हल्द्वानी: प्रदेश के किसानों का गन्ने की खेती से धीरे-धीरे मोहभंग हो रहा है. 2020-21 के गन्ने बुवाई की सर्वे रिपोर्ट के मुताबिक इस वर्ष प्रदेश के किसानों ने 84,000 हेक्टेयर गन्ने की बुआई की है. जो पिछले साल की तुलना में 1000 हेक्टेयर कम है. उधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून में गन्ने की बुआई की रकबा कम हुआ है. जबकि हरिद्वार जनपद में पिछले साल की तुलना में इस साल ज्यादा गन्ना बुआई हुई है.
गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने बताया कि पूरे प्रदेश में पिछले साल 85,000 हेक्टेयर गन्ने की बुआई की गई थी. उन्होंने बताया कि गन्ना विभाग द्वारा की गई सर्वे के मुताबिक 2020-21 में नैनीताल जनपद में 400 हेक्टेयर गन्ने की बुआई का रकबा घटा है. जबकि देहरादून में 500 हेक्टेयर, उधमसिंह नगर में 1,300 हेक्टेयर, हरिद्वार में 1,200 हेक्टेयर गन्ने की बुआई का रकबा बढ़ा है. गन्ने की बुआई में बढ़ती लागत और घटती पैदावार के सामने गन्ना किसानों का गन्ने की फसल से मोहभंग हो रहा है. वहीं, किसानों को समय से गन्ने की भुगतान न होने से उनके सामने आर्थिक संकट खड़ा हो रहा है.
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गन्ना आयुक्त ललित मोहन रयाल ने कहा कि उधमसिंह नगर, नैनीताल और देहरादून के क्षेत्रों में गन्ने के खेती के रकबा घटने का मुख्य कारण शहरीकरण और अन्य खेती के प्रति किसानों का रुझान बढ़ना है. जबकि हरिद्वार के किसानों ने गन्ने की खेती को लेकर दिलचस्पी हैं. हरिद्वार के उत्तर प्रदेश से लगे क्षेत्रों में गन्ने की भारी मात्रा में खेती होती है. जिसके चलते हरिद्वार में गन्ने की खेती में इजाफा हुआ है.