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उत्तराखंड सपा की नई कार्यकारिणी का गठन, 20 नए चेहरों को मिली जिम्मेदारी

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Published : Oct 21, 2020, 4:19 PM IST

Updated : Oct 21, 2020, 5:46 PM IST

सपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ सत्यनारायण सचान ने बताया कि 15 दिनों में सभी जिला अध्यक्षों की नियुक्ति भी कर दी जाएगी तथा नवंबर के प्रथम सप्ताह में प्रदेश कार्यकारिणी की प्रथम बैठक आयोजित की जाएगी.

Uttarakhand Samajwadi Party
उत्तराखंड समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन

देहरादून: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पहल के बाद उत्तराखंड समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन हो गया है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान के मुताबिक नई कार्यकारिणी में सामंजस्य बिठाते हुए पर्वतीय जिलों का भी विशेष ध्यान रखा गया है.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान के मुताबिक, उपाध्यक्ष पद पर सुरेश परिहार, अवतार सिंह, श्रीमती आभा बड़थ्वाल को दायित्व दिया गया है. जबकि प्रदेश महासचिव पद पर शोएब अहमद सिद्दीकी, मुख्य प्रवक्ता पद पर सुभाष पवार, महासचिव पद पर राकेश कुमार पाठक और राजेंद्र पराशर, कोषाध्यक्ष एसके राय, मीडिया प्रभारी पद पर राजेंद्र चौधरी के अलावा सपा प्रदेश प्रवक्ताओं में फुरकान अहमद, संजय कुमार सिंह, अमित यादव और सचिव पद पर कुल 20 लोगों को दायित्व दी गई है. इसके अलावा सोशल मीडिया और आईटी सेल की जिम्मेदारी जितेंद्र सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है.

उत्तराखंड समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन.

ये भी पढ़ें: उत्तराखंड विधानसभा चुनाव 2022: बीजेपी की आंधी में टिक पाएगा थर्ड फ्रंट?

प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान ने कहा कि बीते 20 सालों में कांग्रेस और भाजपा सरकार ने उत्तराखंड की जनता के साथ छल किया है. इसके ठीक उलट समाजवादी पार्टी जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण और पलायन के साथ-साथ रोजगार जैसे विषयों को लेकर जनता के बीच जाएगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पर्वतीय क्षेत्रों जन आकांक्षाओं को देखते हुए पर्वतीय जिलों में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की पहल करेगी.

उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी का जनाधार

राज्य गठन के पहले प्रदेश में समाजवादी पार्टी के आठ से नौ विधायक हुआ करते थे. 9 नवंबर 2000 तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी के तीन विधायक थे, जो अंतरिम सरकार में शामिल थे. लेकिन चुनाव दर चुनाव प्रदेश में समाजवादी पार्टी का ग्राफ गिरता गया. 2002 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 7 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ा था दूसरे नंबर पर थी इसी तरह से 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करीब 3% वोट मिले थे. 2012 के चुनाव में पार्टी का ग्राफ डाउन होते हुए एक फीसदी पर पहुंच गया. समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश की 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी भी नहीं उतारे. एक बार फिर 2022 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है.

देहरादून: समाजवादी पार्टी के राष्ट्रीय अध्यक्ष अखिलेश यादव की पहल के बाद उत्तराखंड समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन हो गया है. सपा के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान के मुताबिक नई कार्यकारिणी में सामंजस्य बिठाते हुए पर्वतीय जिलों का भी विशेष ध्यान रखा गया है.

समाजवादी पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान के मुताबिक, उपाध्यक्ष पद पर सुरेश परिहार, अवतार सिंह, श्रीमती आभा बड़थ्वाल को दायित्व दिया गया है. जबकि प्रदेश महासचिव पद पर शोएब अहमद सिद्दीकी, मुख्य प्रवक्ता पद पर सुभाष पवार, महासचिव पद पर राकेश कुमार पाठक और राजेंद्र पराशर, कोषाध्यक्ष एसके राय, मीडिया प्रभारी पद पर राजेंद्र चौधरी के अलावा सपा प्रदेश प्रवक्ताओं में फुरकान अहमद, संजय कुमार सिंह, अमित यादव और सचिव पद पर कुल 20 लोगों को दायित्व दी गई है. इसके अलावा सोशल मीडिया और आईटी सेल की जिम्मेदारी जितेंद्र सिंह चौहान को समाजवादी पार्टी प्रदेश कार्यकारिणी में स्थान दिया गया है.

उत्तराखंड समाजवादी पार्टी की नई कार्यकारिणी का गठन.

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प्रदेश अध्यक्ष डॉ. सत्यनारायण सचान ने कहा कि बीते 20 सालों में कांग्रेस और भाजपा सरकार ने उत्तराखंड की जनता के साथ छल किया है. इसके ठीक उलट समाजवादी पार्टी जल, जंगल, जमीन, पर्यावरण और पलायन के साथ-साथ रोजगार जैसे विषयों को लेकर जनता के बीच जाएगी. उन्होंने कहा कि समाजवादी पार्टी पर्वतीय क्षेत्रों जन आकांक्षाओं को देखते हुए पर्वतीय जिलों में ओबीसी आरक्षण 14 प्रतिशत से बढ़ाकर 27 फीसदी करने की पहल करेगी.

उत्तराखंड में समाजवादी पार्टी का जनाधार

राज्य गठन के पहले प्रदेश में समाजवादी पार्टी के आठ से नौ विधायक हुआ करते थे. 9 नवंबर 2000 तक प्रदेश में समाजवादी पार्टी के तीन विधायक थे, जो अंतरिम सरकार में शामिल थे. लेकिन चुनाव दर चुनाव प्रदेश में समाजवादी पार्टी का ग्राफ गिरता गया. 2002 के विधानसभा चुनाव में पार्टी ने 7 सीटों पर मजबूती के साथ चुनाव लड़ा था दूसरे नंबर पर थी इसी तरह से 2007 के विधानसभा चुनाव में पार्टी को करीब 3% वोट मिले थे. 2012 के चुनाव में पार्टी का ग्राफ डाउन होते हुए एक फीसदी पर पहुंच गया. समाजवादी पार्टी 2017 के विधानसभा चुनाव में पार्टी प्रदेश की 70 सीटों पर अपने प्रत्याशी भी नहीं उतारे. एक बार फिर 2022 में 70 सीटों पर चुनाव लड़ने का मन बनाया है.

Last Updated : Oct 21, 2020, 5:46 PM IST
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