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कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का देहरादून कूच, गदरपुर में महिलाओं ने निकाली रैली

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Published : Jan 26, 2021, 3:31 PM IST

रुड़की शहर में भी उत्तराखंड किसान मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों ट्रैक्टर सवार किसानों ने तिरंगा यात्रा निकाली. रुड़की, हरिद्वार के सैकड़ों किसानों ने भारतीय किसान यूनियन अम्बावत गुट के बैनर तले देहरादून के सर्वे चौक पर पहुंचने की कोशिश की. इसके साथ ही गदरपुर में महिलाओं ने किसानों के समर्थन में रैली निकाली.

Roorkee Farmers Movement
Roorkee Farmers Movement

देहरादून/रुड़की/गदरपुर: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. आंदोलनरत किसानों द्वारा 26 जनवरी की परेड में ट्रैक्टरों के साथ शामिल होने का ऐलान किया था, जिसको लेकर किसान विभिन्न जगहों पर ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं.

रुड़की शहर में भी उत्तराखंड किसान मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों ट्रैक्टर सवार किसानों ने तिरंगा यात्रा निकाली. रैली मलकपुर चुंगी से शुरू हुई और नेशनल हाइवे होते हुए नगर निगम पुल से वापस मलकपुर चुंगी पहुंची. जहां रैली का समापन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ रैली का समापन करते हुए अपने-अपने घर लौट गए.

पुलिस ने आशारोड़ी चेक पोस्ट पर किसानों को रोका

दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में रुड़की, हरिद्वार के सैकड़ों किसानों ने भारतीय किसान यूनियन अम्बावत गुट के बैनर तले देहरादून के सर्वे चौक पर पहुंचने की कोशिश की. लेकिन भारी पुलिस बल ने आशा रोड़ी के पास स्थित आरटीओ चेक पोस्ट पर किसानों के वाहनों को रोक दिया. इससे गुस्साए किसानों का कहना है कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में वे सर्वे चौक में ध्वजारोहण करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन शहर में प्रवेश करने से रोक दिया है.

इस दौरान मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट को किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी प्रेषित किया है. किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को दमनकारी सरकार बताते हुए कहा कि वो किसानों की आवाज को दबा रही है. केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के सिर पर कोरोना काल में तीन काले कानून थोप दिए हैं. किसान यह बताना चाहते हैं कि आज का किसान पढ़ा लिखा है.

भारतीय किसान यूनियन अम्बावत गुट के प्रदेश अध्यक्ष रवि सैनी का कहना है कि जितनी भी सरकारें आजादी के बाद से लेकर अब तक आई हैं सभी ने किसानों का उत्पीड़न किया है. अब किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रात के अंधेरे में तीन काले कानूनों को लेकर आई है, लेकिन देश का आम नागरिक और किसान इस आस में रहा कि डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दाम सस्ते होंगे.

Roorkee Farmers Movement
गदरपुर में महिलाओं ने निकाली रैली.

गदरपुर क्षेत्र की हजारों महिलाओं ने निकाली रैली

गदरपुर के दिनेशपुर में हजारों महिलाओं ने कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली. रैली गुरुद्वारे से शुरू होकर नगर से सुभाष चौक से होते हुए वापस गुरुद्वारे में आकर समाप्त हुई. इस मौके पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हमारे बुजुर्गों, बच्चे, महिलाओं से लेकर सभी किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. वैसे ही उन्होंने यहां पर किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली है, ताकि केंद्र सरकार को पता लगे कि इस काले कानून से कोई भी खुश नहीं है. इसलिए इस कानून को वापस लें.

देहरादून/रुड़की/गदरपुर: कृषि कानूनों के विरोध में दिल्ली बॉर्डर पर किसान डटे हुए हैं और कानूनों को वापस लेने की मांग कर रहे हैं. आंदोलनरत किसानों द्वारा 26 जनवरी की परेड में ट्रैक्टरों के साथ शामिल होने का ऐलान किया था, जिसको लेकर किसान विभिन्न जगहों पर ट्रैक्टर तिरंगा यात्रा निकाल रहे हैं.

रुड़की शहर में भी उत्तराखंड किसान मोर्चा के बैनर तले सैकड़ों ट्रैक्टर सवार किसानों ने तिरंगा यात्रा निकाली. रैली मलकपुर चुंगी से शुरू हुई और नेशनल हाइवे होते हुए नगर निगम पुल से वापस मलकपुर चुंगी पहुंची. जहां रैली का समापन किया गया. इस दौरान प्रदर्शनकारी किसान कृषि कानूनों को वापस लिए जाने की मांग के साथ रैली का समापन करते हुए अपने-अपने घर लौट गए.

पुलिस ने आशारोड़ी चेक पोस्ट पर किसानों को रोका

दिल्ली में आंदोलनरत किसानों के समर्थन में रुड़की, हरिद्वार के सैकड़ों किसानों ने भारतीय किसान यूनियन अम्बावत गुट के बैनर तले देहरादून के सर्वे चौक पर पहुंचने की कोशिश की. लेकिन भारी पुलिस बल ने आशा रोड़ी के पास स्थित आरटीओ चेक पोस्ट पर किसानों के वाहनों को रोक दिया. इससे गुस्साए किसानों का कहना है कि गणतंत्र दिवस के उपलक्ष में वे सर्वे चौक में ध्वजारोहण करने जा रहे थे, लेकिन पुलिस ने उन्हें जबरन शहर में प्रवेश करने से रोक दिया है.

इस दौरान मौके पर पहुंची सिटी मजिस्ट्रेट को किसानों ने तीन कृषि कानूनों के खिलाफ राज्यपाल और मुख्यमंत्री के नाम ज्ञापन भी प्रेषित किया है. किसान नेताओं ने केंद्र सरकार को दमनकारी सरकार बताते हुए कहा कि वो किसानों की आवाज को दबा रही है. केंद्र की मोदी सरकार ने किसानों के सिर पर कोरोना काल में तीन काले कानून थोप दिए हैं. किसान यह बताना चाहते हैं कि आज का किसान पढ़ा लिखा है.

भारतीय किसान यूनियन अम्बावत गुट के प्रदेश अध्यक्ष रवि सैनी का कहना है कि जितनी भी सरकारें आजादी के बाद से लेकर अब तक आई हैं सभी ने किसानों का उत्पीड़न किया है. अब किसानों का उत्पीड़न बर्दाश्त नहीं किया जाएगा. उन्होंने कहा कि केंद्र सरकार रात के अंधेरे में तीन काले कानूनों को लेकर आई है, लेकिन देश का आम नागरिक और किसान इस आस में रहा कि डीजल, पेट्रोल, रसोई गैस के दाम सस्ते होंगे.

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गदरपुर में महिलाओं ने निकाली रैली.

गदरपुर क्षेत्र की हजारों महिलाओं ने निकाली रैली

गदरपुर के दिनेशपुर में हजारों महिलाओं ने कृषि कानूनों के विरोध में और किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली. रैली गुरुद्वारे से शुरू होकर नगर से सुभाष चौक से होते हुए वापस गुरुद्वारे में आकर समाप्त हुई. इस मौके पर प्रदर्शनकारी महिलाओं ने केंद्र सरकार के खिलाफ जमकर नारेबाजी करते हुए कहा कि आज गणतंत्र दिवस के मौके पर दिल्ली में हमारे बुजुर्गों, बच्चे, महिलाओं से लेकर सभी किसान शांतिपूर्ण तरीके से आंदोलन कर रहे हैं. वैसे ही उन्होंने यहां पर किसानों के समर्थन में एक रैली निकाली है, ताकि केंद्र सरकार को पता लगे कि इस काले कानून से कोई भी खुश नहीं है. इसलिए इस कानून को वापस लें.

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