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हरेला पर हरीश रावत ने किया मां नंदा को याद, बोले- उनकी यात्रा से जुड़ा है पर्व

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Published : Jul 16, 2020, 2:02 PM IST

Updated : Jul 16, 2020, 3:26 PM IST

उत्तराखंड में बड़े ही हर्षोल्लास से हरेला पर्व मनाया जा रहा है. कुमाऊं से लेकर गढ़वाल तक प्रदेशवासी हरेला के पर्व को धूमधाम से बना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने कहा कि हरेला प्रकृति के संरक्षण का पर्व तो है ही ये मां नंदा की यात्रा के महत्व को भी दर्शाता है. हरदा ने कहा कि बेटी के यहां हरेला पर हरियाली दी जाती है.

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हरीश रावत समाचार

देहरादून: उत्तराखंड में आज हरेला की धूम है. नेता, अफसर और आम जन सभी हरेला मना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे प्रकृति के संरक्षण के साथ ही मां नंदा की यात्रा से जोड़ा है. हरदा ने कहा कि बेटी के यहां हरेला पर हरियाली पहुंचाई जाती है. हरियाली शांति का प्रतीक है. हरेला की अहमियत को समझते हुए हमें इसे उत्साह से मनाना चाहिए.

हरेला पर हरीश रावत ने किया मां नंदा को याद.

ये भी पढ़ें: CM त्रिवेंद्र ने बरगद का पौधा लगाकर किया हरेला का शुभारंभ, आज रोपे जा रहे हैं 3 लाख पौधे


खास बात यह है कि हरियाली से जुड़े इस हरेला पर्व के अवसर पर प्राकृतिक संरक्षण का भी प्रदेश वासी संकल्प ले रहे हैं. हरेला जहां एक ओर धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने का संदेश देता है, तो वहीं पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बयां करता है. यही नहीं देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति का भी हरेला पर्व प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि तमाम लोग हरेला के पर्व पर वृक्षारोपण कर प्राकृतिक संरक्षण का संकल्प लेते

देहरादून: उत्तराखंड में आज हरेला की धूम है. नेता, अफसर और आम जन सभी हरेला मना रहे हैं. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे प्रकृति के संरक्षण के साथ ही मां नंदा की यात्रा से जोड़ा है. हरदा ने कहा कि बेटी के यहां हरेला पर हरियाली पहुंचाई जाती है. हरियाली शांति का प्रतीक है. हरेला की अहमियत को समझते हुए हमें इसे उत्साह से मनाना चाहिए.

हरेला पर हरीश रावत ने किया मां नंदा को याद.

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खास बात यह है कि हरियाली से जुड़े इस हरेला पर्व के अवसर पर प्राकृतिक संरक्षण का भी प्रदेश वासी संकल्प ले रहे हैं. हरेला जहां एक ओर धार्मिक भावनाओं को मजबूत करने का संदेश देता है, तो वहीं पारिवारिक जिम्मेदारियों को भी बयां करता है. यही नहीं देवभूमि उत्तराखंड की संस्कृति का भी हरेला पर्व प्रतीक माना जाता है. यही वजह है कि तमाम लोग हरेला के पर्व पर वृक्षारोपण कर प्राकृतिक संरक्षण का संकल्प लेते

Last Updated : Jul 16, 2020, 3:26 PM IST
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