देहरादून: उत्तराखंड में नई विधानसभा रायपुर (uttarakhand new assembly raipur) क्षेत्र में बनाए जाने की खबर सामने आने के बाद सियासत तेज हो गई है. साथ ही विरोधी दलों ने इसका विरोध करना शुरू कर दिया है. पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत (Former CM Harish Rawat) ने तो साफ तौर पर ऐसे फैसले को जनविरोधी करार दे दिया है.
बता दें कि बीते दिन ईटीवी भारत ने रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन के लिए लैंड ट्रांसफर की प्रक्रिया के आगे बढ़ने की खबर प्रकाशित की थी. उत्तराखंड में एक तरफ स्थाई राजधानी को लेकर राज्य सरकारें कुछ भी स्पष्ट नहीं कर पाई हैं तो दूसरी तरफ गैरसैंण को ग्रीष्मकालीन राजधानी घोषित करते हुए वहां भव्य विधानसभा भवन और तमाम दूसरे आवास भी बनाए गए.
इस बीच देहरादून के रायपुर क्षेत्र में नई विधानसभा बनाए जाने के लिए प्रक्रिया आगे बढ़ाने की जानकारी सामने आई. ईटीवी भारत ने बताया था कि कैसे सरकार रायपुर क्षेत्र में विधानसभा भवन बनाने के लिए फिलहाल वन विभाग से फॉरेस्ट ट्रांसफर को लेकर फाइल को आगे बढ़ा रही है.
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इस दिशा में जहां नेट प्रजेंट वैल्यू दी जा चुकी है तो वहीं वाइल्डलाइफ मिटिगेशन प्लान के 15 करोड़ रुपए वन विभाग को दिए जाने बाकी हैं. इस खबर के सामने आने के बाद पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने इसे जनता के साथ धोखा बताया है. हरीश रावत ने कहा कि सरकार यदि ऐसा कदम उठा रही है तो यह बेहद गलत है और कांग्रेस इस कदम का पुरजोर तरीके से विरोध करती है. इस दौरान हरीश रावत ने यह भी कहा कि उनकी सरकार में कभी भी ऐसा प्रस्ताव आगे नहीं बढ़ाया गया था.