ETV Bharat / state

गढ़वाल लोक सभा सीट पर सियासत और चुनावी समीकरण, देखिए खास रिपोर्ट - हॉट सीट

गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल तक फैला है. बावन गढ़ों वाली यह सीट हिंदुओं के पवित्र तीर्थ बद्रीनाथ से शुरू होकर केदारनाथ के साथ ही सिक्खों के पवित्र हेमकुंड साहिब से होते हुए मैदान की ओर उतरती है. जिसके बाद तराई में रामनगर व कोटद्वार पहुंचकर समाप्त होती है.

लोकसभा चुनाव
author img

By

Published : Mar 30, 2019, 7:42 PM IST

देहरादून: देशभर में चुनावी चकल्लस के साथ चुनावी वादों और दावों का शोर है. राजनीतिक दल चुनाव की चुनौती से निपटने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. शह और मात के इस खेल में हर कोई अपनी-अपनी बाजीगरी दिखा कर बहुमत का ताज अपने सिर पर सजाना चाहता हैं. ऐसे में सत्ता, सियासत और सीटों के गुणा-भाग से लेकर चुनावी समीकरणों पर डालते हैं एक नजर, देखिए खास रिपोर्ट...

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का चुनावी गणित


बता दें कि गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस समय गढ़वाल लोकसभा पर बीजेपी का कब्जा है और मेजर जरनल भुवन चंद्र खंडूड़ी यहां से सांसद हैं. उन्होंने 2014 में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को बड़े अंतर से गढ़वाल लोकसभा सीट पर हराया था. गढ़वाल लोकसभा में चार जिलों की 14 विधानसभाएं आती हैं.

गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल तक फैला है. बावन गढ़ों वाली यह सीट हिंदुओं के पवित्र तीर्थ बद्रीनाथ से शुरू होकर केदारनाथ के साथ ही सिक्खों के पवित्र हेमकुंड साहिब से होते हुए मैदान की ओर उतरती है. जिसके बाद तराई में रामनगर व कोटद्वार पहुंचकर समाप्त होती है. बात गढ़वाल सीट की करें तो 1557 में हुए परिसीमन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई थी . इस सीट पर अमूमन बीजेपी और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. ये सीट शुरू से ही सैनिक बाहुल्य सीट मानी जाती है. आजादी 1952 से 1977 तक इस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा. 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ लहर के दौरान कांग्रेस को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और जनता पार्टी के जगन्नाथ शर्मा यहां से चुनाव जीते.
कब कौन रहा गढ़वाल सांसद
साल पार्टी सांसद का नाम
1952 कांग्रेस भक्त दर्शन
1957 कांग्रेस भक्त दर्शन
1962 कांग्रेस भक्त दर्शन
1967 कांग्रेस भक्त दर्शन
1971 कांग्रेस प्रताप सिंह नेगी
1977 जनता पार्टी जगन्नाथ शर्मा
1980 जनता पार्टी(सेकुलर) हेमवती नंदन बहुगुणा
1984 कांग्रेस चंद्र मोहन सिंह नेगी
1989 कांग्रेस चंद्र मोहन सिंह नेगी
1991 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
1996 कांग्रेस सतपाल महाराज
1998 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
1999 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
2004 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
2007 बीजेपी तेज पाल सिंह रावत
2009 कांग्रेस सतपाल महाराज
2014 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी



वहीं, अब सत्रहवीं लोकसभा के चुनावों में गढ़वाल सीट पर मुकाबला बेहद ही रोचक होने वाला है. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर तीरथ सिंह को उतारा है जो कि भुवन चंद्र खंडूड़ी के शिष्य हैं. इनके अलावा इस सीट पर 7 और प्रत्याशी चुनावी में मैदान में हैं.

गढ़वाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार
मनीष खंडूड़ी कांग्रेस
तीरथ सिंह रावत बीजेपी
शांति प्रसाद भट्ट यूकेडी


2014 में गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की संख्या
पुरुष 6,52,083
महिला 6,16,192
कुल 12, 69, 083


भौगोलिक कारणों की वजह से यहां पर शहरीकरण की रफ्तार काफी धीमी है. जिसके कारण इस संसदीय क्षेत्र की ज्यादातर जनता ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 18.76 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.13 प्रतिशत है. साल 2014 में इस सीट पर मतदान प्रतिशत 53.74 रहा था. बातअगर इस बार होने वाले चुनावों की करें तो इस बार गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 13, 37, 306 लाख है. जिनमें पुरुषों की संख्या 6, 65, 589 है. जबकि महिलाओं मतदाताओं कीसंख्या 6, 38, 050 है.

2019 में गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की संख्या
पुरुष 6, 65, 589
महिला 6, 38, 050
कुल 13, 37, 306


बहरहाल, 2019 में होने वाले मतदान के लिए कुल 2253 पोलिंग बूथ बनाए गये हैं. चुनाव आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नये-नये प्रयास कर रहा है. जो कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सराहनीय कदम है. सैनिक बाहुल्य सीट कही जाने वाली गढ़वाल लोकसभा में आने वाले चुनावों में 'महाभारत' देखने को मिलेगा. इस सीट पर पिता, पुत्र के साथ ही शिष्य चुनावी मैदान में है. जहां 'पिता' प्रचारक की भूमिका में होंगे तो वहीं शिष्य और पुत्र चुनावी समर के योद्धा के रूप में एक दूसरे के आमने सामने होंगे. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि रिटायर्ड मेजर जरनल की इस हॉट सीट पर कौन उनका बाजी मारता है.

देहरादून: देशभर में चुनावी चकल्लस के साथ चुनावी वादों और दावों का शोर है. राजनीतिक दल चुनाव की चुनौती से निपटने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं. शह और मात के इस खेल में हर कोई अपनी-अपनी बाजीगरी दिखा कर बहुमत का ताज अपने सिर पर सजाना चाहता हैं. ऐसे में सत्ता, सियासत और सीटों के गुणा-भाग से लेकर चुनावी समीकरणों पर डालते हैं एक नजर, देखिए खास रिपोर्ट...

पौड़ी गढ़वाल लोकसभा सीट का चुनावी गणित


बता दें कि गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस समय गढ़वाल लोकसभा पर बीजेपी का कब्जा है और मेजर जरनल भुवन चंद्र खंडूड़ी यहां से सांसद हैं. उन्होंने 2014 में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को बड़े अंतर से गढ़वाल लोकसभा सीट पर हराया था. गढ़वाल लोकसभा में चार जिलों की 14 विधानसभाएं आती हैं.

गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल तक फैला है. बावन गढ़ों वाली यह सीट हिंदुओं के पवित्र तीर्थ बद्रीनाथ से शुरू होकर केदारनाथ के साथ ही सिक्खों के पवित्र हेमकुंड साहिब से होते हुए मैदान की ओर उतरती है. जिसके बाद तराई में रामनगर व कोटद्वार पहुंचकर समाप्त होती है. बात गढ़वाल सीट की करें तो 1557 में हुए परिसीमन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई थी . इस सीट पर अमूमन बीजेपी और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. ये सीट शुरू से ही सैनिक बाहुल्य सीट मानी जाती है. आजादी 1952 से 1977 तक इस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा. 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ लहर के दौरान कांग्रेस को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और जनता पार्टी के जगन्नाथ शर्मा यहां से चुनाव जीते.
कब कौन रहा गढ़वाल सांसद
साल पार्टी सांसद का नाम
1952 कांग्रेस भक्त दर्शन
1957 कांग्रेस भक्त दर्शन
1962 कांग्रेस भक्त दर्शन
1967 कांग्रेस भक्त दर्शन
1971 कांग्रेस प्रताप सिंह नेगी
1977 जनता पार्टी जगन्नाथ शर्मा
1980 जनता पार्टी(सेकुलर) हेमवती नंदन बहुगुणा
1984 कांग्रेस चंद्र मोहन सिंह नेगी
1989 कांग्रेस चंद्र मोहन सिंह नेगी
1991 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
1996 कांग्रेस सतपाल महाराज
1998 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
1999 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
2004 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी
2007 बीजेपी तेज पाल सिंह रावत
2009 कांग्रेस सतपाल महाराज
2014 बीजेपी भुवन चंद्र खंडूड़ी



वहीं, अब सत्रहवीं लोकसभा के चुनावों में गढ़वाल सीट पर मुकाबला बेहद ही रोचक होने वाला है. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर तीरथ सिंह को उतारा है जो कि भुवन चंद्र खंडूड़ी के शिष्य हैं. इनके अलावा इस सीट पर 7 और प्रत्याशी चुनावी में मैदान में हैं.

गढ़वाल लोकसभा सीट से उम्मीदवार
मनीष खंडूड़ी कांग्रेस
तीरथ सिंह रावत बीजेपी
शांति प्रसाद भट्ट यूकेडी


2014 में गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की संख्या
पुरुष 6,52,083
महिला 6,16,192
कुल 12, 69, 083


भौगोलिक कारणों की वजह से यहां पर शहरीकरण की रफ्तार काफी धीमी है. जिसके कारण इस संसदीय क्षेत्र की ज्यादातर जनता ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 18.76 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.13 प्रतिशत है. साल 2014 में इस सीट पर मतदान प्रतिशत 53.74 रहा था. बातअगर इस बार होने वाले चुनावों की करें तो इस बार गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 13, 37, 306 लाख है. जिनमें पुरुषों की संख्या 6, 65, 589 है. जबकि महिलाओं मतदाताओं कीसंख्या 6, 38, 050 है.

2019 में गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की संख्या
पुरुष 6, 65, 589
महिला 6, 38, 050
कुल 13, 37, 306


बहरहाल, 2019 में होने वाले मतदान के लिए कुल 2253 पोलिंग बूथ बनाए गये हैं. चुनाव आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नये-नये प्रयास कर रहा है. जो कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सराहनीय कदम है. सैनिक बाहुल्य सीट कही जाने वाली गढ़वाल लोकसभा में आने वाले चुनावों में 'महाभारत' देखने को मिलेगा. इस सीट पर पिता, पुत्र के साथ ही शिष्य चुनावी मैदान में है. जहां 'पिता' प्रचारक की भूमिका में होंगे तो वहीं शिष्य और पुत्र चुनावी समर के योद्धा के रूप में एक दूसरे के आमने सामने होंगे. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि रिटायर्ड मेजर जरनल की इस हॉट सीट पर कौन उनका बाजी मारता है.

Intro:Body:

गढ़वाल लोक सभा सीट पर सियासत और चुनावी समीकरण, देखिए खास रिपोर्ट 

 



देहरादून: देशभर में चुनावी चकल्लस के साथ चुनावी वादों और दावों का शोर है. राजनीतिक दल चुनाव की चुनौती से निपटने के लिए तरह-तरह के हथकंडे अपना रहे हैं.  शह और मात के इस खेल में हर कोई अपनी-अपनी बाजीगरी दिखा कर बहुमत का ताज अपने सिर पर सजाना चाहता हैं. ऐसे में सत्ता, सियासत और सीटों के गुणा-भाग से लेकर चुनावी समीकरणों पर डालते हैं एक नजर, देखिए खास रिपोर्ट... 

बता दें कि गढ़वाल लोकसभा सीट पर इस समय गढ़वाल लोकसभा पर बीजेपी का कब्जा है और मेजर जरनल भुवन चंद्र खंडूड़ी यहां से सांसद हैं. उन्होंने 2014 में कांग्रेस के कद्दावर नेता हरक सिंह रावत को बड़े अंतर से  गढ़वाल लोकसभा सीट पर हराया था. गढ़वाल लोकसभा में चार जिलों की 14 विधानसभाएं आती हैं.

 गढ़वाल लोकसभा क्षेत्र चमोली, पौड़ी, रुद्रप्रयाग और टिहरी गढ़वाल तक फैला है. बावन गढ़ों वाली यह सीट हिंदुओं के पवित्र तीर्थ बद्रीनाथ से शुरू होकर केदारनाथ के साथ ही सिक्खों के पवित्र हेमकुंड साहिब से होते हुए मैदान की ओर उतरती है. जिसके बाद तराई में रामनगर व कोटद्वार पहुंचकर समाप्त होती है.  

बात करें गढ़वाल सीट की करे तो 1557 में हुए परिसीमन के बाद ये सीट अस्तित्व में आई थी . इस सीट पर अमूमन बीजेपी और कांग्रेस का ही कब्जा रहा है. ये सीट शुरू से ही सैनिक बाहुल्य सीट मानी जाती है. आजादी 1952 से 1977 तक इस सीट पर लगातार कांग्रेस का कब्जा रहा. 1977 में इंदिरा गांधी के खिलाफ लहर के दौरान कांग्रेस को यहां हार का मुंह देखना पड़ा और जनता पार्टी के जगन्नाथ शर्मा यहां से चुनाव जीते. 

कब कौन रहा गढ़वाल का सांसद

साल        पार्टी    सांसद का नाम 

1952     कांग्रेस             भक्त दर्शन  

1957    कांग्रेस             भक्त दर्शन  

1962    कांग्रेस               भक्त दर्शन  

1967    कांग्रेस           भक्त दर्शन  

1971     कांग्रेस         प्रताप सिंह नेगी 

1977      जनता पार्टी    जगन्नाथ शर्मा 

1980     जनता पार्टी(सेकुलर) हेमवती नंदन बहुगुणा

1984    कांग्रेस                          चंद्र मोहन सिंह नेगी 

1989  कांग्रेस                             चंद्र मोहन सिंह नेगी

1991     बीजेपी                      भुवन चंद्र खंडूड़ी 

 1996    कांग्रेस                         सतपाल महाराज 

1998    बीजेपी                               भुवन चंद्र खंडूड़ी 

1999    बीजेपी                                   भुवन चंद्र खंडूड़ी 

2004    बीजेपी                                  भुवन चंद्र खंडूड़ी 

2007   बीजेपी            तेज पाल सिंह रावत

2009    कांग्रेस                               सतपाल महाराज 

2014   बीजेपी                                   भुवन चंद्र खंडूड़ी 



वहीं, अब सत्रहवी लोकसभा के चुनावों में गढ़वाल सीट पर मुकाबला बेहद  ही रोचक होने वाला है. इस सीट से पूर्व मुख्यमंत्री और बीजेपी सांसद भुवन चंद्र खंडूड़ी के बेटे मनीष खंडूड़ी कांग्रेस प्रत्याशी के रूप में चुनाव मैदान है. वहीं, दूसरी ओर बीजेपी ने प्रत्याशी के तौर पर तीरथ सिंह को उतारा है जो कि भुवन चंद्र खंडूड़ी के शिष्य हैं. इनके अलावा इस सीट पर 7 और प्रत्याशी चुनावी में मैदान में हैं.

गढ़वाल सीट के बड़े चेहरे 

मनीष खंडूड़ी, कांग्रेस

तीरथ सिंह रावत, बीजेपी

शांति प्रसाद भट्ट, यूकेडी 



गढ़वाल सीट पर साल 2014 में मतदाता

कुल- 12, 69, 083 

पुरुष- 6,52 ,891 

महिला- 6,16,192...

साल 2014 में मतदान प्रतिशत 53.74 रहा था. 

भौगोलिक कारणों की वजह से यहां पर शहरीकरण की रफ्तार काफी धीमी है. जिसके कारण इस संसदीय क्षेत्र की ज्यादातर जनता ग्रामीण इलाकों में निवास करती है. यहां पर अनुसूचित जाति के लोगों की संख्या 18.76 फीसदी है, जबकि अनुसूचित जनजाति की आबादी 1.13 प्रतिशत है.

बात अगर इस बार होने वाले चुनावों की करें तो इस बार गढ़वाल सीट पर मतदाताओं की कुल संख्या 13, 37, 306 लाख है. जिनमें पुरुषों की संख्या 6, 65, 589 है जबकि महिलाओं की संख्या 6, 38, 050 है.

2019 में मतदाताओं की संख्या

कुल-13, 37, 306 

पुरुष-  6, 65, 589 

महिला- 6, 38, 050 

2019  में होने वाले मतदान के  लिए कुल 2253 पोलिंग बूथ बनाए गये हैं. चुनाव आयोग लगातार मतदान प्रतिशत बढ़ाने के लिए नये-नये प्रयास कर रहा है. जो कि लोकतंत्र की मजबूती के लिए एक सराहनीय कदम है.

सैनिक बाहुल्य सीट कही जाने वाली गढ़वाल लोकसभा में आने वाले चुनावों में 'महाभारत' देखने को मिलेगा. इस सीट पर पिता, पुत्र के साथ ही शिष्य चुनावी मैदान में है. जहां 'पिता' प्रचारक की भूमिका में होंगे तो वहीं शिष्य और पुत्र चुनावी समर के योद्धा के रूप में एक दूसरे के आमने सामने होंगे. ऐसे में देखने वाली बात ये होगी कि रिटायर्ड मेजर जरनल की इस हॉट सीट पर कौन उनका उत्तराधिकारी बनता है.

 

 


Conclusion:
ETV Bharat Logo

Copyright © 2025 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.