ऋषिकेश: भरत विहार निवासी पिता-पुत्र के कार समेत चीला शक्ति नहर में डूबने की आशंका के चलते नहर को 14 घंटे के लिए बंद कर दिया गया था. जबकि, सर्च ऑपरेशन में पुलिस को न तो कार और न ही पिता-पुत्र का ही कोई सुराग मिला, लेकिन इन सबके बीच यूजेवीएनएल को नहर बंद होने महज से 14 घंटे के भीतर ₹27 लाख का नुकसान हो गया.
बता दें कि 3 दिन पहले भरत विहार निवासी अर्चित बसंल (32 वर्ष) अपने बेटे राघव बसंल (3 वर्ष) के साथ कार में सवार होकर घर से निकले थे, लेकिन देर शाम तक वह घर नहीं लौटे. इसी बीच शक्ति नहर के किनारे बैराज से एक कार के नदी में गिरने की सूचना परिजनों को मिली. इसके बाद परिजनों ने कार अर्चित की होने का दावा करते हुए लक्ष्मण झूला पुलिस से शिकायत की. जिस पर पुलिस ने शक्ति नहर में सर्च ऑपरेशन शुरू किया.
नहर में ज्यादा पानी होने से पुलिस को अभियान में दिक्कतें आ रही थी, तो परिजनों ने नहर के क्लोजर के लिए शासन से गुहार लगाई. मानवीय पहलु को देखते हुए शासन ने भी 14 घंटे के लिए नहर में पानी बंद करने की संस्तुति कर उत्तराखंड जल विद्युत निगम लिमिटेड (यूजेवीएनएल) भेज दी. जिसके बाद निगम के अधिकारियों ने आदेश के अनुपालन में बैराज के गेट खोलकर नहर में पानी बंद कर दिया.
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बीते सोमवार को नहर में पुलिस टीम ने सर्च ऑपरेशन चलाया, लेकिन उन्हें न तो कार और न ही अर्चित और राघव का कोई कोई सुराग हाथ लगा. इस बीच 14 घंटे तक नहर बंद होने से चीला पावर हाउस में विद्युत उत्पादन ठप हो गया, 14 घंटे में 1.7 मिलियन यूनिट बिजली का उत्पादन होना था, जो नहर बंद होने से नहीं हुआ, जिससे निगम को 10 लाख 60 हजार रुपए का नुकसान बिजली नहीं बनने से हुआ.
वहीं, सिविल वर्क में बैराज गेट के आसपास कराया जा रहा करीब 16 लाख रुपए की मरम्मत का काम भी गेटों से पानी छोड़ने से खराब हो गया. इस नुकसान की पुष्टि निगम के अधिशासी अभियंता ललित कुमार ने की है. बता दें कि यह कोई पहली बार नहीं है कि जब नहर में बहे किसी शख्स की तलाश में ऐसा किया गया है. पहले भी नहर को बंद कर इस तरह के मामलों में लोगों की तलाश की जाती रही है.