देहरादून: एसटीएफ ने देहरादून में फर्जी दस्तावेज तैयार करने वाले गिरोह का भंडाफोड़ किया है. STF ने सेलाकुई थाना क्षेत्र में छापेमारी कर इस गिरोह के दो लोगों को सीएससी सेंटर से गिरफ्तार किया है. गिरफ्तार किये गये आरोपियों का नाम इदरीश खान और रोहिल मलिक है. ये दोनों ही सीएससी सेंटर को चलाते थे. ये लोग फर्जी आधार कार्ड, जन्मप्रमाण पत्र, फर्जी सरकारी दस्तावेज बनाने का काम करते थे. साथ ही ये आरोपी विदेशी मूल के लोगों का भारतीय और उत्तराखंड के दस्तावेज तैयार करते थे.
एसटीएफ ने दो आरोपी इदरीश खान और रोहिल मलिक को गिरफ्तार किया है. मौके से फर्जी सरकारी हॉस्पिटल की मुहर के साथ जारी किये गए कई लोगों के फर्जी प्रमाण पत्र बरामद हुए है. साथ ही मौके से 26 आधार कार्ड भी मिले हैं. आरोपियों ने बताया बिहार और झारखंड में कई लोगों के साथ वे संपर्क में हैं, जो फर्जी वेबसाइट बनाते हैं. साथ ही एयरटेल पेमेंट बैंक की फर्जी मुहर के साथ कई व्यक्तियों के सत्यापन प्रपत्र को भी बरामद किया गया है. इस गिरोह की नजर फैक्ट्रियों में काम करने वाले नाबालिग बच्चे होते थे. ये गिरोह उनकी जन्मतिथि बदलकर उन्हें बालिग दिखा देते थे. जिससे उन्हें आसानी से काम मिल जाता था.
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बता दें 24 जनवरी को एसटीएफ को सूचना मिली थी कि सेलाकुई क्षेत्र के अंतर्गत स्थित सीएससी (कॉमन सर्विस सेंटर) में कई व्यक्तियों के जन्म प्रमाण पत्र फर्जी वेबसाइटों के आधार पर तत्काल तैयार किए जा रहे हैं. इन जाली जन्म प्रमाण पत्रों के आधार पर नए आधार कार्ड एवं अन्य पहचान पत्र बनाए जा रहे हैं. सूचना पर एसटीएफ टीम ने सेलाकुई क्षेत्र में जाकर जांच की. जिसमें पता चला की संबंधित आधार सेंटर इस प्रकार की गतिविधियों में लिप्त है. इस पर एसटीएफ टीम ने सीएससी सेंटर में छापा मारकर उसके संचालक और ऑपरेटर को गिरफ्तार किया. छापे के दौरान आधार सेंटर से कई व्यक्तियों के विभिन्न राज्यों के सरकारी चिकित्सालय की मुहर के साथ जारी किए गए कई लोगों के जाली जन्म प्रमाण पत्र भी बरामद किए गए. इसके अलावा 26 व्यक्तियों के आधार कार्ड भी बरामद हुए हैं.
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आरोपियों ने पूछताछ में बताया कि उनके बिहार और झारखंड में कई व्यक्तियों के साथ संपर्क हैं, जो उनके लिए फर्जी वेबसाइट तैयार करते हैं. उन वेबसाइट पर किसी व्यक्ति का नाम,पता,उम्र व जन्म स्थान, जनपद का नाम भरने के बाद उस जनपद के किस राजकीय चिकित्सालय से जन्म प्रमाण पत्र बनवाने का ऑप्शन आता है. उसको अंकित करने के बाद संबंधित राजकीय चिकित्सालय के द्वारा जारी किया गया संबंधित व्यक्ति का जाली जन्म प्रमाण पत्र हुबहू तैयार हो जाता है. जिस पर कोई संदेह नहीं रहता है.
इसी के आधार पर आगे सभी पहचान पत्र इत्यादि आसानी से तैयार हो जाते हैं. सेलाकुई क्षेत्र में बाहरी राज्यों से काफी मजदूर कार्य करने के लिए आते हैं, जिनकी उम्र कम होती है, तो उनकी उम्र को इन जाली जन्म प्रमाण पत्रों के माध्यम से बढ़ाकर फैक्ट्रियों में आसानी से कार्य मिल जाता है. जाली प्रमाण पत्र के आधार पर ही यूआईडीआई की वेबसाइट पर आधार कार्ड का भी अपडेशन हो जाता है.
एसएसपी एसटीएफ आयुष अग्रवाल ने बताया गिरफ्तारी के दौरान एसटीएफ को भारी मात्रा में आधार कार्ड, जाली जन्म प्रमाण पत्र के अलावा अन्य दस्तावेज भी बरामद हुए हैं. इसके अलावा उन सभी फर्जी वेबसाइट का भी पता चला है जिनके माध्यम से फर्जी जन्म प्रमाण पत्र आदि पहचान पत्र बनाए थे. इसके अलावा आरोपियों से एयरटेल पेमेंट बैंक की जाली मुहरें भी बरामद हुई हैं.