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कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लगे थे: हरीश रावत

विधानसभा चुनाव में करारी हार के बाद पार्टी में अंतर्कलह खुलकर सबके सामने आई है. लेकिन पार्टी नेताओं के निशाने पर सबसे ज्यादा पूर्व सीएम हरीश रावत रहे, पार्टी नेताओं ने जिन्हें हार के लिए जिम्मेदार ठहराने से भी गुरेज नहीं किया. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर ताजा पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने ऐसे नेताओं पर पलटवार किया है.

Former CM Harish Rawat
पूर्व सीएम हरीश रावत
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Published : Mar 28, 2022, 9:26 AM IST

Updated : Mar 28, 2022, 12:17 PM IST

देहरादून: विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार हार को कांग्रेसी नेता पचा नहीं पा रहे हैं. करारी हार के बाद पार्टी में अंतर्कलह खुलकर सबके सामने आई है. पार्टी नेताओं ने हार का ठीकरा एक-दूसरे पर जमकर फोड़. लेकिन पार्टी नेताओं के निशाने पर सबसे ज्यादा पूर्व सीएम हरीश रावत रहे, पार्टी नेताओं ने जिन्हें हार के लिए जिम्मेदार ठहराने से भी गुरेज नहीं किया. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर ताजा पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने ऐसे नेताओं पर पलटवार किया है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले बयान पर लिखा है कि जिस दिन प्रमाणित तौर पर यह सारे तथ्य सामने आ जाएंगे तो मैं, गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा.वहीं हरीश रावत ने उन्हें और उनकी बेटी अनुपमा रावत को हराने के लिए साजिश रचने का भी आरोप लगाया है.

हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा है कि चुनाव हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर-पैर के हमले करने वालों की बाढ़ सी आ गई है. धामी की धूम पेज में मुझ पर जुटकर प्रहार कर रहे भाजपाई के साथ-साथ हमारे एक नेता से जुड़े हुए कुछ लोग भी दनादन मुझ पर गोले दाग रहे हैं, उनको लगता है हरीश रावत को गिराकर मार देने का यही मौका है. हरीश रावत ने आगे लिखा कि मैं लगभग 241 किलोमीटर दूर एक अनचाही चुनावी जंग में फंस चुका था, मुझे 3-4 फरवरी तक कहीं कुछ भी हो रहा हो उसकी खोज खबर लेने की फुर्सत ही नहीं मिल पा रही थी. कहां से एक यूनिवर्सिटी का मामला उठा, किसने उसको उठाया, किनके सामने उठाया! और उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया! यह कहानी अब सारे राज्य के लोगों को स्पष्ट मालूम है.

यूनिवर्सिटी की बात कहने वाले व्यक्ति की सियासी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला नाम भी सामने आ चुका है. एक विस्फोटक बात करने वाले व्यक्ति को हरिद्वार ग्रामीण में पर्यवेक्षक बनाकर किसने भेजा और किसके कहने पर भेजा! यह तथ्य अभी जरूर स्पष्ट नहीं हुआ है. लेकिन उद्देश्य स्पष्ट था हरिद्वार ग्रामीण जो पहले से ही संवेदनशील चुनाव क्षेत्र है, वहां की उम्मीदवार को चुनाव हराना, वह मेरी बेटी है अर्थात कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे.

पढ़ें-हरीश रावत अब गांव जाकर खाना चाहते हैं नमक और तेल लगे काफल, लेकिन करना पड़ेगा इंतजार

मैं जानता हूं, यदि मैं इस पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गया तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी. मैं जानता हूं पार्टी को गहरे घाव लगे हैं. मैं अपने घाव को उकेर कर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता हूं. मगर मुझे अपने पर निरंतर लगाए जा रहे झूठे आरोप और उसके दुष्प्रचार का खंडन भी करना है और दुष्प्रचार फैलाने वाले चेहरों को बेनकाब भी करना है. हाल-फिलहाल मैंने फैसला किया है कि भाजपाई और एक नेता विशेष के कांग्रेसी छाप दुष्प्रचारकों का भंडाफोड़ भी करना है.

पढ़ें-हरीश रावत पर दिए बयान पर झुकने को तैयार नहीं रणजीत रावत, इशारों-इशारों में फिर साधा निशाना

मैंने पिछले दिनों उस समाचार पत्र की 10 प्रतियां लाकर मुझे दिखाने की चुनौती भाजपा के धामी की धूम पेज के शोहदों को दी थी और कहा था कि वह ऐसा समाचार पत्र लाने वाले को ₹50000 इनाम देंगे. अब इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ तथाकथित कांग्रेसी छाप लोग भी सम्मिलित हो गए हैं. इसलिए मैंने अब यह राशि बढ़ाकर ₹100000 कर दी है. यदि कोई अखबार छपा है, तो उस समाचार पत्र का पंजीकरण नंबर, मुद्रक, प्रकाशक, वितरक तो होगा! कहां से छपा है उस स्थान का नाम होगा! छापने वाले संपादक व संवाददाता का नाम होगा! केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर एक झूठ को उपजाने वाली भाजपा व उनकी मदद कर रहे कांग्रेस छाप लोगों को मेरी चुनौती है कि वह ऐसा अखबार लाएं, जिसमें मैंने यूनिवर्सिटी को लेकर बयान दिया है. मैंने धामी की धूम पेज के इस कुकृत्य की जांच की मांग भी की है. जिस दिन प्रमाणित तौर पर यह सारे तथ्य सामने आ जाएंगे तो मैं, गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा.

देहरादून: विधानसभा चुनाव में लगातार दूसरी बार हार को कांग्रेसी नेता पचा नहीं पा रहे हैं. करारी हार के बाद पार्टी में अंतर्कलह खुलकर सबके सामने आई है. पार्टी नेताओं ने हार का ठीकरा एक-दूसरे पर जमकर फोड़. लेकिन पार्टी नेताओं के निशाने पर सबसे ज्यादा पूर्व सीएम हरीश रावत रहे, पार्टी नेताओं ने जिन्हें हार के लिए जिम्मेदार ठहराने से भी गुरेज नहीं किया. वहीं पूर्व सीएम हरीश रावत ने सोशल मीडिया पर ताजा पोस्ट शेयर किया है. जिसमें उन्होंने ऐसे नेताओं पर पलटवार किया है. साथ ही उन्होंने मुस्लिम यूनिवर्सिटी वाले बयान पर लिखा है कि जिस दिन प्रमाणित तौर पर यह सारे तथ्य सामने आ जाएंगे तो मैं, गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा.वहीं हरीश रावत ने उन्हें और उनकी बेटी अनुपमा रावत को हराने के लिए साजिश रचने का भी आरोप लगाया है.

हरीश रावत ने ट्वीट कर लिखा है कि चुनाव हारने के बाद काफी समय से सोशल मीडिया में मुझ पर बिना सिर-पैर के हमले करने वालों की बाढ़ सी आ गई है. धामी की धूम पेज में मुझ पर जुटकर प्रहार कर रहे भाजपाई के साथ-साथ हमारे एक नेता से जुड़े हुए कुछ लोग भी दनादन मुझ पर गोले दाग रहे हैं, उनको लगता है हरीश रावत को गिराकर मार देने का यही मौका है. हरीश रावत ने आगे लिखा कि मैं लगभग 241 किलोमीटर दूर एक अनचाही चुनावी जंग में फंस चुका था, मुझे 3-4 फरवरी तक कहीं कुछ भी हो रहा हो उसकी खोज खबर लेने की फुर्सत ही नहीं मिल पा रही थी. कहां से एक यूनिवर्सिटी का मामला उठा, किसने उसको उठाया, किनके सामने उठाया! और उस व्यक्ति को पार्टी का उपाध्यक्ष किसने बनाया! यह कहानी अब सारे राज्य के लोगों को स्पष्ट मालूम है.

यूनिवर्सिटी की बात कहने वाले व्यक्ति की सियासी जिंदगी में उसे सचिव व महामंत्री बनाने वाला नाम भी सामने आ चुका है. एक विस्फोटक बात करने वाले व्यक्ति को हरिद्वार ग्रामीण में पर्यवेक्षक बनाकर किसने भेजा और किसके कहने पर भेजा! यह तथ्य अभी जरूर स्पष्ट नहीं हुआ है. लेकिन उद्देश्य स्पष्ट था हरिद्वार ग्रामीण जो पहले से ही संवेदनशील चुनाव क्षेत्र है, वहां की उम्मीदवार को चुनाव हराना, वह मेरी बेटी है अर्थात कुछ लोग बाप का इंतजाम करने के बाद बेटी की हार का भी इंतजाम करने में लग गए थे.

पढ़ें-हरीश रावत अब गांव जाकर खाना चाहते हैं नमक और तेल लगे काफल, लेकिन करना पड़ेगा इंतजार

मैं जानता हूं, यदि मैं इस पूरे घटनाक्रम की जांच की मांग को लेकर कांग्रेस कार्यालय में उपवास पर बैठ गया तो एआईसीसी को स्वतंत्र उच्चस्तरीय जांच बैठानी पड़ेगी. मैं जानता हूं पार्टी को गहरे घाव लगे हैं. मैं अपने घाव को उकेर कर पार्टी के घावों में संक्रमण नहीं फैलाना चाहता हूं. मगर मुझे अपने पर निरंतर लगाए जा रहे झूठे आरोप और उसके दुष्प्रचार का खंडन भी करना है और दुष्प्रचार फैलाने वाले चेहरों को बेनकाब भी करना है. हाल-फिलहाल मैंने फैसला किया है कि भाजपाई और एक नेता विशेष के कांग्रेसी छाप दुष्प्रचारकों का भंडाफोड़ भी करना है.

पढ़ें-हरीश रावत पर दिए बयान पर झुकने को तैयार नहीं रणजीत रावत, इशारों-इशारों में फिर साधा निशाना

मैंने पिछले दिनों उस समाचार पत्र की 10 प्रतियां लाकर मुझे दिखाने की चुनौती भाजपा के धामी की धूम पेज के शोहदों को दी थी और कहा था कि वह ऐसा समाचार पत्र लाने वाले को ₹50000 इनाम देंगे. अब इस दुष्प्रचार अभियान में कुछ तथाकथित कांग्रेसी छाप लोग भी सम्मिलित हो गए हैं. इसलिए मैंने अब यह राशि बढ़ाकर ₹100000 कर दी है. यदि कोई अखबार छपा है, तो उस समाचार पत्र का पंजीकरण नंबर, मुद्रक, प्रकाशक, वितरक तो होगा! कहां से छपा है उस स्थान का नाम होगा! छापने वाले संपादक व संवाददाता का नाम होगा! केवल सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म का इस्तेमाल कर एक झूठ को उपजाने वाली भाजपा व उनकी मदद कर रहे कांग्रेस छाप लोगों को मेरी चुनौती है कि वह ऐसा अखबार लाएं, जिसमें मैंने यूनिवर्सिटी को लेकर बयान दिया है. मैंने धामी की धूम पेज के इस कुकृत्य की जांच की मांग भी की है. जिस दिन प्रमाणित तौर पर यह सारे तथ्य सामने आ जाएंगे तो मैं, गांधी जी की मूर्ति के सामने बैठकर राजनीति से सन्यास लेने की घोषणा कर दूंगा.

Last Updated : Mar 28, 2022, 12:17 PM IST
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