देहरादूनः त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है. ऐसे में गैरसैंण पर सरकार क्या कर रही है? इसी को जानने के लिए पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत गैरसैंण रवाना हो रहे हैं. हरदा के इस घोषणा के बाद प्रदेश में फिर से सियासत गर्मा गई है.
दरअसल, पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने अपने गैरसैंण दौरे का प्लान तैयार किया है. जिसके बाद प्रदेश की राजनीति फिर गैरसैंण पर आकर टिक गई है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि त्रिवेंद्र सरकार ने गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित किया है. विधानसभा तो गैरसैंण में पहले से ही है, इसलिए वो अब गैरसैंण में सरकार को देखने जा रहे हैं.
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हरदा ने कहा कि उन्होंने अपनी सरकार के दौरान 57 करोड़ रुपये सचिवालय के लिए दिए थे. ऐसे में अब तक सचिवालय को लेकर कितना काम हुआ है और सरकार के कौन-कौन से अंग वहां पर काम कर रहे हैं? यह भी वे इस दौरे के दौरान देखेंगे. खास बात ये है कि गैरसैंण का मुद्दा उठाकर हरीश रावत ने फिर एक बार बीजेपी सरकार के सामने मुश्किलें खड़ी कर दी है.