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नमामि गंगे परियोजना का ऐसा है हाल, गंगा नदी में जा रहा घरों से निकलने वाला गंदा पानी

ऋषिकेश के आम बाग विस्थापित में कई अवैध फ्लैट बनाए गए हैं. जिनका सीवरेज सीधे रंभा नदी के जरिए गंगा में मिल रहा है.

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गंगा प्रदूषित
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Published : Feb 13, 2020, 4:58 PM IST

ऋषिकेशः तीर्थनगरी में नमामि गंगे परियोजना और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को पलीता लगाया जा रहा है. आमबाग विस्थापित क्षेत्र में अवैध फ्लैटों का मल-मूत्र और गंदा पानी सीधे नाले में गिराया जा रहा है. जो रंभा नदी के जरिए गंगा में मिल रहा है, जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है. वहीं, स्थानीय लोगों की शिकायत पर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मौके पर मुआयना करने पहुंचे. जिन्होंने मामले पर नोटिस जारी करने की बात कही है.

दरअसल, आम बाग विस्थापित में कई अवैध फ्लैट बनाए गए हैं. जिनका सीवरेज प्लान सही से नहीं बनाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि फ्लैटों का मल-मूत्र, गंदा पानी नाले के जरिए रंभा नदी जा रहा है. रंभा नदी आगे जाकर गंगा में मिल रही है. साथ ही नाले में जाने वाले गंदे पानी की दुर्गंध से स्थानीय लोग बीमार हो रहे हैं.

फ्लैटों से निकले गंदे पानी से गंगा हो रही प्रदूषित.

ये भी पढ़ेंः उत्तराखंड में बढ़ रहा गहत की दाल का उत्पादन, औषधीय गुणों से है भरपूर

लोगों का कहना है कि सरकार गंगा की स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जो बर्बाद हो रहा है. साथ ही कहा कि मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बावजूद अधिकारी मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं. अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की जाएगी.

उधर, मौके का मुआयना करने के बाद अधिकारियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को पत्रचार के माध्यम से मामला संज्ञान में लाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि फ्लैट स्वामी के खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे.

ऋषिकेशः तीर्थनगरी में नमामि गंगे परियोजना और राष्ट्रीय स्वच्छ गंगा मिशन को पलीता लगाया जा रहा है. आमबाग विस्थापित क्षेत्र में अवैध फ्लैटों का मल-मूत्र और गंदा पानी सीधे नाले में गिराया जा रहा है. जो रंभा नदी के जरिए गंगा में मिल रहा है, जिससे गंगा प्रदूषित हो रही है. वहीं, स्थानीय लोगों की शिकायत पर नमामि गंगे के प्रोजेक्ट मैनेजर मौके पर मुआयना करने पहुंचे. जिन्होंने मामले पर नोटिस जारी करने की बात कही है.

दरअसल, आम बाग विस्थापित में कई अवैध फ्लैट बनाए गए हैं. जिनका सीवरेज प्लान सही से नहीं बनाया गया है. स्थानीय लोगों का कहना है कि फ्लैटों का मल-मूत्र, गंदा पानी नाले के जरिए रंभा नदी जा रहा है. रंभा नदी आगे जाकर गंगा में मिल रही है. साथ ही नाले में जाने वाले गंदे पानी की दुर्गंध से स्थानीय लोग बीमार हो रहे हैं.

फ्लैटों से निकले गंदे पानी से गंगा हो रही प्रदूषित.

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लोगों का कहना है कि सरकार गंगा की स्वच्छता के लिए करोड़ों रुपये खर्च कर रही है, जो बर्बाद हो रहा है. साथ ही कहा कि मामले में दोषी लोगों के खिलाफ कार्रवाई होनी चाहिए. बावजूद अधिकारी मामले को लेकर गंभीर नहीं हैं. अब इसकी शिकायत प्रधानमंत्री कार्यालय से की जाएगी.

उधर, मौके का मुआयना करने के बाद अधिकारियों ने प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड, नगर निगम और स्थानीय प्रशासन को पत्रचार के माध्यम से मामला संज्ञान में लाने की बात कही है. उन्होंने कहा कि फ्लैट स्वामी के खिलाफ नोटिस जारी किए जाएंगे.

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