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महिला के गर्भ में शिशु की मौत, परिजनों ने चिकित्सकों पर लगाया इलाज में देरी का आरोप - Family members accused doctors

देहरादून के रायपुर क्षेत्र के खेर मान सिंह गांव निवासी गर्भवती महिला शिवानी को उल्टी और सिरदर्द की शिकायत पर दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. जहांं महिला के गर्भ में ही शिशु की मौत हो गई. वहीं, परिजनों ने चिकित्सकों पर इलाज में देरी करने का आरोप लगाया है.

महिला के गर्भ में ही हुई शिशु की मौत.
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Published : Oct 16, 2019, 8:13 PM IST

देहरादून: राजधानी के दून महिला अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. बीते सोमवार को रायपुर निवासी सागर की गर्भवती पत्नी शिवानी को दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अल्ट्रासाउंड कराने पर गर्भ में ही शिशु की मौत होने की पुष्टि हुई है. इस दौरान परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों के देरी से इलाज करने के कारण बच्चे की मौत हुई है. फिलहाल, महिला दून मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.

महिला के गर्भ में ही हुई शिशु की मौत.

दून के रायपुर क्षेत्र के खेर मान सिंह गांव निवासी सागर की पत्नी शिवानी को उल्टी और सिरदर्द की शिकायत होने पर सोमवार की सुबह दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक, दून महिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने उन्हें बताया कि गर्भवती महिला का इलाज जच्चा बच्चा के चिकित्सक करेंगे और उन्हें बुलाया जा रहा है. लेकिन, संबंधित चिकित्सक काफी देर बाद आए. तब तक शिवानी की हालत काफी खराब हो चुकी थी, डॉक्टरों ने शिवानी का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया.

ये भी पढ़ें: 70 साल बाद इस करवा चौथ पर बन रहा विशेष संयोग, जानें क्या है खास ?

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा ने बताया कि बीते सोमवार को महिला को भर्ती कराया गया है, जहां उसकी क्रिटिकल कंडीशन को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया है. ऐसी हालत में मृत शिशु को गर्भ से बाहर नहीं निकाला जा सकता है, मगर मृत शिशु को यदि सर्जरी के माध्यम से गर्भ से बाहर निकाल दिया जाएगा तो ऐसे में महिला की जान का खतरा कम हो सकता है. लेकिन, महिला आईसीयू में वेंटिलेटर पर है, ऐसे में उसका ऑपरेशन भी नहीं किया जा सकता है. साथ ही इस मामले में गायनी एचओडी को जांच के आदेश दे दिए हैं, यदि इस मामले में कोई विभागीय लापरवाही सामने आती है तो ऐसे में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, दून महिला अस्पताल की एचओडी गायनी डॉ. चित्रा जोशी ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में महिला के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है. शिवानी की शुरुआती हिस्ट्री देखने के बाद ये पता चला है कि महिला को शुरू से ही बीते पांच- छह दिनों से शिकायत चल रही थी. उसे यहां आपातस्थिति में लाया गया था.

देहरादून: राजधानी के दून महिला अस्पताल में एक बार फिर बड़ी लापरवाही देखने को मिली है. बीते सोमवार को रायपुर निवासी सागर की गर्भवती पत्नी शिवानी को दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अल्ट्रासाउंड कराने पर गर्भ में ही शिशु की मौत होने की पुष्टि हुई है. इस दौरान परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों के देरी से इलाज करने के कारण बच्चे की मौत हुई है. फिलहाल, महिला दून मेडिकल कॉलेज के आईसीयू में वेंटिलेटर पर जिंदगी और मौत के बीच झूल रही है.

महिला के गर्भ में ही हुई शिशु की मौत.

दून के रायपुर क्षेत्र के खेर मान सिंह गांव निवासी सागर की पत्नी शिवानी को उल्टी और सिरदर्द की शिकायत होने पर सोमवार की सुबह दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया. परिजनों के मुताबिक, दून महिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने उन्हें बताया कि गर्भवती महिला का इलाज जच्चा बच्चा के चिकित्सक करेंगे और उन्हें बुलाया जा रहा है. लेकिन, संबंधित चिकित्सक काफी देर बाद आए. तब तक शिवानी की हालत काफी खराब हो चुकी थी, डॉक्टरों ने शिवानी का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद आईसीयू में भर्ती कराया.

ये भी पढ़ें: 70 साल बाद इस करवा चौथ पर बन रहा विशेष संयोग, जानें क्या है खास ?

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा ने बताया कि बीते सोमवार को महिला को भर्ती कराया गया है, जहां उसकी क्रिटिकल कंडीशन को देखते हुए वेंटिलेटर पर रखा गया है. ऐसी हालत में मृत शिशु को गर्भ से बाहर नहीं निकाला जा सकता है, मगर मृत शिशु को यदि सर्जरी के माध्यम से गर्भ से बाहर निकाल दिया जाएगा तो ऐसे में महिला की जान का खतरा कम हो सकता है. लेकिन, महिला आईसीयू में वेंटिलेटर पर है, ऐसे में उसका ऑपरेशन भी नहीं किया जा सकता है. साथ ही इस मामले में गायनी एचओडी को जांच के आदेश दे दिए हैं, यदि इस मामले में कोई विभागीय लापरवाही सामने आती है तो ऐसे में नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी.

वहीं, दून महिला अस्पताल की एचओडी गायनी डॉ. चित्रा जोशी ने बताया कि विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में महिला के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है. शिवानी की शुरुआती हिस्ट्री देखने के बाद ये पता चला है कि महिला को शुरू से ही बीते पांच- छह दिनों से शिकायत चल रही थी. उसे यहां आपातस्थिति में लाया गया था.

Intro:दून महिला अस्पताल की लापरवाही एक बार फिर सामने आई है, दरअसल बीते सोमवार की सवेरे रायपुर निवासी सागर की गर्भवती पत्नी 20 वर्षीय शिवानी को दून महिला अस्पताल में भर्ती कराया गया था, जहां अल्ट्रासाउंड कराने पर गर्भ में ही शिशु की मौत होने की पुष्टि हुई। इस दौरान परिजनों ने इलाज में लापरवाही का आरोप लगाते हुए कहा कि डॉक्टरों के देरी से इलाज का करने की वजह से यह नौबत आई है। फिलहाल महिला दून मेडिकल कॉलेज की आईसीयू के वेंटिलेटर में जिंदगी और मौत के बीच झूल रही हैं।


Body: रायपुर क्षेत्र के खेर मान सिंह गांव निवासी सागर की पत्नी शिवानी को सोमवार सवेरे उल्टी और सिरदर्द की शिकायत होने पर 6:30 बजे दून महिला अस्पताल लाया गया था, परिजनों के मुताबिक दून महिला अस्पताल में मौजूद चिकित्सक ने कहा कि इसका इलाज जच्चा बच्चा के चिकित्सक करेंगे और उन्हें बुलाया जा रहा है, लेकिन संबंधित चिकित्सक काफी देर बाद आए। तब तक शिवानी की हालत काफी खराब हो चुकी थी, डॉक्टरों ने शिवानी का स्वास्थ्य परीक्षण करने के बाद उसे करीब 9 बजे आईसीयू में भर्ती कराया।

बाइट-पीड़ित के परिजन
बाईट-पीड़ित के परिजन

इस संबंध में दून मेडिकल कॉलेज के प्रमुख अधीक्षक डॉक्टर केके टम्टा ने कहा कि बीते सोमवार को भर्ती कराया गया है।जहां उसकी क्रिटिकल कंडीशन को देखते हुए वेंटिलेटर में रखा गया है, डॉक्टर टम्टा ने कहा कि ऐसी हालत में मृत शिशु को गर्भ से बाहर नहीं निकाला जा सकता है । मगर मृत शिशु को यदि सर्जरी के माध्यम से गर्भ से बाहर निकाल दिया जाएगा तो ऐसे में महिला की जान का खतरा कम हो सकता है। लेकिन महिला आईसीयू के वेंटिलेटर में है, ऐसे में उसका ऑपरेशन नहीं किया जा सकता है। उन्होंने कहा कि इस मामले में गायनी एचओडी को इंक्वायरी के आदेश दे दिए गए हैं यदि इस मामले में कोई विभागीय लापरवाही सामने आती है तो ऐसे में नियमानुसार कार्यवाही की जाएगी


वाइट डॉक्टर केके टम्टा मेडिकल सुपरिटेंडेंट दून मेडिकल कॉलेज

वही दून महिला अस्पताल की एचओडी गायनी डॉ चित्रा जोशी के अनुसार महिला को उसके परिजन सोमवार को अस्पताल में लेकर आये थे, उसे आईसीयू में भर्ती करा दिया गया था। अभी उसकी हालत चिंताजनक बनी हुई है ।सभी विशेषज्ञ चिकित्सकों की देखरेख में महिला के स्वास्थ्य की निगरानी की जा रही है।शिवानी की शुरुआती हिस्ट्री देखने के बाद ये पता चला है कि महिला को शुरू से ही बीते पांच- छह दिनों से कंप्लेंट्स चल रही थी,और उसे यहां आपात स्थिति मे लाया गया था। इससे पूर्व तू महिला अस्पताल में महिला ने अपना इलाज नहीं कराया था

बाइट चित्रा जोशी, एचओडी, गायनी विभाग


Conclusion:एक तरफ जहां परिजन आरोप लगा रहे हैं कि इलाज में लापरवाही की वजह से गर्भवती शिशु की मौत हुई है तो वहीं अस्पताल प्रबंधन का कहना है कि आईसीयू के वेंटिलेटर में भर्ती शिवानी का वर्तमान परिस्थितियों को देखते हुए उसका ऑपरेशन करना संभव नहीं है, बहरहाल अस्पताल प्रबंधन ने स्त्री रोग विभाग की एचओडी को इंक्वायरी के आदेश दे दिए हैं, सभी पक्षों को जानने के बाद रिपोर्ट कंपाइल करके अस्पताल प्रबंधन को सौंपी जाएगी, यदि अस्पताल की ओर से कोई दोषी पाया जाता है तो उसके खिलाफ नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी।
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