देहरादून: पूर्व सीएम हरीश रावत ने देश का नाम बदले जाने की चर्चाओं को लेकर भाजपा पर जुबानी हमला बोला है. उन्होंने कहा कि हमारा संविधान इंडिया दैट इज भारत कहता है, लेकिन बीजेपी इंडिया को काटना चाहती है. ऐसे में लगता है कि भारतीय जनता पार्टी का मनोबल गिरा हुआ है, इसलिए भाजपा इस तरह की हरकतें कर रही है.
राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में भारत शब्द की क्यों पड़ी आवश्यकता:पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि इंडिया देट इज भारत को संविधान सभा ने लंबी बहस के बाद इस लाइन को अनुमोदित किया है. ऐसे में संविधान की पुस्तक में अगर अंग्रेजी में पढ़ा जाएगा तो कॉन्स्टिट्यूशन ऑफ़ इंडिया और हिंदी में पढ़ेंगे तो भारत का संविधान कहा जाएगा. उन्होंने कहा कि G20 के राष्ट्राध्यक्षों को निमंत्रण देते वक्त राष्ट्रपति के निमंत्रण पत्र में 'प्रेसिडेंट ऑफ़ भारत' के उल्लेख की आवश्यकता क्यों पड़ गई, क्योंकि वह इंडिया ही जानते हैं. इसका सीधा अर्थ है कि 28 दलों के गठबंधन का नाम संयोग से इंडियन नेशनल डेवलपमेंट इंक्लूसिव एलायंस है, लेकिन शॉर्ट में उसका नाम INDIA है.
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सीएम धामी और पीएम मोदी को दी सलाह:उन्होंने सलाह दी है कि अगर इससे महंगाई, बेरोजगारी या फिर असहिष्णु भारत सहिष्णु भारत में बदलता है, तो आप कुछ भी पुकार लीजिए संविधान इसकी इजाजत देता है. साथ ही उन्होंने पीएम मोदी का नाम लिए बगैर कहा कि अपने शिष्य पुष्कर धामी को भी सलाह दी जाए कि राज्य के सामने जो जटिल प्रश्न है. उन प्रश्नों से ध्यान हटाने के लिए वह भी इस फार्मूले पर काम कर सकते हैं और उत्तराखंड का नाम बदलकर भरतवर्ष कर सकते हैं.
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