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कृषि कानून के खिलाफ किसानों ने मनाया काला दिवस, विपक्ष का मिला समर्थन

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Published : May 26, 2021, 9:04 PM IST

किसान आंदोलन के 6 महीने पूरे होने पर किसानों ने काला दिवस मनाया. उत्तराखंड में भी आम आदमी पार्टी, कांग्रेस, सपा समेत कई दलों और संगठनों ने किसानों को अपना समर्थन दिया.

farmers black day
काला दिवस

देहरादूनः कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 6 महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर देशभर में किसानों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया. किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. उत्तराखंड में भी किसानों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया. साथ ही अपने घरों और ट्रैक्टरों में काले झंडे लगाकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं किसानों ने पीएम मोदी का पुतला दहन भी किया. वहीं, किसानों को आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षों दलों का समर्थन मिला.

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कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी.

हरिद्वार में किसानों के समर्थन में दिया सांकेतिक धरना दिया

हरिद्वार में आज आम आदमी पार्टी ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सभी विधानसभाओं में सांकेतिक धरना दिया. पार्टी की पूर्व जिलाध्यक्ष हेमा भंडारी ने कहा की सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली बीजेपी आज किसानों के विरोध में खड़ी है. देश के अन्नदाता को देश द्रोही और खालिस्तानी तक कहा जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के इतिहास में ये पहली सरकार होगी, जो किसान विरोधी है. अन्नदाताओं ने अपनी शहादत दी है, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है.

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किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी.

ये भी पढ़ेंः राकेश टिकैत का आह्वान, 'जिंदा है तो दिल्ली आ जा'

मसूरी में AAP ने काली पट्टी बांध कर किसानों को दिया समर्थन

मसूरी में आम आदमी पार्टी ने किसान यूनियन का समर्थन किया. उत्तराखंड प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरसाली के नेतृत्व में कार्यकर्ता मसूरी के शहीद स्थल पर एकत्रित हुए और काला फीता बांधकर केंद्र सरकार के तीन कानूनों को विरोध किया. नवीन पिरसाली ने कहा कि केंद्र की हठधर्मिता नीति के कारण किसान बीते 6 महीने से सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अन्नदाताओं की सुध नहीं ले रही है. सरकार को कृषि कानून वापस लेनी चाहिए.

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मोदी सरकार का पुतला फूंकते किसान.

रुड़की में किसानों ने मकानों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर लगाए काले झंडे

रुड़की में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने काला दिवस मनाया. इस दौरान किसानों ने अपने मकान, ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर काले झंडे लगाकर सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग की. साथ ही कई जगहों पर केंद्र सरकार का पुतला दहन भी किया गया. किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को आज पूरे छह महीने हो चुके हैं. लेकिन हिटलरशाही सरकार उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है.

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किसानों को मिला सपा का समर्थन.

ये भी पढ़ेंः आंदोलन कर रहे किसानों को नहीं कोरोना का डर, सरकार पर लगाए ये आरोप

रामनगर में किसानों ने फूंका पीएम मोदी का पुतला

रामनगर के पिरूमदारा चौराहे पर भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष दीवान कटारिया के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया. इस मौके पर संघ के जिला अध्यक्ष दीवान कटारिया ने कहा कि यदि अब भी केंद्र सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

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सीटू का किसानों को समर्थन.

समाजवादी पार्टी ने किसानों को दिया समर्थन

किसानों के समर्थन और सरकार के विरोध में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से काला दिवस मनाया गया. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय में मौन उपवास रखकर आंदोलन का समर्थन किया. वहीं, सीटू के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

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किसानों ने मनाया काला दिवस.

ये भी पढ़ेंः सरकार आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार: कृषि मंत्री

सीटू समेत विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने की कृषि कानून वापस लेने की मांग

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन यानी सीटू ने काला दिवस मनाते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया. इस दौरान सीटू के कार्यकर्ताओं ने नालापानी रोड में मोहल्ले वासियों के बीच काला दिवस मनाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने मांग उठाते हुए कहा कि सरकार 3 किसान विरोधी कानून को तत्काल वापस ले, इसके साथ ही केंद्र सरकार श्रमिकों के हितों पर भी कुठाराघात कर रही है, इसलिए सरकार को श्रम कानूनों के संशोधन वापस लेने चाहिए.

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आप ने मनाया काला दिवस.

आप ने किसानों के समर्थन में अपने घरों पर लगाए काले झंडे

तीन कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी का भी आक्रोश उत्तराखंड में देखने को मिला. आप कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में अपने घरों पर काले झंडे और हाथों में काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया. आम आदमी पार्टी का कहना है कि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़ा है और केंद्र सरकार की ओर से थोपे गए इस काले कानूनों का पुरजोर विरोध करता है.

काशीपुर में आप ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

कृषि कानून विरोधी किसान आंदोलन के छह माह पूरे होने पर किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने भी काला दिवस मनाया और कार्यकर्ताओं ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए. आप कार्यकर्ताओं ने काले रिबन बांधकर केंद्र सरकार का विरोध जताते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द किए जाने की मांग की. काशीपुर महानगर कांग्रेस कमेटी और समाजसेवी संस्था खालसा फाउंडेशन ने कृषि कानूनों को लेकर अपना रोष जताया.

ये भी पढ़ेंः हमारे धैर्य की परीक्षा न ले सरकार, मांगें मानें- किसान मोर्चा

गांवों में भी काला दिवस मनाकर किसान सभा ने दिया धरना

किसान समन्वय संघर्ष समिति की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के समर्थन में काला दिवस मनाते हुए किसान सभा ने गांव कमेटी सेरशी ने धरना दिया. साथ ही तीनों कृषि कानून को निरस्त करने एवं श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए धरना दिया. गुप्तकाशी मंडल के अध्यक्ष सदानंद कोटवाल के नेतृत्व में कविल्ठा में धरना दिया गया. इसके साथ ही त्यूड़ी और नाला में भी कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए धरना दिया. कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को खत्म नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा.

टिहरी में अखिल भारतीय किसान सभा ने मनाया काला दिवस

अखिल भारतीय किसान सभा और सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन ने काला दिवस मनाकर विरोध जताया. उनके विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, एसएफआई और भारत की जनवादी नौजवान सभा का भी समर्थन मिला. इस मौके पर टिहरी में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर घरों, खेतों और कार्यस्थलों से सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

देहरादूनः कृषि कानून के खिलाफ किसानों के आंदोलन को 6 महीने पूरे हो गए हैं. इस मौके पर देशभर में किसानों ने इसे काला दिवस के रूप में मनाया. किसानों ने केंद्र सरकार से कृषि कानून को वापस लेने की मांग की. उत्तराखंड में भी किसानों ने काली पट्टी बांध कर विरोध जताया. साथ ही अपने घरों और ट्रैक्टरों में काले झंडे लगाकर नारेबाजी की. इतना ही नहीं किसानों ने पीएम मोदी का पुतला दहन भी किया. वहीं, किसानों को आम आदमी पार्टी समेत अन्य विपक्षों दलों का समर्थन मिला.

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कृषि कानून के खिलाफ नारेबाजी.

हरिद्वार में किसानों के समर्थन में दिया सांकेतिक धरना दिया

हरिद्वार में आज आम आदमी पार्टी ने किसान आंदोलन को अपना समर्थन देते हुए सभी विधानसभाओं में सांकेतिक धरना दिया. पार्टी की पूर्व जिलाध्यक्ष हेमा भंडारी ने कहा की सबका साथ, सबका विकास का नारा देने वाली बीजेपी आज किसानों के विरोध में खड़ी है. देश के अन्नदाता को देश द्रोही और खालिस्तानी तक कहा जा रहा है जो कि दुर्भाग्यपूर्ण है. भारत के इतिहास में ये पहली सरकार होगी, जो किसान विरोधी है. अन्नदाताओं ने अपनी शहादत दी है, लेकिन सरकार के कानों में जूं तक नहीं रेंग रही है.

farmers black day
किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी.

ये भी पढ़ेंः राकेश टिकैत का आह्वान, 'जिंदा है तो दिल्ली आ जा'

मसूरी में AAP ने काली पट्टी बांध कर किसानों को दिया समर्थन

मसूरी में आम आदमी पार्टी ने किसान यूनियन का समर्थन किया. उत्तराखंड प्रदेश प्रवक्ता नवीन पिरसाली के नेतृत्व में कार्यकर्ता मसूरी के शहीद स्थल पर एकत्रित हुए और काला फीता बांधकर केंद्र सरकार के तीन कानूनों को विरोध किया. नवीन पिरसाली ने कहा कि केंद्र की हठधर्मिता नीति के कारण किसान बीते 6 महीने से सड़कों पर आंदोलन कर रहा है, लेकिन केंद्र सरकार अन्नदाताओं की सुध नहीं ले रही है. सरकार को कृषि कानून वापस लेनी चाहिए.

farmers black day
मोदी सरकार का पुतला फूंकते किसान.

रुड़की में किसानों ने मकानों और ट्रैक्टर ट्रालियों पर लगाए काले झंडे

रुड़की में संयुक्त किसान मोर्चा के आह्वान पर किसानों ने काला दिवस मनाया. इस दौरान किसानों ने अपने मकान, ट्रैक्टर ट्रॉलियों पर काले झंडे लगाकर सरकार से कृषि कानून वापस लेने की मांग की. साथ ही कई जगहों पर केंद्र सरकार का पुतला दहन भी किया गया. किसान नेताओं का कहना है कि दिल्ली में चल रहे किसान आंदोलन को आज पूरे छह महीने हो चुके हैं. लेकिन हिटलरशाही सरकार उनकी मांग मानने को तैयार नहीं है.

farmers black day
किसानों को मिला सपा का समर्थन.

ये भी पढ़ेंः आंदोलन कर रहे किसानों को नहीं कोरोना का डर, सरकार पर लगाए ये आरोप

रामनगर में किसानों ने फूंका पीएम मोदी का पुतला

रामनगर के पिरूमदारा चौराहे पर भारतीय किसान संघ के जिला अध्यक्ष दीवान कटारिया के नेतृत्व में दर्जनों किसानों ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी. साथ ही प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का पुतला दहन किया. इस मौके पर संघ के जिला अध्यक्ष दीवान कटारिया ने कहा कि यदि अब भी केंद्र सरकार ने इन तीनों कानूनों को वापस नहीं लिया तो किसान उग्र आंदोलन करने के लिए मजबूर होंगे.

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सीटू का किसानों को समर्थन.

समाजवादी पार्टी ने किसानों को दिया समर्थन

किसानों के समर्थन और सरकार के विरोध में विभिन्न राजनीतिक पार्टियों की ओर से काला दिवस मनाया गया. समाजवादी पार्टी के कार्यकर्ताओं ने प्रदेश कार्यालय में मौन उपवास रखकर आंदोलन का समर्थन किया. वहीं, सीटू के कार्यकर्ताओं ने काला दिवस के रूप में मनाते हुए सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया.

farmers black day
किसानों ने मनाया काला दिवस.

ये भी पढ़ेंः सरकार आंदोलनकारी किसान संगठनों से बातचीत के लिए तैयार: कृषि मंत्री

सीटू समेत विभिन्न ट्रेड यूनियनों ने की कृषि कानून वापस लेने की मांग

सेंटर ऑफ इंडियन ट्रेड यूनियन यानी सीटू ने काला दिवस मनाते हुए किसान आंदोलन का समर्थन किया. इस दौरान सीटू के कार्यकर्ताओं ने नालापानी रोड में मोहल्ले वासियों के बीच काला दिवस मनाते हुए केंद्र सरकार के खिलाफ नारेबाजी करते हुए प्रदर्शन किया. प्रदर्शन के दौरान सीटू के जिला महामंत्री लेखराज ने मांग उठाते हुए कहा कि सरकार 3 किसान विरोधी कानून को तत्काल वापस ले, इसके साथ ही केंद्र सरकार श्रमिकों के हितों पर भी कुठाराघात कर रही है, इसलिए सरकार को श्रम कानूनों के संशोधन वापस लेने चाहिए.

farmers black day
आप ने मनाया काला दिवस.

आप ने किसानों के समर्थन में अपने घरों पर लगाए काले झंडे

तीन कृषि कानून को लेकर सरकार के खिलाफ आम आदमी पार्टी का भी आक्रोश उत्तराखंड में देखने को मिला. आप कार्यकर्ताओं ने किसानों के समर्थन में अपने घरों पर काले झंडे और हाथों में काली पट्टी बांधकर काला दिवस मनाया. आम आदमी पार्टी का कहना है कि पार्टी का एक-एक कार्यकर्ता किसानों के साथ खड़ा है और केंद्र सरकार की ओर से थोपे गए इस काले कानूनों का पुरजोर विरोध करता है.

काशीपुर में आप ने राष्ट्रपति को ज्ञापन भेजकर कृषि कानूनों को रद्द करने की मांग

कृषि कानून विरोधी किसान आंदोलन के छह माह पूरे होने पर किसानों के समर्थन में आम आदमी पार्टी ने भी काला दिवस मनाया और कार्यकर्ताओं ने अपने घरों पर काले झंडे लगाए. आप कार्यकर्ताओं ने काले रिबन बांधकर केंद्र सरकार का विरोध जताते हुए राष्ट्रपति के नाम ज्ञापन देकर तीनों कृषि कानूनों को तत्काल रद्द किए जाने की मांग की. काशीपुर महानगर कांग्रेस कमेटी और समाजसेवी संस्था खालसा फाउंडेशन ने कृषि कानूनों को लेकर अपना रोष जताया.

ये भी पढ़ेंः हमारे धैर्य की परीक्षा न ले सरकार, मांगें मानें- किसान मोर्चा

गांवों में भी काला दिवस मनाकर किसान सभा ने दिया धरना

किसान समन्वय संघर्ष समिति की ओर से चलाए जा रहे आंदोलन के समर्थन में काला दिवस मनाते हुए किसान सभा ने गांव कमेटी सेरशी ने धरना दिया. साथ ही तीनों कृषि कानून को निरस्त करने एवं श्रमिक विरोधी कानूनों के खिलाफ आक्रोश व्यक्त करते हुए धरना दिया. गुप्तकाशी मंडल के अध्यक्ष सदानंद कोटवाल के नेतृत्व में कविल्ठा में धरना दिया गया. इसके साथ ही त्यूड़ी और नाला में भी कार्यकर्ताओं ने काला दिवस मनाते हुए धरना दिया. कहा कि जब तक सरकार इन कानूनों को खत्म नहीं करती आंदोलन जारी रहेगा.

टिहरी में अखिल भारतीय किसान सभा ने मनाया काला दिवस

अखिल भारतीय किसान सभा और सेंटर ऑफ ट्रेड यूनियन ने काला दिवस मनाकर विरोध जताया. उनके विरोध प्रदर्शन को अखिल भारतीय जनवादी महिला समिति, एसएफआई और भारत की जनवादी नौजवान सभा का भी समर्थन मिला. इस मौके पर टिहरी में 11 सूत्रीय मांगों को लेकर घरों, खेतों और कार्यस्थलों से सैकड़ों कार्यकर्ताओं ने मांगों को लेकर अपनी उपस्थिति दर्ज कराई.

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