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Koshyari RETURNS: भगत सिंह कोश्यारी की उत्तराखंड वापसी, ये होगा अगला प्लॉन - कोश्यारी महाराष्ट्र से देहरादून लौटे

महाराष्ट्र के राज्यपाल पद से इस्तीफा की मंजूरी के बाद शुक्रवार शाम भगत सिंह कोश्यारी ने देहरादून वापसी की. जौलीग्रांट एयरपोर्ट से वो सीधे अपने दून स्थित आवास पहुंचे. कोश्यारी के उत्तराखंड आने की खुशी में बीजेपी कार्यकर्ताओं ने उनका जोरदार स्वागत किया. उनके आवास पर उनके स्वागत के लिए बीजेपी प्रदेश अध्यक्ष महेंद्र भट्ट भी पहुंचे. इस दौरान उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री ने ईटीवी भारत से खास बातचीत की.

Koshyari returned to dehradun
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Published : Feb 17, 2023, 8:10 PM IST

Updated : Feb 17, 2023, 9:07 PM IST

भगत सिंह कोश्यारी की उत्तराखंड वापसी

देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आज महाराष्ट्र से वापस उत्तराखंड लौटे. कोश्यारी की वापसी पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया. एयरपोर्ट से वो सीधे देहरादून स्थित अपने डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे. उनकी वापसी पर ईटीवी भारत ने कोश्यारी से खास बातचीत की.

बता दें कि कुछ समय पहले भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल का पद छोड़ने के लिए आग्रह किया था. उसके बाद उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था. उनका इस्तीफा बीती 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया था. 18 फरवरी को महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस शपथ ग्रहण करेंगे. इससे एक दिन पहले भगत सिंह कोश्यारी को राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विदाई दी गई. जिसके बाद वो विशेष विमान से मुंबई से देहरादून पहुंचे.
पढ़ें- Bhagat Singh Koshyari Resignation: इस्तीफे से बीजेपी को होगी टेंशन? उत्तराखंड में बढ़ी सियासी गर्मी

वहीं, दून स्थित अपने आवास पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक छोटे से कार्यकर्ता को महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी दी थी, जिसके लिए वो उनके आभारी हैं. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने एक बेहद अच्छा कार्यकाल महाराष्ट्र में गुजारा, लेकिन अब उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद उन्होंने इस्तीफे की इच्छा जताई थी और इस पर पार्टी ने उन्हें बेहतर मार्गदर्शन दिया.

उन्होंने कहा कि वो अब कुछ दिन तक आराम करेंगे. उन्होंने उत्तराखंड के लोगों का भी आभार जताया और कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड के लोगों का उन्हें प्यार मिला है इसके लिए वो सभी का आभार व्यक्त करते हैं.
पढ़ें- Bhagat Singh Koshiyari: उत्तराखंड की सत्ता में होंगे दो केंद्र बिंदु‍‍! अभी थकने वाले नहीं भगत दा

बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल भगत सिंह कोश्यारी के देहरादून आने के बाद सियासी गलियारों में अलग-अलग चर्चाएं हैं. पार्टी के भीतर भी काफी हलचल है. भगत सिंह कोश्यारी के देहरादून या फिर उत्तराखंड में रहने से निश्चित तौर से राज्य की राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा. बीजेपी का कहना है कि उनके अनुभव से धामी सरकार बेहतर काम करने के लिए प्रेरित होगी. वैसे भी कोश्यारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरू हैं. गुरू-शिष्य की इस जोड़ी के बाद प्रदेश में एक नया पावर सेंटर बनने के कयास भी तेज हैं.

बता दें कि, जब कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे तब उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जिनपर काफी विवाद की स्थिति बनी. ये उनके इस्तीफे का एक बड़ा कारण भी माना जा रहा है. कभी उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को गुजरे जमाने के आइकॉन बताया था तो सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह को लेकर भी विवादित बयान दिया था. यही नहीं, कोश्यारी ने गुजराती और राजस्थानियों को लेकर कहा था कि अगर महाराष्ट्र से ये दोनों चले जाए तो राज्य कंगाल हो जाएगा. ये तो रही बयानों की बात लेकिन अपने कुछ फैसलों की वजह से भी कोश्यारी विवादों में रहे थे. इसमें सबसे प्रमुख था रातों-रात देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना. ये साल 2019 की घटना थी.

उत्तराखंड से महाराष्ट्र का सफरः साल 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद कोश्यारी सीएम नित्यानंद स्वामी की पहली सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद साल 2001 में वो उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल ज्यादा वक्त नहीं रहा. साल 2002 में हुए राज्य के पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई. तब कोश्यारी ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई. 2007 तक वो उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष रहे. साल 2008 से 2014 तक राज्यसभा सांसद रहे. फिर 2014 लोकसभा चुनाव में नैनीताल सीट से जीत दर्जकर लोकसभा पहुंचे. 5 सितंबर 2019 को कोश्यारी ने महाराष्ट्र के 19वें राज्यपाल के रूप में मराठी में शपथ ली थी.

भगत सिंह कोश्यारी की उत्तराखंड वापसी

देहरादूनः उत्तराखंड के पूर्व मुख्यमंत्री व महाराष्ट्र के पूर्व राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी आज महाराष्ट्र से वापस उत्तराखंड लौटे. कोश्यारी की वापसी पर बीजेपी कार्यकर्ताओं ने जौलीग्रांट एयरपोर्ट पर उनका जोरदार स्वागत किया. एयरपोर्ट से वो सीधे देहरादून स्थित अपने डिफेंस कॉलोनी स्थित आवास पर पहुंचे. उनकी वापसी पर ईटीवी भारत ने कोश्यारी से खास बातचीत की.

बता दें कि कुछ समय पहले भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से राज्यपाल का पद छोड़ने के लिए आग्रह किया था. उसके बाद उन्होंने अपने पद से त्याग पत्र दे दिया था. उनका इस्तीफा बीती 12 फरवरी को राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू ने मंजूर कर लिया था. 18 फरवरी को महाराष्ट्र के नए राज्यपाल रमेश बैस शपथ ग्रहण करेंगे. इससे एक दिन पहले भगत सिंह कोश्यारी को राजभवन में गार्ड ऑफ ऑनर के साथ विदाई दी गई. जिसके बाद वो विशेष विमान से मुंबई से देहरादून पहुंचे.
पढ़ें- Bhagat Singh Koshyari Resignation: इस्तीफे से बीजेपी को होगी टेंशन? उत्तराखंड में बढ़ी सियासी गर्मी

वहीं, दून स्थित अपने आवास पर ईटीवी भारत से खास बातचीत करते हुए भगत सिंह कोश्यारी ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का आभार जताया. उन्होंने कहा कि भारतीय जनता पार्टी और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने एक छोटे से कार्यकर्ता को महाराष्ट्र जैसे बड़े राज्य की जिम्मेदारी दी थी, जिसके लिए वो उनके आभारी हैं. उन्होंने अपने अनुभवों को साझा करते हुए कहा कि उन्होंने एक बेहद अच्छा कार्यकाल महाराष्ट्र में गुजारा, लेकिन अब उम्र के एक पड़ाव पर आने के बाद उन्होंने इस्तीफे की इच्छा जताई थी और इस पर पार्टी ने उन्हें बेहतर मार्गदर्शन दिया.

उन्होंने कहा कि वो अब कुछ दिन तक आराम करेंगे. उन्होंने उत्तराखंड के लोगों का भी आभार जताया और कहा कि जिस तरह से महाराष्ट्र के साथ-साथ उत्तराखंड के लोगों का उन्हें प्यार मिला है इसके लिए वो सभी का आभार व्यक्त करते हैं.
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बता दें कि बीजेपी के वरिष्ठतम नेताओं में शामिल भगत सिंह कोश्यारी के देहरादून आने के बाद सियासी गलियारों में अलग-अलग चर्चाएं हैं. पार्टी के भीतर भी काफी हलचल है. भगत सिंह कोश्यारी के देहरादून या फिर उत्तराखंड में रहने से निश्चित तौर से राज्य की राजनीति पर प्रभाव पड़ेगा. बीजेपी का कहना है कि उनके अनुभव से धामी सरकार बेहतर काम करने के लिए प्रेरित होगी. वैसे भी कोश्यारी मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी के राजनीतिक गुरू हैं. गुरू-शिष्य की इस जोड़ी के बाद प्रदेश में एक नया पावर सेंटर बनने के कयास भी तेज हैं.

बता दें कि, जब कोश्यारी महाराष्ट्र के राज्यपाल थे तब उन्होंने कई ऐसे बयान दिए जिनपर काफी विवाद की स्थिति बनी. ये उनके इस्तीफे का एक बड़ा कारण भी माना जा रहा है. कभी उन्होंने छत्रपति शिवाजी महाराज को गुजरे जमाने के आइकॉन बताया था तो सावित्रीबाई फुले के बाल विवाह को लेकर भी विवादित बयान दिया था. यही नहीं, कोश्यारी ने गुजराती और राजस्थानियों को लेकर कहा था कि अगर महाराष्ट्र से ये दोनों चले जाए तो राज्य कंगाल हो जाएगा. ये तो रही बयानों की बात लेकिन अपने कुछ फैसलों की वजह से भी कोश्यारी विवादों में रहे थे. इसमें सबसे प्रमुख था रातों-रात देवेंद्र फडणवीस को मुख्यमंत्री पद की शपथ दिलाना. ये साल 2019 की घटना थी.

उत्तराखंड से महाराष्ट्र का सफरः साल 2000 में उत्तराखंड बनने के बाद कोश्यारी सीएम नित्यानंद स्वामी की पहली सरकार में मंत्री रहे. इसके बाद साल 2001 में वो उत्तराखंड के दूसरे मुख्यमंत्री बने. हालांकि, उनका मुख्यमंत्री का कार्यकाल ज्यादा वक्त नहीं रहा. साल 2002 में हुए राज्य के पहले चुनाव में कांग्रेस सत्ता में आई. तब कोश्यारी ने नेता प्रतिपक्ष की जिम्मेदारी निभाई. 2007 तक वो उत्तराखंड बीजेपी के अध्यक्ष रहे. साल 2008 से 2014 तक राज्यसभा सांसद रहे. फिर 2014 लोकसभा चुनाव में नैनीताल सीट से जीत दर्जकर लोकसभा पहुंचे. 5 सितंबर 2019 को कोश्यारी ने महाराष्ट्र के 19वें राज्यपाल के रूप में मराठी में शपथ ली थी.

Last Updated : Feb 17, 2023, 9:07 PM IST
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