देहरादून: प्रदेश में वन भूभाग की अधिकता के कारण योजना, परियोजना के लिए वन भूमि लेना विवशता है, लेकिन इसकी राह कम जटिल नहीं है. ऐसे में तमाम योजनाओं के प्रस्ताव अधर में लटके रहते हैं. जिसको लेकर दिल्ली दरबार तक समय-समय पर दस्तक देनी पड़ती है. वन मंत्री सुबोध उनियाल (Forest Minister Subodh Uniyal) ने अपने दिल्ली दौरे से लौटने के बाद केंद्रीय मंत्रियों के सामने रखे गए विभिन्न मुद्दों की जानकारी दी. वन मंत्री दिल्ली में केंद्रीय वन एवं पर्यावरण मंत्री भूपेंद्र यादव और रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से मिले थे. सुबोध उनियाल ने कहा कि उन्होंने केंद्रीय वन मंत्री से मिलकर प्रदेश के विभिन्न मसलों पर बातचीत की है. इस दौरान एनओसी से जुड़े विषयों को भी रखा गया है.
उत्तराखंड में वन एवं पर्यावरण को लेकर केंद्र सरकार का अहम रोल है. प्रदेश के ऐसे कई मामले हैं जो वन एवं पर्यावरण (Uttarakhand Forest and Environment) से जुड़े हैं और केंद्र में लंबे समय से लंबित हैं. पर्यावरणीय अनुमति के चलते प्रदेश में वन क्षेत्र से जुड़े कई कार्यों पर परेशानियां खड़ी हो जाती है. इसी के मद्देनजर समय-समय पर उत्तराखंड सरकार के मंत्री केंद्रीय मंत्रियों से मिलकर इस मसले पर राज्य की स्थितियों से अवगत कराते रहे हैं. इसी को लेकर वन मंत्री सुबोध उनियाल भी दिल्ली दौरे पर रहे. इस दौरान उन्होंने केंद्रीय वन मंत्री भूपेंद्र यादव से मुलाकात की.
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