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ग्रेड पे घटाने पर पुलिसकर्मियों के परिजनों ने फूंका आंदोलन का बिगुल, ये है मामला

उत्तराखंड सरकार के लिए गले की फांस बना पुलिस कर्मियों का ग्रेड पे फिलहाल कैबिनेट की सब कमेटी में विचाराधीन है. पुलिसकर्मी पूर्व में मिल रहे 4600 ग्रेड पे की मांग कर रहे हैं, लेकिन ग्रेड पे 2800 देने की सुगबुगाहट के बाद अब पुलिसकर्मियों के परिजनों ने सड़कों पर उतर कर आंदोलन करने की चेतावनी दी है.

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Published : Jul 20, 2021, 6:15 PM IST

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में तैनात सीनियर जवानों का ग्रेड पे (Grade Pay) घटाने का मामला अब राज्य सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. 20 सालों से कार्यरत जवानों के परिजनों ने मामले में सकारात्मक निर्णय नहीं आने पर अब आंदोलन की राह चुनने का फैसला लिया है. इतना ही नहीं जवानों के परिजनों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने की तैयारी भी कर ली है. बकायदा इसके लिए अभी से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है.

बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल या उससे अधिक समय से कार्यरत वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को दरोगा पद पर प्रमोशन न मिलने के बावजूद उन्हें 4600 ग्रेड पे के हिसाब से वेतन भुगतान का प्रावधान है. कुछ समय पहले राज्य सरकार की ओर से इन पुलिस जवानों को दरोगा ग्रेड पे से हटाकर ASI पद की कैटेगरी में रखा गया. अब 4600 की जगह 2800 ग्रेड पे के अनुसार वेतन भुगतान की कवायद की जा रही है. हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

ये भी पढ़ेंः ग्रेड पे विवाद: गोल्ज्यू के मंदिर पहुंची पुलिसकर्मियों की पत्नियां, लगाई न्याय की गुहार

उधर, ग्रेड पे घटाने की जानकारी सामने आते ही सीनियर पुलिस जवानों में लगातार नाराजगी और आक्रोश पनपता जा रहा है. हालांकि ग्रेड पे से प्रभावित होने वाले जवानों के बगावती तेवर को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले के निपटारे के लिए शासन स्तर पर समिति का गठन भी किया. वहीं, मौजूदा बीजेपी सरकार के तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आते ही इस संवेदनशील प्रकरण पर एक उप समिति का गठन भी शासन स्तर पर किया गया.

इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी शासन से वार्ता के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है. इसके बावजूद इस मामले में कोई सकारात्मक निर्णय सामने न आने की वजह से अब पुलिस जवानों के परिजनों ने सड़कों पर उतर कर सामूहिक सभा और प्रदर्शन की तैयारी कर ली है.

ये भी पढ़ेंः ग्रेड पे मामले में DGP ने कर्मचारियों को दिलाया भरोसा, निस्तारण के लिए कमेटी गठित

बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग में जवानों और उनके परिवारों की ओर से बगावती तेवर दिखाकर आक्रोश का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई तरह के अधिकारों को लेकर काली पट्टी बांधकर 'मिशन आक्रोश' समेत कई तरह के आंदोलन सामने आते रहे हैं.

हालांकि, मुख्यालय स्तर पर कई तरह के विषयों पर आश्वासन देकर उनके हल निकालने के बाद आक्रोशित जवानों के अधिकारों का निस्तारण भी किया गया है. अब ग्रेड पे घटाने जैसे मामले में पहले से कई गुना अधिक नाराजगी और आक्रोश देखा जा रहा है. जो राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है.

ये भी पढ़ेंः ग्रेड पे को लेकर पुलिस परिवार की महिलाओं ने विधायक से की मुलाकात

वहीं, आगामी 25 जुलाई को जवानों के परिजनों ने देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर गांधी पार्क में सुबह 10:30 बजे एक सामूहिक सभा का आयोजन करने का ऐलान किया है. इस सामूहिक सभा के आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी तेज कर दिया है. उन्होंने आम जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी सहयोग की अपील की है. हालांकि, उनका कहना है कि यह सभा राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं है.

देहरादूनः उत्तराखंड पुलिस (Uttarakhand Police) में तैनात सीनियर जवानों का ग्रेड पे (Grade Pay) घटाने का मामला अब राज्य सरकार के लिए गले की फांस बनता जा रहा है. 20 सालों से कार्यरत जवानों के परिजनों ने मामले में सकारात्मक निर्णय नहीं आने पर अब आंदोलन की राह चुनने का फैसला लिया है. इतना ही नहीं जवानों के परिजनों ने सड़कों पर उतर कर प्रदर्शन करने की तैयारी भी कर ली है. बकायदा इसके लिए अभी से सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी शुरू कर दिया है.

बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग में 20 साल या उससे अधिक समय से कार्यरत वरिष्ठ पुलिसकर्मियों को दरोगा पद पर प्रमोशन न मिलने के बावजूद उन्हें 4600 ग्रेड पे के हिसाब से वेतन भुगतान का प्रावधान है. कुछ समय पहले राज्य सरकार की ओर से इन पुलिस जवानों को दरोगा ग्रेड पे से हटाकर ASI पद की कैटेगरी में रखा गया. अब 4600 की जगह 2800 ग्रेड पे के अनुसार वेतन भुगतान की कवायद की जा रही है. हालांकि, अभी इस पर कोई अंतिम निर्णय नहीं लिया गया है.

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उधर, ग्रेड पे घटाने की जानकारी सामने आते ही सीनियर पुलिस जवानों में लगातार नाराजगी और आक्रोश पनपता जा रहा है. हालांकि ग्रेड पे से प्रभावित होने वाले जवानों के बगावती तेवर को देखते हुए राज्य सरकार ने इस मामले के निपटारे के लिए शासन स्तर पर समिति का गठन भी किया. वहीं, मौजूदा बीजेपी सरकार के तीसरे मुख्यमंत्री पुष्कर धामी के आते ही इस संवेदनशील प्रकरण पर एक उप समिति का गठन भी शासन स्तर पर किया गया.

इतना ही नहीं पुलिस मुख्यालय स्तर पर भी शासन से वार्ता के लिए वरिष्ठ आईपीएस अधिकारियों की एक कमेटी गठित की गई है. इसके बावजूद इस मामले में कोई सकारात्मक निर्णय सामने न आने की वजह से अब पुलिस जवानों के परिजनों ने सड़कों पर उतर कर सामूहिक सभा और प्रदर्शन की तैयारी कर ली है.

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बता दें कि उत्तराखंड पुलिस विभाग में जवानों और उनके परिवारों की ओर से बगावती तेवर दिखाकर आक्रोश का यह पहला मामला नहीं है. इससे पहले भी कई तरह के अधिकारों को लेकर काली पट्टी बांधकर 'मिशन आक्रोश' समेत कई तरह के आंदोलन सामने आते रहे हैं.

हालांकि, मुख्यालय स्तर पर कई तरह के विषयों पर आश्वासन देकर उनके हल निकालने के बाद आक्रोशित जवानों के अधिकारों का निस्तारण भी किया गया है. अब ग्रेड पे घटाने जैसे मामले में पहले से कई गुना अधिक नाराजगी और आक्रोश देखा जा रहा है. जो राज्य सरकार के लिए चिंता का सबब बनता जा रहा है.

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वहीं, आगामी 25 जुलाई को जवानों के परिजनों ने देहरादून के परेड ग्राउंड में एकत्रित होकर गांधी पार्क में सुबह 10:30 बजे एक सामूहिक सभा का आयोजन करने का ऐलान किया है. इस सामूहिक सभा के आयोजन को लेकर सोशल मीडिया पर प्रचार-प्रसार भी तेज कर दिया है. उन्होंने आम जनता और सामाजिक कार्यकर्ताओं से भी सहयोग की अपील की है. हालांकि, उनका कहना है कि यह सभा राजनीतिक पार्टी से संबंधित नहीं है.

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