देहरादूनः अटल आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल और डॉक्टर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आलम ये है कि योजना के तहत सरकार को चपत लगाने के लिए निजी अस्पताल फर्जीवाड़ा के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. यहां डिस्चार्ज होने के बाद भी निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इतना ही नहीं एक डॉक्टर के बल पर ही 24 घंटे अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं भी दी जा रही हैं.
अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के कई निजी अस्पताल मुनाफा कमाने के लिए फर्जी तरीके से बिल लगा रहे हैं. कुछ मामलों में सामने आया है कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी अस्पताल मरीज के इलाज की बात कहकर पेमेंट का भुगतान मांग रहे थे. इतना ही नहीं सामान्य बीमारी को भी गंभीर बीमारी बताकर सरकार को जमकर लूट रहे हैं.
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जांच में ये भी सामने आया है कि मोतियाबिंद जैसी बीमारी को एजेंसी सर्जरी में जोड़कर रात 11:00 बजे ऑपरेशन किए जाने का दावा किया गया है. वहीं, वार्ड में मौजूद लोगों का आईसीयू में इलाज करने का दावा कर योजना के तहत रकम लेने की कोशिश भी की गई है.
बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की थी. जिसके बाद इस योजना के तहत 5 लाख तक का बीमा प्रत्येक परिवार को दिया जाना था, लेकिन यह योजना निजी अस्पतालों के लिए मोटा मुनाफा कमाने का जरिया बन गया है. अस्पतालों में अलग-अलग बिलों के जरिए फर्जीवाड़ा करने के मामले भी सामने आए हैं.
मामला सामने आने के बाद 14 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद आठ अस्पतालों को योजना की सूची से हटा दिया गया था. जबकि, करीब दो करोड़ का जुर्माना कई अस्पतालों पर लगाया गया है.