विकासनगर: जौनसार बावर क्षेत्र में मुख्य तौर पर अदरक की पैदावार की जाती है. लेकिन इस वर्ष समय से बारिश न होने और उसके बाद लगातार बारिश के चलते अदरक की पैदावार पर असर पड़ा है. जिससे काश्तकारों का भारी नुकसान हुआ है. वहीं मंडी में भी अदरक का उचित दाम नहीं मिल पा रहा है. वहीं काश्तकारों ने अदरक के बीज के लिए बैंकों से ऋण लिया हुआ है. इसके बाद भी काश्तकारों को अदरक की खेती करने से लाभ नहीं मिल पा रहा है.
कुछ काश्तकार का अब अदरक की की पैदावार से मोहभंग हो रहा है. काश्तकार ने इस वर्ष भी महंगे दामों पर अदरक की बीज को खरीदा था. साथ ही कड़ी मेहनत करके अदरक उत्पादन में काश्तकार जुटे हुए थे. लेकिन इस बार कोरोना के कारण काश्तकारों को नुकसान हुआ है. मंडी में काश्तकारों को अदरक का उचित दाम न मिलना समस्याओं को और बढ़ा रहा है. जिससे काश्तकार खासे मायूस नजर आ रहे हैं.
काश्तकार सियाराम शर्मा का कहना है कि शुरूआती समय में बारिश नहीं हुई और जब बारिश हुई तो अदरक में गलन रोग लग गया है. जिस कारण काफी मात्रा में अदरक भी खराब हुआ है. काश्तकारों को मंडी में अदरक का उचित दाम नहीं मिल रहा है. उनके द्वारा बैंकों से ऋण लिया हुआ है, जोकि अदरक को बेचकर भी पूरा नहीं हो पाएगा.
पढ़ें: बेरोजगारों के समर्थन में उतरे हरीश रावत, घंटी बजाकर जताया विरोध
साहिया मंडी के आढ़ती मनोज पंवार ने बताया कि वर्तमान समय में बेंगलुरु का अदरक देश के कई मंडियों में सस्ते दामों पर उपलब्ध हो रहा है. जबकि यहां का अदरक की डिमांड दिल्ली, हरियाणा पंजाब और उत्तर प्रदेश आदि मंडियों में भरपूर मात्रा में होती रही है. बीते वर्ष के मुकाबले इस वर्ष अदरक की डिमांड नहीं है. बावजूद इसके यहां का अदरक 40 से 50 रुपए प्रति किलो बिक रहा है.