देहरादूनः पूर्व मुख्यमंत्री हरीश रावत ने धामी सरकार पर भ्रष्टाचार होने की आशंका जताई है. उनका आरोप है कि रुद्रपुर-किच्छा में पशुपालन विभाग की 18 एकड़ की जमीन है. जिस पर पशु आहार वर्कशॉप संचालित हो रही है, लेकिन इस जमीन पर कुछ लोगों की नजर है. ऐसे में उन्होंने सरकार पर आरोप लगाया है कि फैक्ट्री को नुकसान में डालकर इसे प्राइवेट सेक्टर को सौंपने की तैयारी कर रही है.
दरअसल, पूर्व सीएम और कांग्रेस के कद्दावर नेता हरीश रावत ने अपने ट्विटर हैंडल पर एक ट्वीट किया है. जिसमें उन्होंने कहा कि, 'आंचल इंडस्ट्रीज के नाम से एक पशु आहार वर्कशॉप रुद्रपुर-किच्छा रोड में कार्यरत है, जो लाभ में चल रही है. कर्मचारी कार्यरत हैं और ये पशुपालन विभाग की है. यहां 18 एकड़ जमीन है, कुछ (Vested interest) निहित स्वार्थ इस जमीन पर नजर गड़ाए हुए हैं और इसलिए लाभ में चलती हुई फैक्ट्री को पहले पीपीपी मोड में दिया जा रहा है ताकि फिर धीरे से उसको नुकसान में करके पीपीई पार्टनर को प्राइवेट तरीके से दे दिया जाए या उसको बिल्कुल बंद कर दिया जाए. ताकि जो 18 एकड़ जमीन है, उसका चट भोजन हो जाए, तो धामी सरकार में एक और भ्रष्टाचार जन्म ले रहा है.'
ये भी पढ़ेंः पशुपालन विभाग में चारा घोटाले पर HC सख्त, मुख्य सचिव को दिए जांच के आदेश
वहीं, उन्होंने आगे लिखा है कि 'किसी समय भी उसका प्रसव कराने की तैयारी है, क्योंकि धामी सरकार में भ्रष्टाचार का प्रसव कराने वाली एक अच्छी दाई मां पहले से विद्यमान है, पहले पोस्टर पौष्टिक आहार के साथ और अब पशुओं के पौष्टिक आहार के साथ.' बरहाल, हरीश रावत पूरे मामले में धामी सरकार पर भ्रष्टाचार के आरोप मढ़ते नजर आ रहे हैं. बता दें कि पशुपालन विभाग में पहले ही 15 करोड़ रुपए से ज्यादा के चारा घोटाला सामने आया है. जिसमें बताया गया है कि पशुपालन विभाग, उत्तराखंड से 2050 रुपए कुंतल चारा खरीदने के बजाए पंजाब से 3200 रुपए प्रति कुंतल खरीद रहा है.
ये भी पढ़ेंः हरक के बदले सुर ने बढ़ाई BJP की चिंता, निर्णायक की भूमिका में हरीश रावत बन रहे रोड़ा?