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चमोली आपदा: पंजियां गांव के 4 बेटे लापता, सिसक रहीं बूढ़ी मां, नहीं जला चूल्हा - पंजिया गांव के चार लोग लापता

चमोली में आई आपदा में जौनसार बाबर के पंजिया गांव के चार लोग भी लापता है. लापता लोगों के परिजन आंखों में उम्मीद लिए अपनों का इंतजार कर रहे हैं.

चमोली आपदा का दर्द
चमोली आपदा का दर्द
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Published : Feb 10, 2021, 4:52 PM IST

Updated : Feb 11, 2021, 2:06 PM IST

विकासनगर: चमोली जिले के तपोवन और रैणी गांव में रविवार सुबह जो आपदा आई थी, उसमें देहरादून जिले के कालसी विकासखंड के चार लोग लापता हैं. चारों पंजिया गांव के रहने वाले हैं. लापता लोगों में दो सगे भाई हैं. परिजनों का अभीतक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. अनहोनी की आशंका में परिजनों की सांसें अटकी हुई हैं.परिजन उनके सकुशल लौटने के लिए अपने इष्ट देवता से प्रार्थना कर रहे हैं. गांव के कुछ व्यक्ति लापता लोगों की तलाश में तपोवन गए हैं. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम पंजिया गांव पहुंची और लापता लोगों के परिजनों से बात की.

पंजिया गांव निवासी जवाहर सिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि उनके दो बेटे संदीप और जीवन तीन महीने पहले ही मजदूरी करने जोशीमठ गए थे, लेकिन आपदा से बाद से ही उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. संदीप का तो रिश्ता भी तय हो गया था. संदीप और जीवन की खोज में उनके चाचा तिलक सिंह तपोवन गए हैं. पूरा परिवार भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि उनके दोनों बच्चे सकुशल हों.

चमोली आपदा का दर्द.

पढ़ें- जोशीमठ रेस्क्यू LIVE: चमोली में बिगड़ा मौसम, प्रभावित हो सकता है राहत-बचाव कार्य

संदीप और जीवन के बड़े भाई जगत सिंह ने बताया कि गांव के छह लोग तपोवन में काम करने गए थे, जिसमें चार लोग लापता हैं, जबकि दो लोगों की उस दिन नाइट ड्यूटी थी, इसलिए वो बच गए. उधर, पंजिया गांव के ही रहने वाले पूरण सिंह और उनकी पत्नी ट्यूडी देवी का भी कुछ ऐसा ही हाल है. उनके यहां भी पिछले तीन दिन से चूल्हा नहीं जला है. पूरण सिंह का बेटा हर्ष भी तपोवन में मजदूरी करने गया था, लेकिन उनका भी बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. मां को उम्मीद है कि उनका बेटा सकुशल होगा और जल्दी ही उनके पास आएगा.

वहीं, कल सिंह और उनकी पत्नी पानो देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है. उनका बेटा कल्याण भी लापता है. कल्याण ने आपदा से एक दिन पहले ही पत्नी मनीषा को वीडियो कॉल किया था. कल्याण ने कहा था कि वो सुबह को फोन करेंगे, लेकिन इस हादसे के बाद से कल्याण से कोई संपर्क नहीं हुआ. मनीषा को पड़ोस की महिला ने बताया था कि जहां वो काम करने गया था, वहां पर बड़ी आपदा आई है. मनीषा को उम्मीद है उनके पति अच्छे होंगे. कल्याण का ढाई महीने के बेटा भी है. हालांकि, जैसे-जैसे समय बढ़ा रहा है परिजनों की उम्मीद भी जवाब देती जा रही है.

पढ़ें- अमेरिकी एजेंसी ने शेयर की चमोली हादसे की लाइव 3D सैटेलाइट इमेज

बता दें कि रविवार को चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण रैणी गांव और तपोवन में आपदा आई थी. इस आपदा में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था. इस हादसे में 202 लोग लापता बताए गए थे, जिसमें 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. वहीं, कुछ 25 से 30 लोग एक सुरंग में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

विकासनगर: चमोली जिले के तपोवन और रैणी गांव में रविवार सुबह जो आपदा आई थी, उसमें देहरादून जिले के कालसी विकासखंड के चार लोग लापता हैं. चारों पंजिया गांव के रहने वाले हैं. लापता लोगों में दो सगे भाई हैं. परिजनों का अभीतक उनसे कोई संपर्क नहीं हो पाया है. अनहोनी की आशंका में परिजनों की सांसें अटकी हुई हैं.परिजन उनके सकुशल लौटने के लिए अपने इष्ट देवता से प्रार्थना कर रहे हैं. गांव के कुछ व्यक्ति लापता लोगों की तलाश में तपोवन गए हैं. बुधवार को ईटीवी भारत की टीम पंजिया गांव पहुंची और लापता लोगों के परिजनों से बात की.

पंजिया गांव निवासी जवाहर सिंह और उनकी पत्नी ने बताया कि उनके दो बेटे संदीप और जीवन तीन महीने पहले ही मजदूरी करने जोशीमठ गए थे, लेकिन आपदा से बाद से ही उनसे कोई संपर्क नहीं हो पा रहा है. संदीप का तो रिश्ता भी तय हो गया था. संदीप और जीवन की खोज में उनके चाचा तिलक सिंह तपोवन गए हैं. पूरा परिवार भगवान से प्रार्थना कर रहा है कि उनके दोनों बच्चे सकुशल हों.

चमोली आपदा का दर्द.

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संदीप और जीवन के बड़े भाई जगत सिंह ने बताया कि गांव के छह लोग तपोवन में काम करने गए थे, जिसमें चार लोग लापता हैं, जबकि दो लोगों की उस दिन नाइट ड्यूटी थी, इसलिए वो बच गए. उधर, पंजिया गांव के ही रहने वाले पूरण सिंह और उनकी पत्नी ट्यूडी देवी का भी कुछ ऐसा ही हाल है. उनके यहां भी पिछले तीन दिन से चूल्हा नहीं जला है. पूरण सिंह का बेटा हर्ष भी तपोवन में मजदूरी करने गया था, लेकिन उनका भी बेटे से कोई संपर्क नहीं हो पाया है. मां को उम्मीद है कि उनका बेटा सकुशल होगा और जल्दी ही उनके पास आएगा.

वहीं, कल सिंह और उनकी पत्नी पानो देवी का भी रो-रोकर बुरा हाल है. उनका बेटा कल्याण भी लापता है. कल्याण ने आपदा से एक दिन पहले ही पत्नी मनीषा को वीडियो कॉल किया था. कल्याण ने कहा था कि वो सुबह को फोन करेंगे, लेकिन इस हादसे के बाद से कल्याण से कोई संपर्क नहीं हुआ. मनीषा को पड़ोस की महिला ने बताया था कि जहां वो काम करने गया था, वहां पर बड़ी आपदा आई है. मनीषा को उम्मीद है उनके पति अच्छे होंगे. कल्याण का ढाई महीने के बेटा भी है. हालांकि, जैसे-जैसे समय बढ़ा रहा है परिजनों की उम्मीद भी जवाब देती जा रही है.

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बता दें कि रविवार को चमोली जिले में ऋषिगंगा नदी में आई बाढ़ के कारण रैणी गांव और तपोवन में आपदा आई थी. इस आपदा में ऋषिगंगा पावर प्रोजेक्ट और तपोवन में एनटीपीसी का निर्माणाधीन पावर प्रोजेक्ट पूरी तरह से तहस-नहस हो गया था. इस हादसे में 202 लोग लापता बताए गए थे, जिसमें 32 लोगों के शव बरामद हो चुके हैं. वहीं, कुछ 25 से 30 लोग एक सुरंग में फंसे हुए हैं, जिन्हें निकालने के लिए रेस्क्यू ऑपरेशन जारी है.

Last Updated : Feb 11, 2021, 2:06 PM IST
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