि दान कर दी गई है, वह भूमि शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है. आगे कार्रवाई चल रही है.

देहरादूनः एक तरफ सरकार लड़कियों की शिक्षा के लिए बड़े-बड़े दावे करती है, लेकिन जमीनी हकीकत कुछ और ही है. इसकी बानगी राजधानी से कुछ ही दूरी पर स्थित जौनसार बावर में देखी जा सकती है. जहां छात्राएं एक जर्जर इमारत में पढ़ रहीं हैं. 300 छात्राओं वाले इस कॉलेज में कभी भी बड़ा हादसा हो सकता है. हम बात कर रहे हैं यहां के राजकीय बालिका इंटर कॉलेज की जोकि जिला पंचायत के खस्ताहाल भवन में चल रहा है. जान जोखिम में डालकर यहां छात्राएं पढ़ने आ रहीं हैं. बारिश के मौसम में स्थिति काफी खतरनाक होती है.

जानकारी के अनुसार ग्रामीणों ने तत्कालीन सरकार से जौनसार बावर में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय बालिका विद्यालय की मांग की थी. वर्ष 2010 में सरकार द्वारा साहिया में कक्षा 6 से लेकर 12 तक की स्वीकृति प्रदान की गई. उसी वर्ष विद्यालय को संचालित करने के लिए जिला पंचायत के जर्जर भवन में संचालन शुरू किया गया.

खस्ताहाल इमारत में चल रहा है बालिका इंटर कॉलेज.

यह भी पढ़ेंः प्रदेश अध्यक्ष के खिलाफ बयानबाजी करना दर्शन लाल को पड़ा महंगा, कांग्रेस ने थमाया नोटिस

9 वर्षों से लगातार अभिभावकों ने विद्यालय भवन को लेकर शिक्षा विभाग और सरकार तक भवन निर्माण की मांग की, लेकिन शिक्षा विभाग को भूमि चयन करने में 9 वर्ष बीत गए और विद्यालय का भवन नहीं बन सका. जबकि स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय भवन के लिए भूमि दान कर चुके हैं.

जिला पंचायत के जर्जर भवन में छोटे-छोटे 6 कमरे हैं, जबकि छात्राओं को बैठने की सुविधा न होने के कारण वे बरामदे में बैठने को मजबूर हैं. वहीं इन दिनों में बरसात के चलते खस्ताहाल भवन में जगह-जगह से पानी भी टपकता है.

छात्राओं के लिए न ही कोई मैदान है, न ही कोई अन्य सुविधाएं. बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के उद्देश्य से साहिया में विद्यालय तो खोल दिया गया है लेकिन सरकार भवन बनाना भूल गई. ग्रामीणों ने शीघ्र ही विद्यालय भवन निर्माण की मांग की है.

वहीं प्रभारी प्रधानाचार्य सोनिया रानी ने बताया कि ग्राम पंचायत कनबुआ के ग्रामीणों द्वारा विद्यालय भवन के लिए भूमि दान कर दी गई है, वह भूमि शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है. आगे कार्रवाई चल रही है.

Intro:राजकीय बालिका इंटर कॉलेज 9 वर्षों से चल रहा है जिला पंचायत के खस्ताहाल भवन में 300 छात्राएं विद्यालय में है अध्ययनरत 9 वर्षों में भी नहीं है अपना भवन जर्जर भवन में पढ़ने को मजबूर सरकार ने नहीं ली सुध .


Body:जौनसार बावर के ग्रामीणों ने तत्काल सरकार से जौनसार बावर में बालिका शिक्षा को बढ़ावा देने के लिए राजकीय बालिका विद्यालय की मांग की थी वर्ष 2010 में तत्काल सरकार द्वारा साहिया में कक्षा 6 से लेकर 12 तक की स्वीकृति प्रदान की गई उसी वर्ष विद्यालय को संचालित करने के लिए जिला पंचायत के जर्जर भवन में संचालन शुरू किया गया 9 वर्षों से लगातार अभिभावकों ने विद्यालय भवन को लेकर शिक्षा विभाग से लेकर सरकार तक भवन निर्माण की मांग की बावजूद इसके शिक्षा विभाग को भूमि चयन करने में 9 वर्ष बीत गए लेकिन विद्यालय का भवन नहीं बन सका जबकि स्थानीय ग्रामीणों ने विद्यालय भवन को भूमि दान कर चुके हैं जिला पंचायत के जर्जर भवन में छोटे-छोटे मात्र 6 कमरे हैं जबकि छात्राओं को बैठने की सुविधा ना होने के कारण ब्रह्मदेव में नीचे बैठने को मजबूर है वहीं इन दिनों में बरसात के चलते हैं खस्ताहाल भवन में जगह-जगह से पानी भी टपकता है छात्राओं के लिए ना ही कोई मैदान है नहीं कोई अन्य सुविधाएं जुटा पाना संभव है बालिका शिक्षा को बढ़ा देने के उद्देश्य से साहिया में विद्यालय तो खोल दिया गया है लेकिन भवन बनाना भूल गई है सरकार स्थानीय ग्रामीणों ने शीघ्र ही विद्यालय भवन निर्माण की मांग की है


Conclusion:वही प्रभारी प्रधानाचार्य सोनिया रानी ने बताया कि ग्राम पंचायत कनबुआ के ग्रामीणों द्वारा विद्यालय भवन निर्माण के लिए भूमि दान कर दी गई है वह भूमि शिक्षा विभाग को हस्तांतरित कर दी गई है आगे कार्रवाई चल रही है.
Last Updated : Jul 26, 2019, 12:05 AM IST
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