देहरादूनः उत्तराखंड में महिलाओं को कार्य करने और कार्यस्थल पर सुरक्षा प्रदान करने के लिए धामी कैबिनेट ने एक बड़े फैसले को मंजूरी दी है. कैबिनेट ने महिला कार्मिकों का कारखाना अधिनियम 1948 के तमाम प्रतिबंधों के प्रावधानों में बदलाव कर महिलाओं को नाइट शिफ्ट में काम करने की अनुमति दे दी है. साथ ही कार्यस्थल पर सुरक्षा को लेकर भी और अधिक अधिकार दिए हैं.
दरअसल, उत्तराखंड में कामकाजी महिलाओं की तादाद बढ़ें, महिलाएं ज्यादा स्वावलंबी हों, कार्यस्थल पर महिलाओं को सभी अधिकार मिले और सुरक्षा का भी माहौल मिले, इसे लेकर धामी सरकार ने कैबिनेट में बड़ा फैसला लिया है. जिसका फायदा प्रदेश की तमाम महिलाओं को मिलेगा. इससे महिलाएं और अधिक स्वावलंबी होंगी.
धामी सरकार ने महिलाओं को नाइट शिफ्ट में शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक काम करने की छूट देने के लिए अधिनियम में बदलाव के लिए कैबिनेट में मंजूरी दी है. इसके अलावा तमाम इंडस्ट्रियल प्रतिष्ठानों में महिला कार्मिकों को अधिक से अधिक अवसर मिले और महिलाओं को काम के प्रति प्रोत्साहन मिले, इस उद्देश्य के साथ धामी सरकार की ओर से कारखाना अधिनियम 1948 के प्रावधानों में छूट दी है.
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इतना ही नहीं महिलाओं को कार्यस्थल पर सुरक्षित माहौल के साथ अधिक सुविधाएं मिले. इसके लिए नाइट शिफ्ट शाम 7 बजे से सुबह 6 बजे तक की अनुमति दी गई है. इसके अलावा नाइट शिफ्ट में कैब व्यवस्था के साथ कैब में कैमरे और जीपीएस ट्रैकिंग के अलावा पैनिक बटन भी एंप्लॉयर के लिए अनिवार्य किया गया है.
इसके अलावा एंप्लॉयर को ड्राइवर और वाहन का पुलिस वेरिफिकेशन करना होगा. वहीं, नाइट शिफ्ट में काम करने वाले सभी वर्करों में महिला कर्मचारियों की संख्या न्यूनतम 3 से बढ़ाकर 20 किए जाने की मंजूरी दी गई है. धामी कैबिनेट में इस फैसले को मंजूरी मिलने के बाद प्रदेश की महिलाओं के लिए काफी फायदेमंद माना जा रहा है.
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