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मिलावटखोरों पर FDA की कार्रवाई जारी, 10 दुकानों के मिठाई सैंपल जांच के लिए भेजे लैब - FDA action on adulterers

देहरादून खाद्य और औषधि प्राधिकरण की टीम ने ऋषिकेश, विकासनगर और देहरादून शहर के 10 मिठाई की दुकानों से सैंपल एकत्र किए हैं. टीम ने सैंपल को रुद्रपुर लैब भेज दिया है. इन दुकानों से टीम को मिलावट की शिकायतें मिल रही थी.

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Published : Aug 9, 2022, 10:13 PM IST

देहरादूनः त्योहारी सीजन के मध्यनजर देहरादून खाद्य और औषधि प्राधिकरण (Food and Drug Authority) की टीम द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई जारी है. मंगलवार को एफडीए की टीम ने ऋषिकेश, विकासनगर और देहरादून शहर में कार्रवाई करते हुए 10 मिष्ठान प्रतिष्ठानों से सैंपल एकत्र कर जांच के लिए रुद्रपुर भेजे. जानकारी के मुताबिक, जिन प्रतिष्ठानों के सैंपल जांच के लिए भेजें गए हैं, उनके यहां के खाद्य सामग्रियों में मिलावट (food adulteration) की शिकायतें लगातार एफडीए को मिल रही थी.

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक, जिन स्वीट्स कन्फेक्शनरी प्रोडक्ट के 10 नमूने क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेजे गए हैं. उन मिठाई निर्माताओं को विक्रय काउंटर पर मिठाई के साथ उसकी पैकिंग की एक्सपायरी डेट को डिस्प्ले करने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने की चेतावनी दी गई है. इतना ही नहीं, मिठाई का कुकिंग मीडियम यानी रिफाइंड ऑयल या देसी घी आदि से निर्मित किया जाना प्रदर्शित करना भी जरुरी है.
ये भी पढ़ेंः टीडीसी को घाटे उभारने का कृषि मंत्री गणेश जोशी का प्लान, निगम की संपत्ति बेचने पर किया जा रहा विचार

देहरादून खाद्य सुरक्षा टीम के वरिष्ठ अधिकारी रमेश सिंह के मुताबिक, सभी छोटी-बड़ी स्वीट शॉप का FDA उत्तराखंड द्वारा हाइजीन की रेटिंग की जा रही है. इसके लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety Standards Authority of India) द्वारा चयनित ऑडिट एजेंसी के माध्यम से कार्रवाई जारी है. वहीं, दूसरी तरफ स्वीट्स शॉप, रेस्टोरेंट व बेकरी निर्माता को एक दिवसीय फूड सेफ्टी ट्रेनिंग लेना भी अनिवार्य किया गया है. इसके लिए FDA ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर प्रोग्राम में जुड़ने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

देहरादून एफडीए टीम के मुताबिक, फ्राइड फूड आइटम जैसे स्वीट्स, नमकीन, समोसा आदि को बार-बार एक ही तेल में फ्राई करने से उसका पोलर कंपाउंड बढ़ जाता है. इसके कारण कुकिंग तेल में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसे में इस पर रोक लगाने के लिए देहरादून में RUCO (रियूज्ड कुकिंग ऑयल) के नाम से एक कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इस अभियान में ऐसे स्वीट्स, बेकरी व रेस्टोरेंट्स की चेन तैयार की गई है. जहां से एकत्रित ओवरकुक्ड ऑयल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम मोहकमपुर में बायोडीजल तैयार के लिए भेजा जा रहा है. अभी हजारों लीटर ओवरकुक्ड ऑयल प्रतिमाह आईआईपी में भेजा जा रहा है.

देहरादूनः त्योहारी सीजन के मध्यनजर देहरादून खाद्य और औषधि प्राधिकरण (Food and Drug Authority) की टीम द्वारा मिलावटखोरों के खिलाफ ताबड़तोड़ छापेमारी की कार्रवाई जारी है. मंगलवार को एफडीए की टीम ने ऋषिकेश, विकासनगर और देहरादून शहर में कार्रवाई करते हुए 10 मिष्ठान प्रतिष्ठानों से सैंपल एकत्र कर जांच के लिए रुद्रपुर भेजे. जानकारी के मुताबिक, जिन प्रतिष्ठानों के सैंपल जांच के लिए भेजें गए हैं, उनके यहां के खाद्य सामग्रियों में मिलावट (food adulteration) की शिकायतें लगातार एफडीए को मिल रही थी.

जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी पीसी जोशी के मुताबिक, जिन स्वीट्स कन्फेक्शनरी प्रोडक्ट के 10 नमूने क्वालिटी जांच के लिए रुद्रपुर लैब भेजे गए हैं. उन मिठाई निर्माताओं को विक्रय काउंटर पर मिठाई के साथ उसकी पैकिंग की एक्सपायरी डेट को डिस्प्ले करने की अनिवार्यता सुनिश्चित करने की चेतावनी दी गई है. इतना ही नहीं, मिठाई का कुकिंग मीडियम यानी रिफाइंड ऑयल या देसी घी आदि से निर्मित किया जाना प्रदर्शित करना भी जरुरी है.
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देहरादून खाद्य सुरक्षा टीम के वरिष्ठ अधिकारी रमेश सिंह के मुताबिक, सभी छोटी-बड़ी स्वीट शॉप का FDA उत्तराखंड द्वारा हाइजीन की रेटिंग की जा रही है. इसके लिए फूड सेफ्टी स्टैंडर्ड अथॉरिटी ऑफ इंडिया (Food Safety Standards Authority of India) द्वारा चयनित ऑडिट एजेंसी के माध्यम से कार्रवाई जारी है. वहीं, दूसरी तरफ स्वीट्स शॉप, रेस्टोरेंट व बेकरी निर्माता को एक दिवसीय फूड सेफ्टी ट्रेनिंग लेना भी अनिवार्य किया गया है. इसके लिए FDA ऑनलाइन पोर्टल के माध्यम से या जिला खाद्य सुरक्षा अधिकारी कार्यालय में संपर्क कर प्रोग्राम में जुड़ने के लिए आवेदन किया जा सकता है.

देहरादून एफडीए टीम के मुताबिक, फ्राइड फूड आइटम जैसे स्वीट्स, नमकीन, समोसा आदि को बार-बार एक ही तेल में फ्राई करने से उसका पोलर कंपाउंड बढ़ जाता है. इसके कारण कुकिंग तेल में ट्रांस फैट की मात्रा बढ़ जाती है. ऐसे में इस पर रोक लगाने के लिए देहरादून में RUCO (रियूज्ड कुकिंग ऑयल) के नाम से एक कार्यक्रम संचालित किया जा रहा है. इस अभियान में ऐसे स्वीट्स, बेकरी व रेस्टोरेंट्स की चेन तैयार की गई है. जहां से एकत्रित ओवरकुक्ड ऑयल को इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ पेट्रोलियम मोहकमपुर में बायोडीजल तैयार के लिए भेजा जा रहा है. अभी हजारों लीटर ओवरकुक्ड ऑयल प्रतिमाह आईआईपी में भेजा जा रहा है.

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