देहरादून: उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग के पूर्व सचिव संतोष बडोनी और रिटायर्ड परीक्षा नियंत्रक नारायण सिंह डांगी भी जांच के दायरे में आ गए हैं. इतना ही नहीं, आयोग का काम शासन में देखने वाले अनुभाग के अधिकारियों की भी भूमिका को जांचा जाएगा. इसके लिए सरकार ने अब विजिलेंस को जांच के आदेश दे दिए हैं. ऐसे में इन अधिकारियों पर जल्द शिकंजा कंसने की उम्मीद जताई जा रही है.
बता दें कि उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग में स्नातक स्तर की परीक्षा का पेपर लीक होने के बाद एसटीएफ अब तक करीब 37 लोगों की गिरफ्तारी कर चुकी है, लेकिन आयोग के बड़े अधिकारियों पर कोई कार्रवाई नहीं हुई है, जबकि परीक्षा आयोजित कराने वाली आरएमएस टेक्नोसोल्यूशन कंपनी सवालों के घेरे में है. इसके मालिक की भी गिरफ्तारी हो चुकी है.
बताया जा रहा है कि इस कंपनी से अनुबंध खत्म होने के बावजूद भी आयोग द्वारा कंपनी से परीक्षाएं आयोजित कराई गईं. इसको इसके लिए भुगतान भी किया गया. इन्हीं सब बातों को देखते हुए इन अधिकारियों की भूमिका को लेकर विजिलेंस जांच कराने का मन बनाया गया है. उम्मीद की जा रही है कि जल्द ही विजिलेंस इस मामले में संबंधित अधिकारियों से पूछताछ कर सकती है. बताते चलें कि पूर्व सचिव संतोष बडोनी पहले ही निलंबित किए जा चुके हैं, जबकि पूर्व में नियंत्रक रहे नारायण सिंह सेवानिवृत्त हो चुके हैं.
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UKSSSC पेपर लीक: गौर हो कि बीती 24 जुलाई को उत्तराखंड अधीनस्थ सेवा चयन आयोग (Uttarakhand Subordinate Service Selection Commission) में फर्जीवाड़े को लेकर बड़ा खुलासा हुआ था. इस मामले में उत्तराखंड एसटीएफ 37 लोगों को गिरफ्तार कर चुकी है. जिनमें परीक्षा करवाने वाली कंपनी के टेक्निकल स्टाफ, आयोग के होमगार्ड, कोचिंग संचालक, कुछ मुन्नाभाई, सचिवालय में तैनात अपर सचिव, जखोल जिला पंचायत सदस्य हाकम सिंह समेत कई लोग शामिल हैं.