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विदेश में MBBS की पढ़ाई कराने के नाम पर छात्रा से ठगी, एजेंट ने खिलाफ मुकदमा दर्ज - कोतवाली पटेल नगर प्रभारी रविंद्र यादव

देहरादून की एक छात्रा रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई के नाम पर ठगी का शिकार हो गई. छात्रा ने दिल्ली के एक एजेंट को 16 लाख रुपए भी दिए. जब छात्रा क्रीमिया पहुंचीं तो उसकी फीस ही नहीं जमा नहीं की गई थी. जिसके चलते यूनिवर्सिटी ने छात्रा को निकाल दिया. जिससे छात्रा के 2 साल बर्बाद हो गए.

MBBS study fraud
रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई
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Published : Jun 26, 2022, 10:05 AM IST

Updated : Jul 18, 2022, 11:08 AM IST

देहरादून: कोतवाली पटेल नगर के अंतर्गत रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने के नाम ठगी का मामला सामने आया है. जहां एक छात्रा से दिल्ली के एक एजेंट ने लाखों रुपए की ठगी कर डाली. एजेंट ने छात्रा का क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में दाखिला तो करा दिया, लेकिन फीस जमा नहीं कराई. जिसके कारण छात्रा को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया और छात्रा के 2 साल बर्बाद हो गए. पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया है.

दरअसल, वीना रतूड़ी निवासी बंजारावाला ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अंशी रतूड़ी नीट (NEET) की तैयारी कर रही थी. इसी दौरान अंशी के सहपाठी रह चुके विशाल ने फोन पर बताया कि शाहीन बाग दिल्ली के एक एजेंट के माध्यम से वो रूस की क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में दाखिला ले सकती है. अंशी रतूड़ी ने अपने परिवार से बात की और वो राजी हो गए. उसके बाद अंशी रतूड़ी ने शाहीन बाग दिल्ली के एक एजेंट के माध्यम से साल 2020 में रूस की क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस दाखिला ले लिया.

दाखिला लेने की एवज में 16 लाख रुपए इंडोरस लर्निंग हब प्राइवेट लिमिटेड के एजेंट फैजल अजीज निवासी शाहीन बाग जामिया नगर नई दिल्ली के खाते में डलवा दिए. फैजल ने बताया था कि 16 लाख में एमबीबीएस का पूरा कोर्स, छात्रावास शुल्क, मेस, वीजा और पहली बार जाने का टिकट हो जाएगा. दिसंबर 2020 में एमबीबीएस की कक्षाएं ऑनलाइन शुरू हुई. इसके बाद यूनिवर्सिटी के डीन ने जानकारी दी कि अप्रैल से कक्षाएं ऑफलाइन होगी.

ये भी पढ़ेंः हरिद्वार की युवती को इंस्टाग्राम पर दोस्ती करना पड़ा भारी, शातिर ने लगाया 1.60 लाख का चूना

फैजल ने 30 अप्रैल 2021 को वीजा लगवा दिया, लेकिन मई में दोबारा कोविड के केस बढ़ने के कारण अंशी रतूड़ी क्रीमिया नहीं जा पाई. कुछ दिन बाद अंशी रतूड़ी इंडोरस लर्निंग हब के चार अन्य छात्रों और एक एजेंट के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट से मास्को पहुंची. मास्को पहुंचने के बाद उन्हें फ्लाइट से क्रीमिया के पास के शहर सिम्फरोपोल भेजा गया. सिम्फरोपोल पहुंचने के बाद उन्हें रिसीव करने के लिए कोई भी इंडोरस लर्निंग हब का एजेंट नहीं आया.

किसी तरह अंशी रतूड़ी व अन्य छात्र यूनिवर्सिटी पहुंचे और डीन से संपर्क किया तो पता चला कि अंशी रतूड़ी की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की फीस जमा ही नहीं हुई है. इस पर अंशी रतूड़ी को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया. अंशी रतूड़ी ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी.

ये भी पढ़ेंः देहरादून में बिल्डर, बिचौलिए और बैंक कर्मियों का जाल, फ्लैट दिलाने के नाम पर ठगे 90 लाख

वहीं, जब परिजनों ने फैजल से बात की तो वो तरह-तरह के बहाने बनाने लगा और इस तरह अंशी रतूड़ी के दो साल खराब कर दिए. जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. मामले में कोतवाली पटेल नगर प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि वीना रतूड़ी की तहरीर के आधार पर फैजल के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है.

देहरादून: कोतवाली पटेल नगर के अंतर्गत रूस में एमबीबीएस की पढ़ाई कराने के नाम ठगी का मामला सामने आया है. जहां एक छात्रा से दिल्ली के एक एजेंट ने लाखों रुपए की ठगी कर डाली. एजेंट ने छात्रा का क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में दाखिला तो करा दिया, लेकिन फीस जमा नहीं कराई. जिसके कारण छात्रा को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया और छात्रा के 2 साल बर्बाद हो गए. पीड़िता की तहरीर के आधार पर पुलिस ने एजेंट के खिलाफ मुकदमा दर्ज करा लिया है.

दरअसल, वीना रतूड़ी निवासी बंजारावाला ने पुलिस में एक शिकायत दर्ज कराई है. जिसमें उन्होंने बताया कि उनकी बेटी अंशी रतूड़ी नीट (NEET) की तैयारी कर रही थी. इसी दौरान अंशी के सहपाठी रह चुके विशाल ने फोन पर बताया कि शाहीन बाग दिल्ली के एक एजेंट के माध्यम से वो रूस की क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस में दाखिला ले सकती है. अंशी रतूड़ी ने अपने परिवार से बात की और वो राजी हो गए. उसके बाद अंशी रतूड़ी ने शाहीन बाग दिल्ली के एक एजेंट के माध्यम से साल 2020 में रूस की क्रीमिया फेडरल यूनिवर्सिटी में एमबीबीएस दाखिला ले लिया.

दाखिला लेने की एवज में 16 लाख रुपए इंडोरस लर्निंग हब प्राइवेट लिमिटेड के एजेंट फैजल अजीज निवासी शाहीन बाग जामिया नगर नई दिल्ली के खाते में डलवा दिए. फैजल ने बताया था कि 16 लाख में एमबीबीएस का पूरा कोर्स, छात्रावास शुल्क, मेस, वीजा और पहली बार जाने का टिकट हो जाएगा. दिसंबर 2020 में एमबीबीएस की कक्षाएं ऑनलाइन शुरू हुई. इसके बाद यूनिवर्सिटी के डीन ने जानकारी दी कि अप्रैल से कक्षाएं ऑफलाइन होगी.

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फैजल ने 30 अप्रैल 2021 को वीजा लगवा दिया, लेकिन मई में दोबारा कोविड के केस बढ़ने के कारण अंशी रतूड़ी क्रीमिया नहीं जा पाई. कुछ दिन बाद अंशी रतूड़ी इंडोरस लर्निंग हब के चार अन्य छात्रों और एक एजेंट के साथ एयर इंडिया की फ्लाइट से मास्को पहुंची. मास्को पहुंचने के बाद उन्हें फ्लाइट से क्रीमिया के पास के शहर सिम्फरोपोल भेजा गया. सिम्फरोपोल पहुंचने के बाद उन्हें रिसीव करने के लिए कोई भी इंडोरस लर्निंग हब का एजेंट नहीं आया.

किसी तरह अंशी रतूड़ी व अन्य छात्र यूनिवर्सिटी पहुंचे और डीन से संपर्क किया तो पता चला कि अंशी रतूड़ी की एमबीबीएस प्रथम वर्ष की फीस जमा ही नहीं हुई है. इस पर अंशी रतूड़ी को यूनिवर्सिटी से निष्कासित कर दिया गया. अंशी रतूड़ी ने इसकी जानकारी अपने परिजनों को दी.

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वहीं, जब परिजनों ने फैजल से बात की तो वो तरह-तरह के बहाने बनाने लगा और इस तरह अंशी रतूड़ी के दो साल खराब कर दिए. जिसके बाद उन्होंने पुलिस में शिकायत दर्ज कर कार्रवाई की मांग की. मामले में कोतवाली पटेल नगर प्रभारी रविंद्र यादव ने बताया कि वीना रतूड़ी की तहरीर के आधार पर फैजल के खिलाफ मुकदमा पंजीकृत कर मामले की जांच की जा रही है.

Last Updated : Jul 18, 2022, 11:08 AM IST
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