विकासनगर: एक तरफ राज्य सरकार 2020 तक किसानों की आय को दोगुना करने के लिए नई-नई योजना पर काम कर रही है. वहीं सरकार की इन योजनाओं पर प्रशासनिक अधिकारी पलिता लगाने का काम कर रहे हैं. इसका एक उदाहरण चकराता के क्वासी में देखने को मिल सकता है, जहां 11 साल पहले लाखों रुपए की लागत से किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था. लेकिन आजतक किसानों को इसका फायदा नहीं मिला है, बल्कि अब ये जानवारों के आराम का ठिकाना बन गया है.
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मौसम और रास्तों के कारण कभी-कभी किसान अपनी फल और सब्जियां सही समय से देहरादून या फिर विकासनगर लेकर नहीं पहुंच पाते हैं, जिस कारण उनकी सब्जियां और फल रास्ते में खराब हो जाती हैं. ऐसे में किसानों को भारी नुकसान उठाना पड़ता है. इसी को ध्यान में रखते हुए करीब 10 साल पहले चकराता के क्वासी में किसान फल सब्जी संग्रह केंद्र बनाया गया था, ताकि किसान मौसम खराब होने पर अपनी सब्जियों का यहां रख सकें. लेकिन आजतक क्षेत्र के किसानों को इसका लाभ नहीं मिला है.
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किसान मुन्ना सिंह चौहान ने बताया कि इस बारे में वे कई बार मुख्यमंत्री को भी पत्र लिख चुके हैं. बावजूद इस ओर कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा है. किसान दिनेश सिंह का कहना है कि देहरादून तक सब्जियों को ले जाने में भाड़ा ज्यादा लगता है. यदि ये सब्जी केंद्र शुरू हो जाए तो किसान कम खर्च में अपनी सब्जियों और फल आसानी से देहरादून और प्रदेश में अन्य शहरों में भेज सकते है. बता दें कि चकराता क्षेत्र में किसान नकदी फसलों में आलू, अदरक और टमाटर जैसी कई सब्जियों का उत्पादन करते है.