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आयुष्मान योजनाः यहां मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी हो रहा इलाज, दो करोड़ का लगाया जुर्माना

अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के कई निजी अस्पताल मुनाफा कमाने के लिए फर्जी तरीके से बिल लगा रहे हैं. कुछ मामलों में सामने आया है कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी अस्पताल मरीज के इलाज की बात कहकर पेमेंट का भुगतान मांग रहे थे. इतना ही नहीं सामान्य बीमारी को भी गंभीर बीमारी बताकर सरकार को जमकर लूट रहे हैं.

atal ayushman uttarakhand yojana
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Published : Aug 19, 2019, 11:12 PM IST

देहरादूनः अटल आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल और डॉक्टर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आलम ये है कि योजना के तहत सरकार को चपत लगाने के लिए निजी अस्पताल फर्जीवाड़ा के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. यहां डिस्चार्ज होने के बाद भी निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इतना ही नहीं एक डॉक्टर के बल पर ही 24 घंटे अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं भी दी जा रही हैं.

निजी अस्पताल अटल आयुष्मान योजना के तहत सरकार को लगा रहे जमकर पलीता.

अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के कई निजी अस्पताल मुनाफा कमाने के लिए फर्जी तरीके से बिल लगा रहे हैं. कुछ मामलों में सामने आया है कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी अस्पताल मरीज के इलाज की बात कहकर पेमेंट का भुगतान मांग रहे थे. इतना ही नहीं सामान्य बीमारी को भी गंभीर बीमारी बताकर सरकार को जमकर लूट रहे हैं.

ये भी पढ़ेंः उत्तरकाशी आपदाः आराकोट बंगाण के प्रभावित क्षेत्रों के लिए रवाना होगी डॉक्टरों की टीम

जांच में ये भी सामने आया है कि मोतियाबिंद जैसी बीमारी को एजेंसी सर्जरी में जोड़कर रात 11:00 बजे ऑपरेशन किए जाने का दावा किया गया है. वहीं, वार्ड में मौजूद लोगों का आईसीयू में इलाज करने का दावा कर योजना के तहत रकम लेने की कोशिश भी की गई है.

बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की थी. जिसके बाद इस योजना के तहत 5 लाख तक का बीमा प्रत्येक परिवार को दिया जाना था, लेकिन यह योजना निजी अस्पतालों के लिए मोटा मुनाफा कमाने का जरिया बन गया है. अस्पतालों में अलग-अलग बिलों के जरिए फर्जीवाड़ा करने के मामले भी सामने आए हैं.

मामला सामने आने के बाद 14 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद आठ अस्पतालों को योजना की सूची से हटा दिया गया था. जबकि, करीब दो करोड़ का जुर्माना कई अस्पतालों पर लगाया गया है.

देहरादूनः अटल आयुष्मान योजना को निजी अस्पताल और डॉक्टर पलीता लगाने में कोई कसर नहीं छोड़ रहे हैं. आलम ये है कि योजना के तहत सरकार को चपत लगाने के लिए निजी अस्पताल फर्जीवाड़ा के नए-नए तरीके खोज रहे हैं. यहां डिस्चार्ज होने के बाद भी निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं. इतना ही नहीं एक डॉक्टर के बल पर ही 24 घंटे अस्पतालों में इमरजेंसी सेवाएं भी दी जा रही हैं.

निजी अस्पताल अटल आयुष्मान योजना के तहत सरकार को लगा रहे जमकर पलीता.

अटल आयुष्मान योजना के तहत प्रदेश के कई निजी अस्पताल मुनाफा कमाने के लिए फर्जी तरीके से बिल लगा रहे हैं. कुछ मामलों में सामने आया है कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद भी अस्पताल मरीज के इलाज की बात कहकर पेमेंट का भुगतान मांग रहे थे. इतना ही नहीं सामान्य बीमारी को भी गंभीर बीमारी बताकर सरकार को जमकर लूट रहे हैं.

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जांच में ये भी सामने आया है कि मोतियाबिंद जैसी बीमारी को एजेंसी सर्जरी में जोड़कर रात 11:00 बजे ऑपरेशन किए जाने का दावा किया गया है. वहीं, वार्ड में मौजूद लोगों का आईसीयू में इलाज करने का दावा कर योजना के तहत रकम लेने की कोशिश भी की गई है.

बता दें कि बीते साल मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान उत्तराखंड योजना की शुरुआत की थी. जिसके बाद इस योजना के तहत 5 लाख तक का बीमा प्रत्येक परिवार को दिया जाना था, लेकिन यह योजना निजी अस्पतालों के लिए मोटा मुनाफा कमाने का जरिया बन गया है. अस्पतालों में अलग-अलग बिलों के जरिए फर्जीवाड़ा करने के मामले भी सामने आए हैं.

मामला सामने आने के बाद 14 अस्पतालों के खिलाफ नोटिस जारी किया गया था. जिसके बाद आठ अस्पतालों को योजना की सूची से हटा दिया गया था. जबकि, करीब दो करोड़ का जुर्माना कई अस्पतालों पर लगाया गया है.

Intro:summary- उत्तराखंड में अटल आयुष्मान योजना के तहत निजी अस्पतालों ने फर्जीवाड़ा करने के ऐसे अजब गजब तरीके निकालें की इसे देखकर योजना से जुड़े अधिकारी भी हैरत में पड़ गए...


प्रदेश में जिस योजना को आम लोगों की मुफ्त स्वास्थ्य सेवा के लिहाज से शुरू किया गया वह सेवा निजी अस्पतालों के लिए मोटा मुनाफा कमाने का जरिया बन गई....


Body:क्या आप यकीन करेंगे कि प्रदेश में डिस्चार्ज होने के बाद भी निजी अस्पताल मरीजों का इलाज कर रहे हैं यही नहीं एक डॉक्टर के बल पर ही 24 घंटे अस्पतालों में इमरजेंसी सेवा दी जा रही है... जी हां निजी अस्पतालों में अटल आयुष्मान योजना से जुड़े ऐसे ऐसे मामले सामने आ रहे हैं जिसे सुनकर आप भी हैरत में पड़ जाएंगे प्रदेश के तमाम निजी अस्पतालों में अटल आयुष्मान योजना के तहत मुनाफा कमाने के लिए फर्जी तरीके से बेल लगाए जा रहे हैं कुछ मामलों में सामने आया है कि मरीज के डिस्चार्ज होने के बाद अस्पताल मरीज के इलाज की बात कहकर पेमेंट का भुगतान मांग रहा था। यही नहीं सामान्य बीमारी को भी गंभीर बीमारी बताकर अस्पतालों में योजना को लेकर खूब लूट की जा रही है जांच में पता चला है कि मोतियाबिंद जैसी बीमारी को एजेंसी सर्जरी में जोड़कर रात 11:00 बजे सर्जरी किए जाने का दावा किया गया है। आईसीयू में मौजूद बाढ़ से भी ज्यादा लोगों का आईसीयू में इलाज करने का दावा कर योजना के तहत पेमेंट लेने की कोशिश भी की गई है। आपको बता दें कि राज्य में 2018 में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत ने अटल आयुष्मान योजना की शुरुआत की थी जिसके बाद इस योजना के तहत 500000 तक का बीमा प्रत्येक परिवार को दिया जाना था लेकिन यह योजना निजी अस्पतालों के लिए मोटा मुनाफा कमाने का जरिया बन गई और अस्पतालों ने अपने अलग अलग विलो के जरिए फर्जीवाड़ा करने की कोशिश की। मामला जांच के बाद सामने आया और 14 सालों को नोटिस जारी किया गया इसके बाद आठ अस्पतालों का योजना से इंप्लीमेंट खत्म कर दिया गया है जबकि करीब दो करोड़ की पेनल्टी भी तमाम अस्पतालों पर लगाई गई है।

बाइट अभिषेक त्रिपाठी, नोडल अधिकारी


Conclusion:अटल आयुष्मान योजना में प्रदेश के कई निजी अस्पताल फर्जीवाड़ा करते पकड़े गए हैं..., खास बात यह है कि जिन निजी अस्पतालों को जांच में पकड़ा गया इलाज को लेकर किए गए दावे खास है हैरान में डालने वाले हैं।

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