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गजबः किसानों को फायदे के लिए बनाया गया था क्वासी में केंद्र, आज जानवरों के लिए आरामगाह

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Published : Jun 1, 2019, 7:28 PM IST

11 साल पहले लाखों रुपए की लागत से किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था.

Chakrata

विकासनगर: एक तरफ राज्य सरकार 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नई-नई योजना पर काम कर रही है. वहीं सरकार की इन योजनाओं पर प्रशासनिक अधिकारी पलिता लगाने का काम कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण चकराता के क्वासी में देखने को मिल सकता है, जहां 11 साल पहले लाखों रुपए की लागत से किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था. लेकिन आजतक किसानों को इसका फायदा नहीं मिला है, बल्कि अब ये जानवारों के आराम का ठिकाना बन गया है.

पढ़ें- खुशखबरी: पंतनगर से सातों दिन संचालित होगी हवाई सेवा, एयर इंडिया ने दी सौगात

मौसम और रास्तों के कारण कभी-कभी किसान अपनी फल और सब्जियां सही समय से देहरादून या फिर विकासनगर लेकर नहीं पहुंच पाते हैं, जिस कारण उनकी सब्जियां और फल रास्ते में खराब हो जाती हैं. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 10 साल पहले चकराता के क्वासी में किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था, ताकि किसान मौसम खराब होने पर अपनी सब्जियों का यहां रख सकें. लेकिन आजतक क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है.

किसानों को फायदे के लिए बनाया गया था क्वासी में केंद्र

पढ़ें- केदारनाथ जा रही राजस्थान के श्रद्धालुओं से भरी बस दुर्घटनाग्रस्त, यात्री सुरक्षित

किसान मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि इस बारे में वे कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं. बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. किसान दिनेश सिंह का कहना है कि देहरादून तक सब्जियों को ले जाने में भाड़ा ज्यादा लगता है. यदि ये सब्जी केंद्र शुरू हो जाए तो किसान कम खर्च में अपनी सब्जियों और फल आसानी से देहरादून और प्रदेश में अन्य शहरों में भेज सकते है. बता दें कि चकराता क्षेत्र में किसान नकदी फसलों में आलू, अदरक और टमाटर जैसी कई सब्जियों का उत्पादन करते है.

विकासनगर: एक तरफ राज्य सरकार 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नई-नई योजना पर काम कर रही है. वहीं सरकार की इन योजनाओं पर प्रशासनिक अधिकारी पलिता लगाने का काम कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण चकराता के क्वासी में देखने को मिल सकता है, जहां 11 साल पहले लाखों रुपए की लागत से किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था. लेकिन आजतक किसानों को इसका फायदा नहीं मिला है, बल्कि अब ये जानवारों के आराम का ठिकाना बन गया है.

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मौसम और रास्तों के कारण कभी-कभी किसान अपनी फल और सब्जियां सही समय से देहरादून या फिर विकासनगर लेकर नहीं पहुंच पाते हैं, जिस कारण उनकी सब्जियां और फल रास्ते में खराब हो जाती हैं. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 10 साल पहले चकराता के क्वासी में किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था, ताकि किसान मौसम खराब होने पर अपनी सब्जियों का यहां रख सकें. लेकिन आजतक क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है.

किसानों को फायदे के लिए बनाया गया था क्वासी में केंद्र

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किसान मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि इस बारे में वे कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं. बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. किसान दिनेश सिंह का कहना है कि देहरादून तक सब्जियों को ले जाने में भाड़ा ज्यादा लगता है. यदि ये सब्जी केंद्र शुरू हो जाए तो किसान कम खर्च में अपनी सब्जियों और फल आसानी से देहरादून और प्रदेश में अन्य शहरों में भेज सकते है. बता दें कि चकराता क्षेत्र में किसान नकदी फसलों में आलू, अदरक और टमाटर जैसी कई सब्जियों का उत्पादन करते है.

Intro:चकराता के क्वासी में किसानों की फसल को संग्रह कर उचित दाम दिलाने के लिए किसान फल एवं सब्जी संग्रहालय लाखों रुपए खर्च कर बनाया गया था लेकिन किसानों को नहीं मिल रहा है लाभ संबंधित विभाग के खिलाफ किसानों में रोष


Body:जौनसार बाबर के सुदूरवर्ती क्षेत्र क्वासी मैं कई बार पूर्व किसानों की नगदी फसलों को किसान फल एवं सब्जी संग्रहालय बनाया गया था लेकिन इस संग्रहालय से किसानों को कोई लाभ नहीं मिला स्थानीय निवासी किसान मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि 11 वर्षों से मैंने देखा है कि इस संग्रहालय से यहां के किसानों को कोई लाभ नहीं मिला है किसानों की नकदी फसलों को यहां से लगभग 150 किलोमीटर दूर नकदी फसलों को पहुंचाना पड़ता है समय पर अगर वहां नहीं मिलता तो नगदी फसलों का दाम गिर जाता है जिस कारण से किसानों को काफी आर्थिक हानि होती है हमने कई बार इस संबंध में ब्लॉक स्तर जिला स्तर पर मुख्यमंत्री को भी पत्र भेजकर इस संबंध में अवगत करा चुके है यहां पर किसानों की नगदी फसलों में आलू अदरक और बीवी टमाटर आदि यहां के किसान उत्पादन करते हैं लेकिन संबंधित विभाग व सरकार की उदासीनता के चलते किसानों को अपनी नगदी फसलें समय पर मंडी न पहुंचने के कारण फसलों का उचित दाम नहीं मिल पाता सरकार की उदासीनता के चलते किसान काफी दुखी है कहा कि शीघ्र ही इस क्षेत्र में किसानों की नगदी फसलों हेतु उचित व्यवस्था की जाए जिससे कि किसानों की आर्थिकी सुदृढ़ हो सके
वही किसान दिनेश सिंह ने बताया कि किसानों को इस संग्रहालय का कोई लाभ नहीं मिल रहा है पशुओं का अड्डा बना हुआ है संबंधित विभाग इस ओर कोई ध्यान नहीं दे रहा है हमने संबंध में कई बार सरकारी नुमाइंदों को अवगत कराया लेकिन किसी ने किसानों की आवाज को तवज्जो नहीं दी
किसान भगत राम ने बताया कि मंडी की ज्यादा दूरी होने के कारण नगदी फसलों का भाड़ा अधिक पड़ता है और अगर किसान फल सब्जी संग्रहालय सुचारु होता तो किसानों की आय में इजाफा देखने को मिलता सरकार को चाहिए की किसानों की समस्याओं को नजरअंदाज ना करें ताकि किसान अधिक से अधिक नगदी फसलों का उत्पादन कर सके


Conclusion:सरकार के लाभ दावों के बावजूद भी किसान हताश और परेशान हैं यह बांसी क्षेत्र के किसानों ने ईटीवी भारत से अपनी पीड़ा सांझा की है बताया कि कई वर्ष पूर्व क्वासी क्षेत्र के किसानों की नकदी फसलों के लिए किसान फल व सब्जी संग्रहालय का निर्माण कराया गया था बावजूद इसके वर्तमान में यह संग्रहालय पशुओं का अड्डा बना पड़ा है संबंधित विभाग इस और कोई ध्यान नहीं दे रहा है सरकार को चाहिए कि इस क्षेत्र में किसानों के हित के लिए शीघ्र ही उचित कदम उठाएं व.लाहपरवाह कर्मचारियों के खिलाफ ठोस कार्रवाई अमल में लाई जाए.
देखना यह होगा कि सरकार जौनसार बावर के दूरस्थ क्षेत्र क्वासी मैं किसानों के हित के लिए क्या कदम उठाती है यह तो आने वाला समय ही बताएगा.
बाइट- मुन्ना सिंह किसान सफेद कपड़ों में
बाइट-दिनेश सिंह किसान चश्मे में
बाइट- भगत राम किसान टोपी में
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