ETV Bharat / state

जल्द नये रंग में दिखेगा उत्तराखंड वन विभाग, तय किये गये 5 सूत्रीय कार्यक्रम

उत्तराखंड वन विभाग ने अपने आगामी वर्षों के लिए 5 सूत्रीय कार्यक्रम तय कर लिए हैं. इनमें विभाग की बेहतरी के लिए विभाग को अत्याधुनिक उपकरणों से लैस करने समेत कर्मचारियों की बेहतरी से जुड़े बिंदु शामिल हैं.

forest-department-has-decided-5-point-program-in-uttarakhand
जल्द नये रंग में दिखेगा उत्तराखंड वन विभाग
author img

By

Published : Aug 19, 2021, 4:30 PM IST

देहरादून: उत्तराखंड वन महकमे के विकास को लेकर 5 सूत्रीय बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि इन 5 बिंदुओं पर आगे बढ़कर विभाग को न केवल कार्य दक्षता के लिहाज से बेहतर बनाया जा सकेगा, बल्कि इससे आम लोगों को भी सहूलियतें मिल सकेंगी. विभाग की कोशिश है कि इन पांच बिंदुओं में उन सभी विषयों को जोड़ा जा सके जो कि कर्मचारियों के हितों और विभाग की बेहतरी से जुड़े हुए हैं. उत्तराखंड वन विभाग के क्या हैं वो 5 बिंदु आप भी जानिए...

पहले बिंदु के तहत वन विभाग में सभी रिक्तियों को भरने और कर्मचारियों की कमी को विभाग में दूर करने की कोशिशें की जाएंगी. बता दें कि प्रदेश में वन विभाग में वन रक्षकों की बड़ी संख्या में कमी चल रही है. यही नहीं डिप्टी रेंजर और रेंजर पद पर भी पदोन्नति के कई मामले लटके हुए हैं. इस तरह पहले बिंदु के तहत विभाग में पदोन्नति के सभी मामलों को जल्द से जल्द निपटाने और उसके बाद होने वाली रिक्तियों में सीधी भर्ती के जरिए इन्हें भरने की प्राथमिकता है.

वन विभाग के 5 सूत्रीय कार्यक्रम

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव में पहाड़ों से पलायन बड़ा मुद्दा, लेकिन सुध लेने वाले खुद कर गए 'पलायन'

वन विभाग का दूसरा फोकस विभाग में कर्मचारियों के दक्षता विकास को करना है. दरअसल, जल्द ही वन विभाग को 1218 फॉरेस्ट गार्ड मिलने जा रहे हैं. ऐसे में इन सभी चयनित फॉरेस्ट गार्ड के प्रशिक्षण के लिए तमाम नए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की कोशिशें की जा रही हैं. इसके तहत कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनका दक्षता विकास किया जाएगा.

वन विभाग में तीसरे नंबर पर प्राथमिकता में ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाना है. इसमें वन विभाग के तमाम कार्यालय और भवनों के निर्माण तो शामिल हैं, साथ ही अग्निशमन उपकरण, आग की घटनाओं से पहले की तैयारियों की रूपरेखा तैयार करना जानवरों को पकड़ने और तमाम दूसरे जरूरी उपकरणों को लाना शामिल हैं. साथ ही आईटी यानी इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में वन विभाग को सुदृढ़ करना है.

पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे सभी उत्तराखंडी जल्द आएंगे वापस, CM धामी ने रक्षा मंत्री और NSA को सौंपी लिस्ट

राज्य में वन विभाग की सीमाओं के पुनर्आकलन कर उन पर फिर से सीमाओं का आकलन करना वन विभाग की चौथी प्राथमिकता है. इसके तहत पहले ही शासन स्तर पर एक समिति तैयार की गई है, यह समिति जल्द ही सीमाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस लक्ष्य का मकसद पुरानी व्यवस्थाओं के तहत तय किए गए वन विभाग की सीमाओं के आकलन से हटकर नए हालातों पर नए सीमांकन को करना है.

पढ़ें- ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर खाई में गिरा डंपर, एक की मौत, एक घायल

वन विभाग अपने पांचवें बिंदु के तहत विभाग के कर्मचारियों के तमाम संघों की मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगा. दरअसल, वन विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपने भत्ते से लेकर पदोन्नति तक के तमाम मसलों को लेकर अधिकारियों के सामने चक्कर काटते रहे हैं. ऐसे में उनकी मांगों के निराकरण को भी बिंदु में शामिल किया गया है.

देहरादून: उत्तराखंड वन महकमे के विकास को लेकर 5 सूत्रीय बिंदुओं पर काम किया जा रहा है. विभागीय अधिकारियों को उम्मीद है कि इन 5 बिंदुओं पर आगे बढ़कर विभाग को न केवल कार्य दक्षता के लिहाज से बेहतर बनाया जा सकेगा, बल्कि इससे आम लोगों को भी सहूलियतें मिल सकेंगी. विभाग की कोशिश है कि इन पांच बिंदुओं में उन सभी विषयों को जोड़ा जा सके जो कि कर्मचारियों के हितों और विभाग की बेहतरी से जुड़े हुए हैं. उत्तराखंड वन विभाग के क्या हैं वो 5 बिंदु आप भी जानिए...

पहले बिंदु के तहत वन विभाग में सभी रिक्तियों को भरने और कर्मचारियों की कमी को विभाग में दूर करने की कोशिशें की जाएंगी. बता दें कि प्रदेश में वन विभाग में वन रक्षकों की बड़ी संख्या में कमी चल रही है. यही नहीं डिप्टी रेंजर और रेंजर पद पर भी पदोन्नति के कई मामले लटके हुए हैं. इस तरह पहले बिंदु के तहत विभाग में पदोन्नति के सभी मामलों को जल्द से जल्द निपटाने और उसके बाद होने वाली रिक्तियों में सीधी भर्ती के जरिए इन्हें भरने की प्राथमिकता है.

वन विभाग के 5 सूत्रीय कार्यक्रम

पढ़ें- उत्तराखंड चुनाव में पहाड़ों से पलायन बड़ा मुद्दा, लेकिन सुध लेने वाले खुद कर गए 'पलायन'

वन विभाग का दूसरा फोकस विभाग में कर्मचारियों के दक्षता विकास को करना है. दरअसल, जल्द ही वन विभाग को 1218 फॉरेस्ट गार्ड मिलने जा रहे हैं. ऐसे में इन सभी चयनित फॉरेस्ट गार्ड के प्रशिक्षण के लिए तमाम नए प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाने की कोशिशें की जा रही हैं. इसके तहत कर्मचारियों को प्रशिक्षण देकर उनका दक्षता विकास किया जाएगा.

वन विभाग में तीसरे नंबर पर प्राथमिकता में ढांचागत सुविधाओं को बढ़ाना है. इसमें वन विभाग के तमाम कार्यालय और भवनों के निर्माण तो शामिल हैं, साथ ही अग्निशमन उपकरण, आग की घटनाओं से पहले की तैयारियों की रूपरेखा तैयार करना जानवरों को पकड़ने और तमाम दूसरे जरूरी उपकरणों को लाना शामिल हैं. साथ ही आईटी यानी इनफॉर्मेशन टेक्नोलॉजी में वन विभाग को सुदृढ़ करना है.

पढ़ें- अफगानिस्तान में फंसे सभी उत्तराखंडी जल्द आएंगे वापस, CM धामी ने रक्षा मंत्री और NSA को सौंपी लिस्ट

राज्य में वन विभाग की सीमाओं के पुनर्आकलन कर उन पर फिर से सीमाओं का आकलन करना वन विभाग की चौथी प्राथमिकता है. इसके तहत पहले ही शासन स्तर पर एक समिति तैयार की गई है, यह समिति जल्द ही सीमाओं को लेकर अपनी रिपोर्ट पेश करेगी. इस लक्ष्य का मकसद पुरानी व्यवस्थाओं के तहत तय किए गए वन विभाग की सीमाओं के आकलन से हटकर नए हालातों पर नए सीमांकन को करना है.

पढ़ें- ऋषिकेश-गंगोत्री हाईवे पर खाई में गिरा डंपर, एक की मौत, एक घायल

वन विभाग अपने पांचवें बिंदु के तहत विभाग के कर्मचारियों के तमाम संघों की मांगों को पूरा करने का प्रयास करेगा. दरअसल, वन विभाग से जुड़े तमाम कर्मचारी पिछले लंबे समय से अपने भत्ते से लेकर पदोन्नति तक के तमाम मसलों को लेकर अधिकारियों के सामने चक्कर काटते रहे हैं. ऐसे में उनकी मांगों के निराकरण को भी बिंदु में शामिल किया गया है.

ETV Bharat Logo

Copyright © 2024 Ushodaya Enterprises Pvt. Ltd., All Rights Reserved.