देहरादून: उत्तराखंड में आज हरेला की धूम है. नेता, अफसर और आम जन सभी हरेला मना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे प्रकृति के संरक्षण के साथ ही मां नंदा की यात्रा से जोड़ा है. हरदा ने कहा कि बेटी के यहां हरेला पर हरियाली पहुंचाई जाती है. हरियाली शांति का प्रतीक है. हरेला की अहमियत को समझते हुए हमें इसे उत्साह से मनाना चाहिए.
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खास बात यह है कि हरियाली से जुड़े इस हरेला पर्व के अवसर पर प्राकृतिक संरक्षण का भी प्रदेश वासी संकल्प ले रहे हैं. हरेला जहां एक ओर धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने का संदेश देता है, तो वहीं पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बयां करता है. यही नहीं देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति का भी हरेला पर्व प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि तमाम लोग हरेला के पर्व पर वृक्षारोपण कर प्राकृतिक संरक्षण का संकल्प लेते