देहरादून: उत्तराखंड सरकार ने चारधाम देवस्थानम बोर्ड (Chardham Devasthanam Board dissolved) को भंग करने का ऐलान किया है. देवस्थानम बोर्ड को वापस लेने की मुख्यमंत्री की घोषणा के बाद कांग्रेस भाजपा पर हमलावर दिखाई दे रही है. कांग्रेस के पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former Chief Minister Harish Rawat) ने ईटीवी भारत से बातचीत करते हुए कहा कि भाजपा ने जिस तरह देवस्थानम बोर्ड को भंग करने की बात कहकर रोल बैक किया है, उससे जाहिर है कि अब भाजपा जनता का विश्वास खो चुकी है. हरीश रावत ने भाजपा के इस निर्णय का पूरे प्रदेश में कांग्रेस को फायदा मिलने की बात कही है.
अहंकार में थी सरकार: हरीश रावत ने कहा कि, बोर्ड बनाने के समय सरकार अपने अंहकार में थी. जब उन्हें लगा कि इससे जनमत खिलाफ हो रहा है और सरकार को अपनी हार स्पष्ट दिखाई देने लगी तो उन्होंने देवस्थानम बोर्ड को भंग करने का फैसला किया है. ये फैसला आने वाले चुनाव में हार से भयभीत सरकार का फैसला है. जिस दिन देवस्थानम बोर्ड का गठन किया गया था, उस दिन ही कांग्रेस ने विधानसभा में और नेताओं ने बाहर इसका विरोध किया और कहा था कि ये हमारी परंपरा और संस्कृति के खिलाफ है.
विश्वास खो चुकी है बीजेपी: रावत ने कहा कि देवस्थानम बोर्ड पर आखिरकार तीर्थ पुरोहित और हक-हकूकधारियों का आंदोलन काम आ गया है. कांग्रेस ने साफ किया है कि सरकार ने यह निर्णय लेते वक्त वाहवाही लूटने का काम किया था और अब भाजपा सरकार ने जिस तरह रोलबैक किया है, उससे साफ है कि भाजपा भी मान चुकी है कि उन्होंने तीर्थ पुरोहितों और हक-हकूकधारियों की भावनाओं के खिलाफ निर्णय लिया था. हरीश रावत ने कहा कि भाजपा सरकार अपना विश्वास भी खो चुकी है और उनके निर्णयों को लेकर अब सवाल भी खड़े हो रहे हैं.
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पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने भाजपा के इस निर्णय के बाद पूरे प्रदेश में चुनाव के दौरान कांग्रेस को फायदा होने की बात कही है. यही नहीं, देवस्थानम बोर्ड पर रोल बैक करने के पीछे एक तरफ उन्होंने तीर्थ पुरोहितों के आंदोलन को वजह बताया है. दूसरी तरफ कांग्रेस द्वारा बनाए गए दबाव को भी महत्वपूर्ण बताया है. उन्होंने कहा कि भाजपा ने भले ही यह निर्णय वापस ले लिया है लेकिन इसका कोई फायदा भाजपा को चुनाव में नहीं मिलने वाला है.