विकासनगर: जौनसार बावर जनजातीय क्षेत्र में अधिकतर कृषि भूमि बारिश पर निर्भर है. जौनसार बावर के किसान अदरक, अरबी, टमाटर, बींस, हरा धनिया और हरी मिर्च का उत्पादन कई हेक्टर भूमि पर करते आ रहे हैं. जहां इस सीजन में टमाटर उत्पादक किसानों को टमाटर ने अच्छे दाम मिलने से टमाटर उनके चेहरे खिले हुए नजर आ रहे हैं, वहीं हरा धनिया और हरी मिर्च उत्पादक किसान इन दिनों मायूस नजर आ रहे हैं.
धनिया और हरी मिर्च के नहीं मिल रहे सही दाम: वर्तमान में किसान अपनी नकदी फसलें हरा धनिया व हरी मिर्च लेकर मंडियों में बिक्री के लिए पहुंच रहे हैं. मंडियों में काफी मात्रा में हरी धनिया बिक्री के लिए किसानों द्वारा लायी जा रही है. बावजूद इसके किसानों को हरी धनिया का प्रति किलो मात्र 15 से 20 रु दाम ही मिल पा रहे हैं. यही हाल हरी मिर्च का देखने को मिल रहा है. मिर्च के दाम भी मात्र 20 से 25 रु किलो मिल रहे हैं.
सस्ते दाम, किसान परेशान: ऐसे में किसानों के आगे आर्थिक संकट गहराता जा रहा है. किसानों का कहना है कि खेतों से मुख्य मार्ग तक फसल लाने सहित मंडियों तक वाहनों का किराया भाड़ा भरने के साथ मेहनताना भी नहीं मिल पा रहा है. इसके चलते धनिया व मिर्च उत्पादक किसानों में मायूसी देखने को मिल रही है. चकराता के ग्राम गबेला निवासी किसान नारायण सिंह ने बताया कि वह करीब आठ बीघे में हरी धनिया की खेतीबाड़ी करते आ रहे हैं. पिछले साल करीब तीन साढ़े तीन लाख की हरी धनिया से आय हो गई थी.
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20 रुपए किलो बिक रही हरी धनिया: पिछले साल हरी धनिया का मंडियों में 100 से 130 रु किलो बिक्री भाव मिला था. इस साल धनिये का भाव 15 से 20 रु किलो मिल रहा है. इस साल करीब बीस हजार रु तक बिक्री कर चुके हैं. बरसात के कारण भी कुछ फसल गल गई है. निराई गुड़ाई में परिवार के सभी सदस्य खेतों मे काम करते हैं. ऐसे में मेहनताना भी नहीं मिल पा रहा है. जिसके चलते आर्थिक संकट भी खड़ा हो गया है. धनिया व मिर्च उत्पादन करने वाले किसानों को काफी समस्याओं से जूझना पड़ रहा है.
25 रुपए किलो बिक रही हरी मिर्च: सहिया सब्जी मंडी के आढ़ती निखिल अग्रवाल का कहना है कि हरी धनिया व हरी मिर्च का भाव कम होने का कारण है. 15 से 25 रु किलो इसलिए है क्योंकि उप्र, हरियाणा, दिल्ली आदि मंडियों में स्थानीय हरी धनिया और मिर्च आ रही है. सहिया मंडी से बाहर की डिमांड बहुत कम है. इस वजह से दाम यहीं पर ठहरे हुए हैं. आने वाले दिनों में भी कुछ कहा नहीं जा सकता है कि दामों में कितना इजाफा होगा.
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