ऋषिकेशः तीर्थनगरी ऋषिकेश योग और राफ्टिंग नगरी के लिए जाना जाता है. यहां पर राफ्टिंग करने के लिए देश-विदेश से लाखों लोग पहुंचते हैं. जिससे यहां के राफ्टिंग व्यवसायियों को रोजगार भी मिल रहा है. वहीं, राफ्टिंग व्यवसायियों के हितों को ध्यान में रखते हुए गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति का गठन किया गया है. इस समिति की 230 कंपनियां सदस्य हैं, जिन्हें 480 राफ्टों का परमिट दिया गया है. इस समिति का उद्देश्य स्थानीय युवाओं को राफ्टिंग से जोड़कर रोजगार देना और यहां आने वाले पर्यटकों की सुरक्षा प्रदान करना है.
गौर हो कि उत्तराखंड में राफ्टिंग का व्यवसाय शुरू होने के बाद से राफ्टिंग व्यवसायियों को कई बार कठिनाइयों का सामना करना पड़ा है. साल 2014 में राफ्टिंग नियमावली बनने के बाद 2017 में गंगा नदी प्रबंधक समिति बनाया गया, लेकिन कई बार एनजीटी और अन्य कारणों से राफ्टिंग व्यवसाय को नुकसान झेलना पड़ा. इसी को देखते हुए राफ्टिंग व्यवसायियों ने एक समिति बनाने का निर्णय लिया. जिसके बाद व्यवसायियों ने 21 दिसंबर 2018 को लोकतांत्रिक ढंग से समिति के कार्यकारिणी का भी गठन किया. वहीं, राफ्टिंग को रोटेशन से चलाने के लिए एक सहमति बनाई गई. जिसका विधिवत रूप से 5 फरवरी 2019 को शुभारंभ हुआ. तब से लगातार राफ्टिंग रोटेशन का संचालन किया जा रहा है.
ये भी पढे़ंःइस बार लोकसभा चुनाव है खास, पहाड़ के 'भाग्यविधाता' चौपर से देने आएंगे वोट
गंगा नदी राफ्टिंग रोटेशन समिति के अध्यक्ष दिनेश भट्ट का कहना है कि गंगा में संचालित होने वाली राफ्टिंग कंपनियों को विश्वास में लेकर रोटेशन व्यवसाय समिति के माध्यम से निर्धारित दर और दूरी के अनुसार राफ्टिंग चलाई जाएगी. उन्होंने बताया कि समिति के माध्यम से प्रशिक्षित गाइडों को नियुक्त किया जाएगा. जिससे उच्चतम गुणवत्ता के साथ सुरक्षा को विशेष प्राथमिकता के साथ राफ्टिंग कराई जा सके. साथ ही बताया कि बाहर से आने वाले पर्यटकों को सुरक्षा प्रदान किया जाएगा.