ऋषिकेश: चारधाम यात्रा को लेकर गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार एक्शन में दिखाई दे रहे हैं. व्यवस्थाओं को लेकर दो बार बैठक करने के बाद गढ़वाल कमिश्नर ने इस बार बीटीसी परिसर का निरीक्षण किया. इस दौरान तमाम व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों से फीडबैक लेकर उन्हें व्यवस्थाओं को ज्यादा दुरुस्त करने के निर्देश दिए हैं. इसके साथ ही मुख्य रूप से गढ़वाल कमिश्नर का फोकस पार्किंग और यात्रियों की सुविधाओं को लेकर है.
मंगलवार शाम गढ़वाल कमिश्नर सुशील कुमार अचानक बीटीसी परिसर का निरीक्षण करने पहुंचे. इस दौरान उन्होंने सर्वप्रथम यात्रा पर जाने वाले श्रद्धालुओं के लिए की गई पंजीकरण की व्यवस्था को देखा. इस दौरान उन्होंने खुद का भी रजिस्ट्रेशन कराया है. मौके पर पेयजल, रात्रि विश्राम और पार्किंग जैसी व्यवस्थाओं के बारे में अधिकारियों से फीडबैक लिया. इस दौरान अधिकारियों को कॉल रिसीव करने और किसी कारण से कॉल रिसीव नहीं कर पाने की अवस्था में संबंधित नंबर पर कॉल बैक जरूर करने के निर्देश दिए हैं.
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि शहर में सबसे बड़ी समस्या पार्किंग की है. इसलिए अस्थाई रूप से चंद्रभागा और ढालवाला में पार्किंग की व्यवस्था करने के निर्देश निकाय अधिकारियों को दिए गए हैं. उन्होंने बताया कि इस बार लाखों की संख्या में श्रद्धालु यात्रा मार्ग पर पहुंचेंगे. इसलिए पंजीकरण की व्यवस्था बीटीसी परिसर ही नहीं बल्कि उत्तराखंड के बॉर्डर पर भी की गई है. लाइन के झंझट से बचने के लिए पंजीकरण श्रद्धालु ऑनलाइन मोबाइल पर भी कर सकेंगे.
पढ़ें: चारधाम यात्रा: पहली बार यात्रियों की होगी जियो टैगिंग, शंकराचार्य की समाधि होगी आकर्षण का केंद्र
यात्रा मार्ग की जानकारी श्रद्धालुओं को और प्रशासन तक आसानी से पहुंचे, इसकी भी व्यवस्था की गई है. फिलहाल पर्यटन विभाग का 1364 नंबर टोल फ्री चल रहा है. सभी जिलों में कंट्रोल रूम बना दिए गए हैं. जल्द ही जिलाधिकारी भी अपने-अपने कंट्रोल रूम के नंबर जारी करेंगे. बसों की संख्या कम न पड़े इसके लिए देहरादून और कुमाऊं मंडल से बसों की अतिरिक्त व्यवस्था करने के लिए प्रशासन परिवहन कारोबारियों से बातचीत कर रहा है.
गढ़वाल कमिश्नर ने बताया कि ज्यादातर व्यवस्थाएं पूरी होने वाली हैं. वहीं, कुछ व्यवस्थाओं में कमी देखने को मिली है. जिन्हें पूरा करने के लिए उन्होंने बैठक में पहले से ही 20 अप्रैल की तारीख निर्धारित की है. यदि निर्धारित तारीख में व्यवस्थाएं पूरी नहीं होती तो संबंधित विभाग के अधिकारी के खिलाफ एक्शन लिया जाएगा.