डोईवाला : कोरोना महामारी के चलते पूरे देश में लॉकडाउन घोषित किया गया है. ऐसे में व्यवसायियों के काम धंधे बंद हैं. जिसके चलते उन्हें आर्थिक नुकसान उठना पड़ रहा है. वहीं, काश्तकार भी इस समस्या से अछूते नहीं हैं. बाजार न खुलने के चलते उनकी खेतों में खड़ी फसल बर्बाद हो रही है.
देश में घोषित लॉकडाउन कैश क्रॉप (नकदी फसल) का उत्पादन करने वाले किसानों के लिए मुसीबत बन गया है. ताजा मामला डोईवाला का है. जहां फूलों की खेती करने वाले काश्तकारों को भारी नुकसान झेलना पड़ रहा है. क्योंकि, लॉकडाउन के कारण देशभर में धार्मिक स्थल बंद हैं. साथ ही अन्य सामाजिक कार्यक्रमों पर रोक लगाई गई है. जिसके कारण न तो उन्हें फूलों के खरीददार मिल रहे हैं और न ही वो इन्हें कहीं बेच पा रहे हैं.
महिला किसान संतोष पाल ने बताया कि उन्होंने आजीविका चलाने के लिए भारी भरकम रकम खर्च करके पॉली हाउस लगाया था और पॉलीहाउस की खेती भी अच्छी हो रही थी, लेकिन लॉकडाउन के चलते फूलों का व्यवसाय एकदम चौपट हो गया है. उनके फूल शादी ब्याह और धार्मिक स्थानों पर जाते थे. लेकिन अब इन फूलों को तोड़ कर फेंका जा रहा है.
पूर्व प्रधान और किसान उम्मीद बोरा ने बताया कि डोईवाला क्षेत्र में बड़ी संख्या में युवा पाली हाउस बनाकर फूलों की खेती कर रहे थे और उनके फूलों की डिमांड दिल्ली और अन्य शहरों से आती थी. लेकिन लॉकडाउन के चलते महानगरों में फूलों की सप्लाई पूरी तरह से ठप हो गई है.
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वही, दूसरी तरफ ऋषिकेश हरिद्वार में बड़ी संख्या में तीर्थाटन के लिए यात्री आते थे. लेकिन धार्मिक गतिविधियां बंद होने से फूल का व्यवसाय चौपट हो गया है.किसानों का कहना है कि अब किसान कर्ज के बोझ तले दबे जा रहे हैं. इस दौरान कैश क्रॉप किसानों ने प्रदेश सरकार से पॉलीहाउस की मुआवजा की मांग की है. जिससे किसानों की मदद हो सके.