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वन विभाग कैंपा के जरिए कई योजनाओं को करेगा पूरा, CM ने दिए ये निर्देश - मुख्यमंत्री ने की बैठक

मुख्यमंत्री ने कैंपा की बैठक के दौरान विभिन्न योजनाओं पर चिंतन किया. साथ ही वन विभाग के जरूरी कार्यों को लेकर भी मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत की.

Campa meeting news
कैंपा बैठक
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Published : Feb 25, 2021, 10:52 PM IST

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तराखंड कैंपा की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि वनों के विकास के लिए वनाग्नि रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किये जायें. इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय.

मुख्यमंत्री ने कैंपा की बैठक के दौरान विभिन्न योजनाओं पर चिंतन किया. साथ ही वन विभाग के जरूरी कार्यों को लेकर भी मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत की. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वन प्रहरियों की व्यवस्था स्वयं सेवी संस्थाओं, वन पंचायतों और इको डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से की जाये.

पढ़ें- CM के फैसले से कला छात्रों को होगा फायदा, LT के लिए B.Ed की अनिवार्यता खत्म

उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वन रक्षक चौकियों, रेस्क्यू सेन्टरों के निर्माण और अन्य अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण कार्यों में आरईएस व आरडब्लूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया जाय, ताकि निर्माण कार्यों में तेजी लायी जा सके. उन्होंने हाथियों के आवागमन के रास्तों पर विद्युत तारों को अंडर ग्राउंड करने और उनकी ऊंचाई बढ़ाये जाने पर बल दिया, ताकि बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं से उनका बचाव हो सके.

उन्होंने कहा कि कैंपा के तहत सृजित कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार सृजन के क्षेत्र में प्रभावी पहल की जाये. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जल संरक्षण, पौधारोपण, नर्सरी विकास और वन सम्पत्ति की सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजित किए जा सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भेला, ढेला, सुसवा, पिलखर, नन्धौर और कल्याणी नदियों में अग्रिम मृदा कार्य के तहत जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन से सम्बन्धित कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी लायी जाय. मुख्यमंत्री ने बुग्यालों के संवर्द्धन के लिए कॉयर नेट और पिरूल चेकडैम के साथ ही भीमल के इस्तेमाल पर ध्यान देने की बात कही.

पढ़ें- पर्वतीय क्षेत्रों के सुनियोजित विकास के लिए बनेगी रूपरेखा

उन्होंने कहा कि वन्य पशुओं से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग बहुत ही कारगर है, परन्तु सोलर फेंसिंग की सुरक्षा के लिए लोगों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है. मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए.

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वन विभाग द्वारा वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कैंपा के तहत स्वीकृत कार्यों में तेजी लाने के लिये भी उन्होंने निर्देश दिये.

कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेएस सुहाग ने बताया कि कैंपा के तहत इस वर्ष की कार्य योजना में 225 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गई है, जबकि अगले वर्ष के लिये कैम्पा के तहत 675 करोड़ प्राविधानित है.

देहरादून: मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र सिंह रावत की अध्यक्षता में गुरुवार को उत्तराखंड कैंपा की बैठक आयोजित की गई. बैठक में मुख्यमंत्री त्रिवेंद्र ने कहा कि वनों के विकास के लिए वनाग्नि रोकने के लिये प्रभावी प्रयास किये जायें. इसके लिए अधिकारियों की जिम्मेदारी तय की जाय.

मुख्यमंत्री ने कैंपा की बैठक के दौरान विभिन्न योजनाओं पर चिंतन किया. साथ ही वन विभाग के जरूरी कार्यों को लेकर भी मंत्रियों और अधिकारियों से बातचीत की. मुख्यमंत्री ने निर्देश दिये कि वन प्रहरियों की व्यवस्था स्वयं सेवी संस्थाओं, वन पंचायतों और इको डेवलपमेंट कमेटी के माध्यम से की जाये.

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उन्होंने यह भी निर्देश दिये कि वन रक्षक चौकियों, रेस्क्यू सेन्टरों के निर्माण और अन्य अवस्थापना सुविधाओं के निर्माण कार्यों में आरईएस व आरडब्लूडी को कार्यदायी संस्था नामित किया जाय, ताकि निर्माण कार्यों में तेजी लायी जा सके. उन्होंने हाथियों के आवागमन के रास्तों पर विद्युत तारों को अंडर ग्राउंड करने और उनकी ऊंचाई बढ़ाये जाने पर बल दिया, ताकि बिजली के तारों से होने वाली दुर्घटनाओं से उनका बचाव हो सके.

उन्होंने कहा कि कैंपा के तहत सृजित कार्यक्रमों के माध्यम से रोजगार सृजन के क्षेत्र में प्रभावी पहल की जाये. ग्रामीण क्षेत्रों में रोजगार उपलब्ध कराने हेतु जल संरक्षण, पौधारोपण, नर्सरी विकास और वन सम्पत्ति की सुरक्षा के क्षेत्र में रोजगार सृजित किए जा सकते हैं.

मुख्यमंत्री ने कहा कि भेला, ढेला, सुसवा, पिलखर, नन्धौर और कल्याणी नदियों में अग्रिम मृदा कार्य के तहत जल संरक्षण एवं जल संवर्द्धन से सम्बन्धित कार्यों के क्रियान्वयन में तेजी लायी जाय. मुख्यमंत्री ने बुग्यालों के संवर्द्धन के लिए कॉयर नेट और पिरूल चेकडैम के साथ ही भीमल के इस्तेमाल पर ध्यान देने की बात कही.

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उन्होंने कहा कि वन्य पशुओं से सुरक्षा के लिए सोलर फेंसिंग बहुत ही कारगर है, परन्तु सोलर फेंसिंग की सुरक्षा के लिए लोगों को भी जागरूक किए जाने की आवश्यकता है. मानव-वन्यजीव संघर्ष रोकथाम के लिए विशेष प्रयास किए जाने चाहिए.

वन मंत्री डॉ. हरक सिंह रावत ने कहा कि वन विभाग द्वारा वनों के संरक्षण एवं संवर्धन हेतु लगातार प्रयास किए जा रहे हैं. कैंपा के तहत स्वीकृत कार्यों में तेजी लाने के लिये भी उन्होंने निर्देश दिये.

कैम्पा के मुख्य कार्यकारी अधिकारी जेएस सुहाग ने बताया कि कैंपा के तहत इस वर्ष की कार्य योजना में 225 करोड़ की धनराशि उपलब्ध करायी गई है, जबकि अगले वर्ष के लिये कैम्पा के तहत 675 करोड़ प्राविधानित है.

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