देहरादूनः उत्तराखंड में रह रहे वन गुर्जरों को मुख्य धारा में लाने के लिए वन विभाग कवायद में जुट गया है. इसके तहत राज्य में रहने वाले करीब 5 हजार वन गुज्जरों के परिवारों को मुलभूत सुविधाओं से जोड़ा जाएगा. साथ ही विभाग ने अधिकारियों को वन गुर्जरों को रोजगार मुहैया के लिए एक संगठन बनाने के निर्देश भी दिए हैं. जिससे वन विभाग के तहत वन में होने वाले काम इन गुर्जरों को दिया जा सके.
बता दें कि, बीते साल वन विभाग ने राजाजी नेशनल पार्क के चीला रेंज में रह रहे सैकड़ों वन गुर्जरों के परिवारों को पार्क से बाहर कर दिया था. जिसके बाद तमाम वन गुर्जरों को अन्य जगह पर बसाया गया था, लेकिन करीब 104 परिवार ऐसे भी थे, जो अभी भी लोगों के खेतों में रह रहे थे. जिन्हें अपना जीवन यापन करने में तमाम दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा था. जिसे देखते हुए वन विभाग ने पहले चरण में इन परिवारों को मुख्यधारा में लाने को लेकर कवायद तेज कर दी है.
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वन गुर्जरों को वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के निर्देश
राजाजी नेशनल पार्क से जिन वन गुर्जरों को बाहर किया गया था वो लोग, वहीं पास में लोगों के खेतों में ऐसे ही रह रहे हैं. साथ ही रहने का किराया भी दे रहे हैं. इतना ही नहीं इनके मवेशियों के लिए चारे और पानी की समस्याएं हो रही हैं.
लिहाजा, गुर्जरों के लिए वैकल्पिक व्यवस्था उपलब्ध कराने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. साथ ही वन विभाग इन वन गुर्जरों के मवेशियों के चारे के लिए अपने स्तर से भी सपोर्ट करेगा. जबकि, इनके लिए वेटनरी टीम की व्यवस्था भी की जाएगी. जिससे इनके मवेशियों का सही समय पर इलाज किया जा सके.
वन गुर्जरों को वन विभाग देगा काम
वन गुर्जरों को मुख्यधारा में लाने के लिए वन विभाग के जितने भी वन में काम होते हैं. जैसे- जंगलों के भीतर सड़क बनाना, जंगलों के भीतर लॉगिंग ऑपरेशन होना समेत तमाम विकास के कार्यों को अब वन गुर्जरों को दिया जाएगा. इसके लिए अधिकारियों को निर्देश दिया गया है कि इन वन गुर्जरों का एक संगठन बनाया जाए, जिससे गुर्जरों को रजिस्ट्रेशन और पैन नंबर मिल जाएगा. जिसके बाद सीधे तौर पर इन वन गुर्जरों को काम दिया जाएगा. जिससे ये वन में ही रहकर वन विभाग के लिए काम करेंगे.
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वन गुर्जरों के बच्चों को दिया जाएगा ट्रेनिंग
वन विभाग, वन गुर्जरों के पढ़े-लिखे बच्चों को ट्रेनिंग देकर वन विभाग के तहत होने वाले साहसिक खेलों और उत्तराखंड टूरिज्म से भी जोड़ेगा. जो एक गाइड के रूप में काम करेंगे. जिससे ना सिर्फ वन में रहने वाले गुर्जरों को मुख्यधारा में लाया जा सकेगा. बल्कि, उनके आने वाले पीढ़ी को भी एक अच्छा काम करने का मौका मिलेगा.
वहीं, प्रमुख वन संरक्षक जयराज ने बताया कि बीते साल शासन ने निर्णय लिया था कि जंगलों में रह रहे गुर्जरों को वहां से हटाया जाएगा. इसी कड़ी में वन गुर्जरों को जंगल से हटाकर कहीं और बसाया गया था, लेकिन चीला रेंज में कुछ गुर्जर ऐसे हैं. जिन्हें काफी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है. उनकी समस्याओं को 2 महीने के भीतर दूर करने के लिए अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं. साथ ही कहा कि प्रदेश भर में करीब 5 हजार वन गुर्जर रहते हैं. हालांकि, अभी 104 परिवारों की समस्याओं को चुना गया है.