देहरादूनः उत्तराखंड वन विभाग इन दिनों मॉनसून सीजन के तहत पौधरोपण की तैयारी में जुटा है. इस दिशा में राज्य में करीब डेढ़ करोड़ पेड़ लगाने का लक्ष्य पाने के लिए विभाग की तरफ से न केवल सामाजिक संस्थाओं, वन पंचायतों, महिला मंगल दल समेत विभिन्न विभागों की मदद ली जाएगी. बल्कि राजनीतिक पार्टियों को भी पहली बार इस पौधरोपण में शामिल करने का प्लान है.
12 हजार हेक्टेयर भूमि से हटाई जाएगी लैंटाना घास
पहली बार लैंटाना घास के उन्मूलन पर गंभीरता दिखाते हुए वन विभाग ने 40 करोड़ का फंड कैंपा (Compensatory Afforestation Management & Planning Authority) के तहत इसके लिए निर्धारित किया है. जिससे 12 हजार हेक्टेयर भूमि से लैंटाना घास को हटाया जाएगा. वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि राज्य वन विभाग की उपलब्धियों में वन भूमि हस्तांतरण भी शामिल है. साल 2020 में 296 मामलों में सैद्धांतिक मंजूरी ली गई है. जबकि इसके बाद अब तक 118 मामलों में वन भूमि हस्तांतरण की स्वीकृति दी गई है.
साल भर खुलेगा कॉर्बेट और राजाजी नेशनल पार्क
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि वन विभाग के विचार करने के बाद राज्य में कॉर्बेट नेशनल पार्क और राजाजी नेशनल पार्क को साल भर खोले जाने का फैसला लिया है. उधर कांसरो में नया गेट खोले जाने पर भी फैसला लिया गया है. इसी में वन विभाग द्वारा 10 हजार युवाओं को नेचर गाइड के रूप में प्रशिक्षित किए जाने का भी फैसला लिया गया है. जिसमें 5 हजार छात्राओं को प्रशिक्षण दिया जाएगा.
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अंतिम चरण में फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने बताया कि फॉरेस्ट गार्ड की भर्ती फिलहाल अंतिम चरण में है. जबकि इसके अतिरिक्त विभाग ने 894 पद पर फॉरेस्ट गार्ड की स्वीकृति के लिए आयोग को पत्र भेजा है. जबकि इस भर्ती को विभागीय स्तर पर करने के लिए मंत्रिमंडल में भी इस मामले को लाया जाएगा.
फायर कंट्रोल रूम बनेगा पौधरोपण कंट्रोल रूम
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि इस बार पौधरोपण के लिए 31 जुलाई तक का समय रखा गया है. जिसमें FRI को थर्ड पार्टी मूल्यांकन के रूप में चिन्हित किया गया है. यही नहीं, फायर कंट्रोल रूम को भी पौधरोपण कंट्रोल रूम के रूप में इस्तेमाल किया जाएगा. जबकि एक वरिष्ठ अधिकारी को नामित कर पौधरोपण की मॉनिटरिंग विद्युत रूप से की जाएगी.
केंद्रीय योजनाओं के मानक होंगे मान्य
वन मंत्री हरक सिंह रावत ने कहा कि आरक्षित क्षेत्र में केंद्रीय योजनाओं को लेकर जो मानक होते हैं. वही मानक राज्य योजनाओं में भी रखे जाएंगे. इस को लेकर भारत सरकार को पत्र लिखा गया है. यही नहीं, वन मंत्री ने व्यक्तिगत रूप से भी भारत सरकार में इसकी पैरवी की है.