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रिश्वतखोर मुख्य शिक्षा अधिकारी को कोर्ट ने सुनाई सजा, तीन साल के लिए भेजा जेल - IMPRISONMENT IN BRIBERY CASE

साल 2017 के रिश्वत मामले में कोर्ट ने अल्मोड़ा के तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी को तीन साल की सजा सुनाई.

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By ETV Bharat Uttarakhand Team

Published : Dec 24, 2024, 5:33 PM IST

Updated : Dec 24, 2024, 6:20 PM IST

हल्द्वानी: रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य शिक्षा अधिकारी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने रिश्वतखोर मुख्य शिक्षा अधिकारी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. मामला अप्रैल 2017 का है.

जानकारी के मुताबिक रिजवानुर्रहमान निवासी गौहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी नैनीताल को 25 अप्रैल 2017 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था. शिकायत में रिजवानुर्रहमान ने तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह पर हाईस्कूल की मान्यता के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था.

मामले की प्राथमिक जांच की गई तो तथ्य सही पाए गए. इसके बाद निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया. विजिलेंस की ट्रैप टीम ने 28 अप्रैल 2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद थाना सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में 7 व13 (1) (डी) धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस पूरे मामले में अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने कोर्ट में 13 गवाह के साथ-साथ अन्य साक्ष्य और सबूत एकत्र पेश किए. पूरे मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम / विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई और 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. सतर्कता अधिष्ठान निदेशालय देहरादून डॉ पी मुरुगेशन ने लोगों से अपील की है कि कोई व्यक्ति फ्री नम्बर 1064 कॉल कर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करा सकता है.

पढ़ें--

हल्द्वानी: रिश्वत के मामले में गिरफ्तार किए गए मुख्य शिक्षा अधिकारी को कोर्ट ने तीन साल की सजा सुनाई है. साथ ही कोर्ट ने रिश्वतखोर मुख्य शिक्षा अधिकारी पर 25 हजार रुपए का अतिरिक्त जुर्माना भी लगाया है. मामला अप्रैल 2017 का है.

जानकारी के मुताबिक रिजवानुर्रहमान निवासी गौहल्ला नियाजगंज अल्मोड़ा ने सतर्कता अधिष्ठान कार्यालय हल्द्वानी नैनीताल को 25 अप्रैल 2017 को एक शिकायती प्रार्थना पत्र दिया था. शिकायत में रिजवानुर्रहमान ने तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह पर हाईस्कूल की मान्यता के लिए 15 हजार रुपए की रिश्वत मांगने का आरोप लगाया था.

मामले की प्राथमिक जांच की गई तो तथ्य सही पाए गए. इसके बाद निरीक्षक पंकज उप्रेती के नेतृत्व में ट्रैप टीम का गठन किया गया. विजिलेंस की ट्रैप टीम ने 28 अप्रैल 2017 को तत्कालीन मुख्य शिक्षा अधिकारी अल्मोड़ा अशोक कुमार सिंह को 15 हजार रुपए की रिश्वत लेते हुए रंगे हाथ गिरफ्तार किया गया.

इसके बाद थाना सतर्कता अधिष्ठान, सेक्टर नैनीताल हल्द्वानी में 7 व13 (1) (डी) धारा के तहत मुकदमा दर्ज किया गया. इस पूरे मामले में अभियोजन अधिकारी दीना रानी ने कोर्ट में 13 गवाह के साथ-साथ अन्य साक्ष्य और सबूत एकत्र पेश किए. पूरे मामले में अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश प्रथम / विशेष न्यायाधीश भ्रष्टाचार निवारण हल्द्वानी नीलम रात्रा की अदालत ने आरोपी को दोषी मानते हुए तीन साल की सजा सुनाई और 25 हजार रुपए का जुर्माना भी लगाया. जुर्माना अदा नहीं करने पर दोषी को 6 महीने की अतिरिक्त सजा भुगतनी पड़ेगी. सतर्कता अधिष्ठान निदेशालय देहरादून डॉ पी मुरुगेशन ने लोगों से अपील की है कि कोई व्यक्ति फ्री नम्बर 1064 कॉल कर भ्रष्टाचार की शिकायत दर्ज करा सकता है.

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Last Updated : Dec 24, 2024, 6:20 PM IST
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