देहरादून: राज्य परिवहन प्राधिकरण ने जिला देहरादून में संचालित होने वाली इलेक्ट्रिक बसों का किराया तय कर दिया है. जिसके तहत 10 रुपए से लेकर 200 रुपये तक अधिकतम किराया तय किया गया है. गुरुवार को परिवहन आयुक्त कार्यालय में परिवहन आयुक्त दीपेंद्र कुमार चौधरी की अध्यक्षता में राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक की गई. बैठक में इलेक्ट्रिक बसों के किराया तय करने, पर्यावरण के दृष्टिगत प्रदेश में परमिटो पर संचालित वाहनों के संबंध में रिपोर्ट सौंपने को लेकर समिति गठन करने के साथ ही उत्तराखंड और हिमाचल राज्य के बीच छोटे मार्गों निजी वाहनों को अनुमति देने संबंधित निर्णय लिया गया.
शहर में इलेक्ट्रिक बसों के संचालन के लिए मुख्य रूप से अभी फिलहाल 6 रूट तय किए गए हैं. जिसमें आईएसबीटी से जॉलीग्रांट एयरपोर्ट , आईएसबीटी से रेलवे स्टेशन-घंटाघर होते हुए राजपुर, आईएसबीटी से रेलवे स्टेशन-घंटाघर-आईटी पार्क होते हुए सहस्त्रधारा, सेलाकुई से सुद्धोवाला-प्रेमनगर-घंटाघर होते हुए रायपुर, आईएसबीटी से घंटाघर होते हुए सेलाकुई और आईएसबीटी से घंटाघर होते हुए रायपुर तक इलेक्ट्रिक बसों के संचालन किया जाएगा.
तय किया गया किराया
- 04 किलोमीटर तक 10 रुपये.
- 4 किलोमीटर से 7 किलोमीटर तक 15 रुपये.
- 7 किलोमीटर से 10 किलोमीटर तक 20 रुपये.
- 10 किलोमीटर से 13 किलोमीटर तक 25 रुपये.
- 13 किलोमीटर से 17 किलोमीटर तक 30 रुपये.
- 17 किलोमीटर से 21 किलोमीटर तक 35 रुपये.
- 21 किलोमीटर से 25 किलोमीटर तक 40 रुपये.
- 25 किलोमीटर से 30 किलोमीटर तक 45 रुपये.
- 30 किलोमीटर से 35 किलोमीटर तक 50 रुपये.
- 35 किलोमीटर से ऊपर 55 रुपये.
समिति का किया गया गठन
वहीं, परिवहन उप आयुक्त सनत कुमार सिंह ने बताया कि समय-समय पर उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित सड़क सुरक्षा समिति और एनजीटी द्वारा सड़क सुरक्षा एवं पर्यावरण को सुरक्षित करने के दृष्टिगत वाहनों के संचालन के सम्बन्ध में मानक निर्धारित करने, वैकल्पिक ईंधन से चलने वाले वाहनों को बढ़ावा देने, पुराने वाहनों के सम्बन्ध में नीति बनाये जाने के निर्देश दिये गये हैं.
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जिसे देखते हुए राज्य परिवहन प्राधिकरण ने प्रदेश में परमिटों पर संचालित वाहनों के सम्बन्ध में अध्ययन करने के लिए समिति का गठन किया है. संभागीय परिवहन अधिकारी, देहरादून की अध्यक्षता में समिति का गठन किया गया है. इस समिति को अगले एक महीने के भीतर रिपोर्ट सौपने के निर्देश दिए हैं.
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हिमाचल राज्य को भेजा जाएगा प्रस्ताव
इसके साथ ही राज्य परिवहन प्राधिकरण की बैठक में उत्तराखण्ड और हिमाचल प्रदेश के मध्य पड़ने वाले ऐसे मार्ग जिनमें गृह राज्य के अतिरिक्त अन्य राज्य का कुछ भाग पड़ता है, जिसमे विकासनगर -त्यूनी-अटाल से मीनस, विकासनगर -रोहडू से ल्यूनी समेत देहरादून- पोंटा साहिब रूटों पर निजी वाहनों के संचालकों को अनुमति प्रदान करने के प्रस्ताव को जल्द ही हिमाचल राज्य को भेजा जाएगा. ताकि इन रूटों पर निजी वाहनों का संचालन किया जा सके.
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सनत कुमार ने बताया कि नियमानुसार अन्य राज्यों के मध्य पड़ने वाले मार्ग की लंबाई अगर 16 किलोमीटर से कम है तो अनुमति लेने की आवश्यकता नहीं होती है. अगर राज्य के मार्गों में अन्य राज्य का मार्ग 16 किलोमीटर से अधिक होता है तो उस पर अनुमति लेने की आवश्यकता होती है.