देहरादून: अपने ही विभाग के अधिकारियों की कार्यशैली से नाराज चल रहे कैबिनेट मंत्री हरक सिंह रावत ने प्रमुख वन संरक्षक के बाद अब अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश के खिलाफ भी मोर्चा खोल दिया है. मंत्री हरक सिंह रावत ने अपनी विधानसभा कोटद्वार में लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का काम रूकने के लिए अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश और प्रमुख वन संरक्षक जयराज समेत विभाग की कई अधिकारी को जिम्मेदार ठहराया है.
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उत्तराखंड की सियासत में इन दिनों हरक सिंह रावत एक बार फिर से सुर्खियों में है. इस बार मंत्री हरक अपनी ही सरकार के खिलाफ आक्रामक नजर आ रहे हैं. बीते रोज उन्होंने प्रमुख वन संरक्षक के विदेशी दौरे पर नाराजगी जताई तो वहीं, गुरुवार को उन्होंने अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश की कार्यशैली पर सवाल खड़े किए हैं.
मंत्री हरक की माने तो अधिकारियों ने अपने अधिकारों को गलत इस्तेमाल करके लालढांग-चिल्लरखाल मोटर मार्ग का निर्माण कार्य रूकवाया है. मंत्री के मुताबिक, इस सड़क के निर्माण के लिए उनकी तरफ से तमाम औपचारिकताएं पूरी कर ली गई थी. इसके बाद ही सड़क का निर्माण कार्य शुरू करवाया गया था. लेकिन अब उन्हीं अधिकारियों द्वारा इस सड़क को लेकर डीएफओ स्तर से प्रमुख वन संरक्षक जयराज तक एक गलत रिपोर्ट तैयार कर नेशनल टाइगर अथॉरिटी को भेजी गई.
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वन मंत्री हरक सिंह रावत का आरोप है कि डीएफओ से लेकर ऊपर तक के किसी भी अधिकारी ने इस रिपोर्ट की जानकारी उन्हें नहीं दी और ये रिपोर्ट उनके संज्ञान में भी नहीं आई. वन विभाग के अधिकारियों ने इस रिपोर्ट को सीधे अपर मुख्य सचिव लोक निर्माण को भेजी दी. जिसके बाद ओम प्रकाश जैसे जिम्मेदार अधिकारी द्वारा भी बिना मंत्रालय के संज्ञान में लाये निर्माण कार्य रोक दिया गया, जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है.
मंत्री हरक सिंह रावत ने इस मामले पर सवाल उठाते हुए कहा कि जिस सड़क को सरकार के स्तर पर मंजूरी मिली हो, उसको अपर मुख्य सचिव कैसे रोक सकते हैं? उन्होंने कहा कि यह जानबूझ कर हरक सिंह रावत द्वारा किये जा रहे जनहित के कार्यों को रोकने की साजिश की जा रही है.
इस पूरे मामले पर हरक सिंह रावत ने न केवल अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश से मौखिक रूप से जवाब-तलब किया. बल्कि, वन विभाग के अधिकारियों को भी फटकार लगाई है. हरक सिंह रावत का कहना है कि जिस सड़क के निर्माण को लेकर वे पिछले कई सालों से प्रयास कर रहे थे. उसे वे पूरा करके रहेंगे. चाहे उसके लिए उन्हें किसी से भी लड़ाई लड़नी पड़े. उन्होंने कहा कि अगर इसके लिए उन्हें अपने पद का त्याग भी करना पड़ा तो पीछे नहीं हटेंगे.
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अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश का जवाब
वहीं, इस बारे में जब अपर मुख्य सचिव ओम प्रकाश से बात की गई तो उन्होंने कहा कि लालढ़ाग-चिल्लरखाल सड़क का निर्माण कार्य रूकवाने में उनकी कोई भूमिका नहीं है. इसकी जानकारी पहले ही मंत्री को दे दी गई है. वन विभाग के अधिकारियों ने इस मोटर मार्ग का काम रूकवाया है. अगर वन विभाग अपनी रूकावट हटा दें तो लोक निर्माण विभाग को काम करने में कोई समस्या नहीं है.
अपर मुख्य सचिव के मुताबिक, एनजीटी ने भी इस सड़क निर्माण में दखल दिया है. जिसमें एनजीटी ने लोक निर्माण विभाग को पार्टी बनाया है. ऐसे में लोक निर्माण विभाग का कोर्ट के नियमों का पालन करना जरुरी हो गया है. उन्होंने मंत्री से अनुरोध किया है कि वो अपने विभाग द्वारा लगाई गई आपत्ति को हटा दें और एनजीटी की कार्रवाई से पीडब्ल्यूडी को बाहर कर दें. उसके बाद सड़क का निर्माण बिना किसी बाधा के पूरा हो पायेगा.पर मुख्य सचिव इस पूरे मामले को लेकर जरूरी दस्तावेज ईटीवी भारत से साझा किए हैं.