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वन-विभाग ने वन गुर्जरों को सांकरी क्षेत्र में रोका

वन विभाग द्वारा वन गुर्जरों को उत्तरकाशी के सांकरी वन क्षेत्र में रोक लिया गया है. मुख्यमंत्री से अनुमति लेने के बावजूद उन्हें आगे जाने नहीं दिया जा रहा है. उन लोगों ने सरकार से इस मामले पर संज्ञान लेने की अपील की है.

वन गुर्जर
वन गुर्जर
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Published : May 10, 2021, 2:16 PM IST

देहरादून: हर साल पलायन करने वाले घुमंतू वन गुर्जरों को उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों ने उत्तरकाशी के सांकरी वन क्षेत्र में आगे जाने से रोक दिया है. इसके कारण तकरीबन 200 मवेशियों के साथ दर्जन भर गुर्जर परिवारों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है. वन विभाग की तरफ से उनके लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है. ये गुर्जर देहरादून राजा जी नेशनल पार्क के क्षेत्र से उत्तरकाशी आ रहे थे. रोके गए गुर्जरों ने सरकार से अपील की है.

अनुमति पत्र
अनुमति पत्र

मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी गुर्जरों को रोका
घुमंतू जीवन यापन करने वाले खानाबदोश वन गुर्जर आजकल हिमालय क्षेत्र सांकरी, रूपिन, सूपिन उत्तरकाशी में प्रवास पर हैं. प्रवास से पहले वन गुर्जर प्रतिनिधि हर वर्ष की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री से अनुमति पत्र लेकर निकले थे. जिसकी प्रति मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक और अन्य को भी भेजी गयी थी. मुख्यमंत्री ने वन गुर्जरों को हर वर्ष की तरह इस बार भी अनुमति दे दी थी.

वन गुर्जरों के सामने भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है
वन विभाग ने देहरादून से लेकर उत्तरकाशी तक कहीं इन वन गुर्जरों को नहीं रोका, लेकिन अंतिम पड़ाव से पहले वन विभाग ने नैटबाड उत्तरकाशी में मवेशियों के साथ वन गुर्जरों को रोक दिया है. वन गुर्जरों का कहना है कि चारा न मिलने से पशु बीमार हो रहे हैं. उनके सामने भी खाने का संकट आ गया है.

पढ़ें: देहरादून पुलिस लाइन में प्लाज्मा डोनेट करने वाले करा सकते हैं एंटीबॉडी टेस्ट

विभाग के अधिकारी इस बारे में बात करने को राजी नहीं है. वे वन गुर्जरों पर कार्रवाई की बात कर रही हैं. देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश शर्मा ने सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है.

देहरादून: हर साल पलायन करने वाले घुमंतू वन गुर्जरों को उत्तराखंड वन विभाग के अधिकारियों ने उत्तरकाशी के सांकरी वन क्षेत्र में आगे जाने से रोक दिया है. इसके कारण तकरीबन 200 मवेशियों के साथ दर्जन भर गुर्जर परिवारों के जीवन पर संकट मंडरा रहा है. वन विभाग की तरफ से उनके लिए कोई व्यवस्था भी नहीं की गई है. ये गुर्जर देहरादून राजा जी नेशनल पार्क के क्षेत्र से उत्तरकाशी आ रहे थे. रोके गए गुर्जरों ने सरकार से अपील की है.

अनुमति पत्र
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मुख्यमंत्री के आदेश के बाद भी गुर्जरों को रोका
घुमंतू जीवन यापन करने वाले खानाबदोश वन गुर्जर आजकल हिमालय क्षेत्र सांकरी, रूपिन, सूपिन उत्तरकाशी में प्रवास पर हैं. प्रवास से पहले वन गुर्जर प्रतिनिधि हर वर्ष की तरह इस बार भी मुख्यमंत्री से अनुमति पत्र लेकर निकले थे. जिसकी प्रति मुख्य वन्यजीव प्रतिपालक और अन्य को भी भेजी गयी थी. मुख्यमंत्री ने वन गुर्जरों को हर वर्ष की तरह इस बार भी अनुमति दे दी थी.

वन गुर्जरों के सामने भोजन की समस्या उत्पन्न हो गई है
वन विभाग ने देहरादून से लेकर उत्तरकाशी तक कहीं इन वन गुर्जरों को नहीं रोका, लेकिन अंतिम पड़ाव से पहले वन विभाग ने नैटबाड उत्तरकाशी में मवेशियों के साथ वन गुर्जरों को रोक दिया है. वन गुर्जरों का कहना है कि चारा न मिलने से पशु बीमार हो रहे हैं. उनके सामने भी खाने का संकट आ गया है.

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विभाग के अधिकारी इस बारे में बात करने को राजी नहीं है. वे वन गुर्जरों पर कार्रवाई की बात कर रही हैं. देहरादून के सामाजिक कार्यकर्ता अवधेश शर्मा ने सरकार से इस ओर ध्यान देने की अपील की है.

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