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Ginger Farming: जौनसार बावर में अदरक की फसल से लहलहा रहे खेत, किसानों को अच्छे दाम मिलने की उम्मीद - अदरक में नुकसान हुआ

Jaunsar Ginger Farming उत्तराखंड का जौनसार बावर का इलाका अनाज, फल, सब्जियों और मसालों के उत्पादन के लिए जाना जाता है. इन दिनों जौनसार बावर में अदरक की फसल लहलहा रही है. पिछली बार किसानों को अदरक के दाम बढ़िया नहीं मिल पाए थे, इस बार उन्हें ज्यादा फायदा होने की उम्मीद है.

Ginger Farming
अदरक की खेती
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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Sep 1, 2023, 1:13 PM IST

Updated : Sep 25, 2023, 1:02 PM IST

जौनसार बावर के खेतों से रिपोर्ट

विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र में अदरक उत्पादक किसानों को पिछले साल अदरक के बीजों के दाम भी नहीं मिल पाए थे. इस साल अदरक की फसल खराब होने के बावजूद भी मंडियों मे अच्छे भाव की उम्मीद है. हमारे संवाददाता ने जौनसार बावर के पहाड़ी इलाकों में अदरक के खेतों में जाकर जायजा लिया.

Ginger Farming
जौनसार बावर में अदरक की फसल

जौनसार बावर में होती है अदरक की खेती: जौनसार बावर क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृर्षि पर आधारित है. क्षेत्र के किसान पारम्परिक खेती के साथ साथ नकदी फसलों, मसाले, सलाद, सब्जियों एवं चाय में उपयोग होने वाली अदरक की खेती बहुयातात में करते आए हैं. कुछ सालों से अदरक की खेती करने वाले किसानों को कुछ खास मुनाफा नजर नहीं आ रहा है. इसके चलते अब धीरे धीरे अदरक की खेती से किसान मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं

Ginger Farming
कई परिवार अदरक की खेती करते हैं

पिछले साल अदरक में नुकसान हुआ था: जौनसार के सहिया क्षेत्र के आसपास के गांवों के किसानों ने अदरक की खेती को ही मुख्य फसल के रूप में अपनाया हुआ है. अदरक के मुख्य उत्पादक तारली गांव के करीब पचास परिवार आज भी अदरक की खेती पर फोकस करते आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले साल कई हेक्टेयर में अदरक की खेती की गई थी. लेकिन मंडियों में अच्छी कीमत नहीं मिलने से किसानों को लाभ नहीं मिल पाया था. इस कारण अब किसान अदरक का रकबा सीमित करते नजर आ रहे हैं.

Ginger Farming
अदरक मंडी में जाने को तैयार

किसान का पूरा परिवार करता है खेत में मेहनत: अदरक के उत्पादन में किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ खेतों में समय से निराई, गुड़ाई और समय पर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की आवश्यकता भी पड़ती रहती है. बावजूद इसके कई किसानों की अदरक की फसल में बीमारी लग जाती है. इससे अदरक की फसल खराब होने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है. अधिकतर किसानों ने अदरक के बीज की खरीद के लिए बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण भी लिया हुआ है. ऐसे में जिन किसानों की अदरक की फसल खराब हो चुकी है, उनके आगे बैकों के ऋण अदा करने की समस्या भी सामने आ सकती है. वहीं जिन किसानों के खेतों में अदरक की फसल में बीमारी नहीं लगी है, उन किसानों को उम्मीद है कि इस साल अदरक के अच्छे दाम मंडियों मे मिल सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिकि में सुधार हो सकता है.

Ginger Farming
पिछले साल अदरक के कम दाम मिले थे.

इस बार किसानों को अच्छी कीमत की उम्मीद: तारली गांव के किसान नीटू तोमर कहते हैं कि अदरक की फसल को तैयार करने में किसान का पूरा परिवार रात दिन मेहनत करता है. इसके बावजूद फसल खराब हो जाए तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है. वहीं मंडियों में भी किसानों को वाजिब दाम नहीं मिलते हैं तो किसान बेहद ही परेशानियों को झेलने पर मजबूर हो जाते हैं. हालांकि इस साल अभी मंडियों में अदरक प्रति किलो 80 रुपये से 100 रुपये तक बिक रहा. अगर भाव सही रहा तो इस साल किसानों को लागत के अनुसार लाभ होने की उम्मीद जगी हुई है.
ये भी पढ़ें: Vegetable Rate: जौनसार बावर में ₹20 रुपए किलो मिल रहे हरी धनिया के दाम, मिर्च ने भी निकाले किसानों के आंसू

जौनसार बावर के खेतों से रिपोर्ट

विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र में अदरक उत्पादक किसानों को पिछले साल अदरक के बीजों के दाम भी नहीं मिल पाए थे. इस साल अदरक की फसल खराब होने के बावजूद भी मंडियों मे अच्छे भाव की उम्मीद है. हमारे संवाददाता ने जौनसार बावर के पहाड़ी इलाकों में अदरक के खेतों में जाकर जायजा लिया.

Ginger Farming
जौनसार बावर में अदरक की फसल

जौनसार बावर में होती है अदरक की खेती: जौनसार बावर क्षेत्र का मुख्य व्यवसाय कृर्षि पर आधारित है. क्षेत्र के किसान पारम्परिक खेती के साथ साथ नकदी फसलों, मसाले, सलाद, सब्जियों एवं चाय में उपयोग होने वाली अदरक की खेती बहुयातात में करते आए हैं. कुछ सालों से अदरक की खेती करने वाले किसानों को कुछ खास मुनाफा नजर नहीं आ रहा है. इसके चलते अब धीरे धीरे अदरक की खेती से किसान मुंह मोड़ते नजर आ रहे हैं

Ginger Farming
कई परिवार अदरक की खेती करते हैं

पिछले साल अदरक में नुकसान हुआ था: जौनसार के सहिया क्षेत्र के आसपास के गांवों के किसानों ने अदरक की खेती को ही मुख्य फसल के रूप में अपनाया हुआ है. अदरक के मुख्य उत्पादक तारली गांव के करीब पचास परिवार आज भी अदरक की खेती पर फोकस करते आ रहे हैं. किसानों का कहना है कि पिछले साल कई हेक्टेयर में अदरक की खेती की गई थी. लेकिन मंडियों में अच्छी कीमत नहीं मिलने से किसानों को लाभ नहीं मिल पाया था. इस कारण अब किसान अदरक का रकबा सीमित करते नजर आ रहे हैं.

Ginger Farming
अदरक मंडी में जाने को तैयार

किसान का पूरा परिवार करता है खेत में मेहनत: अदरक के उत्पादन में किसानों को काफी मेहनत करनी पड़ती है. परिवार के सभी सदस्यों को एक साथ खेतों में समय से निराई, गुड़ाई और समय पर कीटनाशक दवाओं के छिड़काव की आवश्यकता भी पड़ती रहती है. बावजूद इसके कई किसानों की अदरक की फसल में बीमारी लग जाती है. इससे अदरक की फसल खराब होने से किसानों को नुकसान झेलना पड़ता है. अधिकतर किसानों ने अदरक के बीज की खरीद के लिए बैंकों से किसान क्रेडिट कार्ड के माध्यम से ऋण भी लिया हुआ है. ऐसे में जिन किसानों की अदरक की फसल खराब हो चुकी है, उनके आगे बैकों के ऋण अदा करने की समस्या भी सामने आ सकती है. वहीं जिन किसानों के खेतों में अदरक की फसल में बीमारी नहीं लगी है, उन किसानों को उम्मीद है कि इस साल अदरक के अच्छे दाम मंडियों मे मिल सकते हैं, जिससे उनकी आर्थिकि में सुधार हो सकता है.

Ginger Farming
पिछले साल अदरक के कम दाम मिले थे.

इस बार किसानों को अच्छी कीमत की उम्मीद: तारली गांव के किसान नीटू तोमर कहते हैं कि अदरक की फसल को तैयार करने में किसान का पूरा परिवार रात दिन मेहनत करता है. इसके बावजूद फसल खराब हो जाए तो किसानों की मेहनत पर पानी फिर जाता है. वहीं मंडियों में भी किसानों को वाजिब दाम नहीं मिलते हैं तो किसान बेहद ही परेशानियों को झेलने पर मजबूर हो जाते हैं. हालांकि इस साल अभी मंडियों में अदरक प्रति किलो 80 रुपये से 100 रुपये तक बिक रहा. अगर भाव सही रहा तो इस साल किसानों को लागत के अनुसार लाभ होने की उम्मीद जगी हुई है.
ये भी पढ़ें: Vegetable Rate: जौनसार बावर में ₹20 रुपए किलो मिल रहे हरी धनिया के दाम, मिर्च ने भी निकाले किसानों के आंसू

Last Updated : Sep 25, 2023, 1:02 PM IST
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