देहरादून: 2024 लोकसभा चुनाव (2024 Lok Sabha Elections) से पहले उत्तराखंड में दोनों राष्ट्रीय पार्टियां मुसीबत में आ गई है. दरअसल, पार्टी के भीतर नेताओं के बीच मतभेद (differences between leaders) देखने को मिल रहे हैं, जिससे पार्टी के अंदर खेमेबाजी बढ़ गई है. भाजपा के भीतर त्रिवेंद्र वर्सेस सीएम धामी (Trivendra Vs CM Dhami in BJP) होता हुआ दिख रहा है. वहीं, कांग्रेस में प्रीतम सिंह, हरदा और करण माहरा के बीच सीधे टकराव की स्थिति है.
भाजपा-कांग्रेस के भीतर वर्चस्व की लड़ाई: राज्य में राजनीतिक दलों के भीतर बड़ी उथल पुथल है. भारतीय जनता पार्टी के साथ कांग्रेस भी नेताओं के वर्चस्व की लड़ाई को झेलने को मजबूर है. स्थिति ये है कि भाजपा में बात दिल्ली तक पहुंच गई है तो, कांग्रेस हाईकमान प्रदेश के राजनीतिक हालात पर नजर बनाए हुए हैं. खास बात ये है कि भाजपा में पहली बार इस तरह शीर्ष के दो नेताओं की लड़ाई सीधे सतह पर आ गई है.
बीजेपी ने किया सबकुछ सामान्य होने का दावा: बड़ी बात ये भी है कि मामले में पार्टी संगठन के नेता इस लड़ाई को लेकर बयानबाजी से बच रहे हैं. पूर्व सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत दिल्ली में डेरा जमाए हुए हैं. इससे पहले प्रदेश अध्यक्ष भाजपा महेंद्र भट्ट भी दिल्ली जा चुके हैं. खबरों की मानें तो महेंद्र भट्ट से इस जंग पर पूरी रिपोर्ट ली गयी है. हालांकि, साफ नजर आने वाली आपसी खेमेबाजी पर भाजपा नेता सब कुछ सामान्य होने का दम भर रहे हैं.
भाजपा में खेमेबाजी को लेकर कांग्रेस ले रही चटकारे: भाजपा में मचे गदर को शांत करने की कोशिशें जारी है, लेकिन कांग्रेस में हो रही खेमेबाजी को पार्टी हाईकमान सिर्फ स्थिति को केवल दूर से देखने के हालात में हैं. हाल ही में प्रीतम सिंह निजी रूप से सचिवालय घेराव का कार्यक्रम बनाते दिखे, तो पार्टी के भीतर फिर गुटबाजी को लेकर नेताओं की कलई खुल गयी. उधर, हरदा अलग रास्ते पर चलते दिखे हैं. यही नहीं प्रदेश अध्यक्ष करण माहरा से इन नेताओं की दूरियां बयानों से जाहिर होती रही है. इसके बावजूद भाजपा के भीतर खेमेबाजी को लेकर कांग्रेसी चटकारे ले रहे हैं.