देहरादूनः उत्तराखंड में सरकारी और वन भूमि से अतिक्रमण को हटाने की कार्रवाई जारी है. इसी कड़ी में तराई केंद्रीय फॉरेस्ट डिवीजन की टांडा रेंज में वन विभाग के बुलडोजर ने गुज्जर या गुर्जरों के अवैध कब्जों को ढहा दिया. बताया जा रहा है कि ये वन गुज्जर बाहरी राज्यों से आकर जंगलों में अवैध रूप से बसे हैं. इतना ही नहीं इन गुज्जरों ने अवैध रूप से मदरसे भी बना लिए हैं. उन पर भी जेसीबी मशीन गरजी.
उत्तराखंड वन विभाग के अतिक्रमण हटाओ अभियान के नोडल अधिकारी पराग मधुकर धकाते ने बताया कि तराई क्षेत्र के टांडा रेंज में अतिक्रमण को लेकर मीडिया में खबरें सामने आई थी. जिसको मुख्यमंत्री कार्यालय और गृह विभाग ने गंभीरता से लिया. जिसके बाद उधमसिंह नगर जिला प्रशासन और तराई सेंट्रल फॉरेस्ट डिवीजन के अधिकारियों की संयुक्त कार्रवाई में गुज्जरों के अतिक्रमण को ध्वस्त कर दिया गया. पूरी कार्रवाई के दौरान करीब एक एकड़ वन भूमि पर बने धार्मिक अतिक्रमण को हटा दिया गया. यहां पर अवैध रूप से मदरसा बनाया गया था, जिसके लिए प्रशासन से अनुमति भी नहीं ली गई थी.
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डॉक्टर पराग मधुकर धकाते ने बताया कि इससे पहले उन्हें अतिक्रमण हटाने के लिए नोटिस दिया गया था, लेकिन उन्होंने नियमानुसार जंगल की जमीन को खाली नहीं किया. इसलिए उनके खिलाफ सख्त कारवाई के लिए वन विभाग को बाध्य होना पड़ा. उन्होंने बताया कि जंगल में किसी भी प्रकार का धार्मिक स्थल बनाए जाने की इजाजत नहीं दी जा सकती है. यदि कोई धार्मिक स्थल बनाएगा तो उसके खिलाफ सख्त कानूनी कार्रवाई भी की जाएगी. इसके अलावा विभागीय अधिकारियों पर भी कार्रवाई की जाएगी.
वहीं, नोडल अधिकारी धकाते ने बताया कि नैनीताल हाईकोर्ट के आदेश पर राष्ट्रीय राजमार्गों के किनारे और फॉरेस्ट लैंड से अतिक्रमण हटाने के लिए जिला प्रशासन के साथ समन्वय स्थापित करके ही अतिक्रमण हटाया जाएगा. मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने स्पष्ट कहा है कि अतिक्रमण हटाओ अभियान जारी रहेगा और कोई भी धार्मिक चिन्ह जंगल में नहीं बनने दिया जाएगा.
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