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देवभूमि के दानवीर: जानिए उत्तराखंड के कोरोना वॉरियर्स को

कोरोना महामारी की इस संकट की घड़ी में कई लोग दान कर रहे हैं. मकसद है जरूरतमंदों को राहत मिल सके. पीएम मोदी और सभी राज्यों के सीएम ने लोगों से दान देने की अपील की है. उत्तराखंड में भी कई दानवीर सामने आए हैं. हम आज आपको उत्तराखंड के कुछ ऐसे ही लोगों के बारे में बताने जा रहे हैं जिन्होंने साधारण होते हुए भी देश सेवा के लिए असाधारण दान दिया है.

देहरादून
साधारण लोगों का असाधारण दान
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Published : Apr 10, 2020, 11:31 AM IST

देहरादून: देश में फैली कोरोना महामारी के संकट में सरकार, संस्थाएं, उद्योगपति और सेलिब्रिटी देश रक्षा के लिए सहयोग और दान कर रहे हैं. हमारे डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, समाजसेवी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं.

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संकट की घड़ी में साधारण होते हुए भी असाधारण सहयोग कर तारीफ के काबिल काम कर रहे हैं. ईटीवी भारत कोरोना संकट के बीच ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स की खबर बता रहा है. ये लोग साधारण इंसान होते हुए भी असाधारण इच्छा शक्ति के धनी हैं और देश के लिए महादान कर रहे हैं.

चमोली
देवकी देवी ने दान किए 10 लाख रुपए.

चमोली की गौचर निवासी देवकी देवी भंडारी ने बैंक के जरिए 10 लाख रुपए का चेक पीएम केयर फंड में दान किया है. देवकी देवी की कोई संतान नहीं है. पति का भी 12 वर्ष पहले देहांत हो चुका है. बताया जा रहा है कि देवकी देवी के पति, रेशम विभाग में कार्यरत थे. गौचर क्षेत्र के लोग देवकी भंडारी के सामाजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें दीदी के नाम से बुलाते हैं.

श्रीनगर
सेना अधिकारी की मां सुनीता देवी ने बेटे का पहला वेतन दान किया.

श्रीनगर निवासी अमन गैरोला जो सेना में अधिकारी हैं, उनकी मां सुनीता देवी ने अपने बेटे की पहली सैलरी देश सेवा के लिए समर्पित की है. सुनीता देवी ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए 50 हज़ार रुपए का चेक सौंपा. सुनीता देवी का कहना है कि उनका बेटा भारत चीन सीमा पर देश की सेवा कर रहा है. लेकिन अभी देश कोरोना संकट से गुजर रहा है. इसको देखते हुए उन्होंने अपने बेटे द्वारा दी गयी पहली तनख्वाह को देश के लिए समर्पित किया है.

ऋषिकेश
13 साल की आलिया ने दान किए 10 हजार रुपए.

तीर्थनगरी ऋषिकेश की रहने वाली 13 वर्षीय आलिया ने जरूरतमंदों की मदद के लिए एक साल से इकट्ठा की गई पॉकेट मनी से लगभग दस हजार रुपये की मदद की. आलिया ने अपनी गुल्लक में जमा पॉकेट मनी को कोतवाली ऋषिकेश में जमा कर दिया. आलिया के पिता ने भी अपने साथियों के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए राशन दिया.

देहरादून
कथक नृत्यांगना आरुषि निशंक बना रही हैं मास्क.

मशहूर कथक नृत्यांगना और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक इन दिनों अपने घर पर मास्क बनाने में व्यस्त हैं. आरुषि यह मास्क अपने कर्मचारियों के लिए खादी के कपड़ों से तैयार कर रही हैं. आरुषि के काम की हर कोई सराहना कर रहा है.

ये भी पढ़े: THDC ने सरकार की मदद के लिए बढ़ाया हाथ, 10 करोड़ रुपये पीएम केयर फंड में किये जमा

हल्द्वानी के दृष्टिबाधित स्कूल गौलापार के बच्चों और शिक्षकों ने संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 हजार रुपए का अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.

हल्द्वानी
नेत्र बाधित छात्रों ने दिया दान.

इस संकट में बेरीनाग विकासखंड के पाताल भुवनेश्वर गांव के लोगों ने मिसाल पेश की है. ग्रामीणों ने इस वक्त सरकार से कोई सहायता न लेकर खुद मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. ग्रामीण महिलाओं ने ग्राम प्रधान राधा रावल के नेतृत्व में कोरोना को मात देने के लिए अभियान भी चलाया है. इसके तहत उन्होंने एक हफ्ते में 16 हजार रुपए एकत्र किए हैं. इसमें से पांच-पांच हजार रुपए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजने का निर्णय लिया गया. छह हजार रुपए विकास खंड स्तर पर एक राहत कोष में दिए.

इसके अलावा भी कई समाजिक संगठन, समाजसेवी, सरकारी कर्मचारी, निजी संस्थानों ने भी दान किया है. संकट की इस घड़ी में एक-एक रुपये का दान भी किसी महादान से कम नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी देशवासियों से सहयोग करने की अपील की है, ताकि संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों को राहत पहुंचाई जा सके.

देहरादून: देश में फैली कोरोना महामारी के संकट में सरकार, संस्थाएं, उद्योगपति और सेलिब्रिटी देश रक्षा के लिए सहयोग और दान कर रहे हैं. हमारे डॉक्टर्स, पुलिसकर्मी, समाजसेवी, सफाईकर्मी और मीडियाकर्मी कोरोना वॉरियर्स के रूप में अपना योगदान दे रहे हैं.

कुछ लोग ऐसे भी हैं जो संकट की घड़ी में साधारण होते हुए भी असाधारण सहयोग कर तारीफ के काबिल काम कर रहे हैं. ईटीवी भारत कोरोना संकट के बीच ऐसे ही कोरोना वॉरियर्स की खबर बता रहा है. ये लोग साधारण इंसान होते हुए भी असाधारण इच्छा शक्ति के धनी हैं और देश के लिए महादान कर रहे हैं.

चमोली
देवकी देवी ने दान किए 10 लाख रुपए.

चमोली की गौचर निवासी देवकी देवी भंडारी ने बैंक के जरिए 10 लाख रुपए का चेक पीएम केयर फंड में दान किया है. देवकी देवी की कोई संतान नहीं है. पति का भी 12 वर्ष पहले देहांत हो चुका है. बताया जा रहा है कि देवकी देवी के पति, रेशम विभाग में कार्यरत थे. गौचर क्षेत्र के लोग देवकी भंडारी के सामाजिक कार्यों को देखते हुए उन्हें दीदी के नाम से बुलाते हैं.

श्रीनगर
सेना अधिकारी की मां सुनीता देवी ने बेटे का पहला वेतन दान किया.

श्रीनगर निवासी अमन गैरोला जो सेना में अधिकारी हैं, उनकी मां सुनीता देवी ने अपने बेटे की पहली सैलरी देश सेवा के लिए समर्पित की है. सुनीता देवी ने उच्च शिक्षा मंत्री धन सिंह रावत को मुख्यमंत्री राहत कोष में जमा करने के लिए 50 हज़ार रुपए का चेक सौंपा. सुनीता देवी का कहना है कि उनका बेटा भारत चीन सीमा पर देश की सेवा कर रहा है. लेकिन अभी देश कोरोना संकट से गुजर रहा है. इसको देखते हुए उन्होंने अपने बेटे द्वारा दी गयी पहली तनख्वाह को देश के लिए समर्पित किया है.

ऋषिकेश
13 साल की आलिया ने दान किए 10 हजार रुपए.

तीर्थनगरी ऋषिकेश की रहने वाली 13 वर्षीय आलिया ने जरूरतमंदों की मदद के लिए एक साल से इकट्ठा की गई पॉकेट मनी से लगभग दस हजार रुपये की मदद की. आलिया ने अपनी गुल्लक में जमा पॉकेट मनी को कोतवाली ऋषिकेश में जमा कर दिया. आलिया के पिता ने भी अपने साथियों के साथ मिलकर जरूरतमंदों के लिए राशन दिया.

देहरादून
कथक नृत्यांगना आरुषि निशंक बना रही हैं मास्क.

मशहूर कथक नृत्यांगना और केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्री डॉ. रमेश पोखरियाल निशंक की बेटी आरुषि निशंक इन दिनों अपने घर पर मास्क बनाने में व्यस्त हैं. आरुषि यह मास्क अपने कर्मचारियों के लिए खादी के कपड़ों से तैयार कर रही हैं. आरुषि के काम की हर कोई सराहना कर रहा है.

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हल्द्वानी के दृष्टिबाधित स्कूल गौलापार के बच्चों और शिक्षकों ने संकट की इस घड़ी में मुख्यमंत्री राहत कोष में 11 हजार रुपए का अपना महत्वपूर्ण योगदान दिया.

हल्द्वानी
नेत्र बाधित छात्रों ने दिया दान.

इस संकट में बेरीनाग विकासखंड के पाताल भुवनेश्वर गांव के लोगों ने मिसाल पेश की है. ग्रामीणों ने इस वक्त सरकार से कोई सहायता न लेकर खुद मदद के लिए हाथ बढ़ाए हैं. ग्रामीण महिलाओं ने ग्राम प्रधान राधा रावल के नेतृत्व में कोरोना को मात देने के लिए अभियान भी चलाया है. इसके तहत उन्होंने एक हफ्ते में 16 हजार रुपए एकत्र किए हैं. इसमें से पांच-पांच हजार रुपए प्रधानमंत्री और मुख्यमंत्री राहत कोष में भेजने का निर्णय लिया गया. छह हजार रुपए विकास खंड स्तर पर एक राहत कोष में दिए.

इसके अलावा भी कई समाजिक संगठन, समाजसेवी, सरकारी कर्मचारी, निजी संस्थानों ने भी दान किया है. संकट की इस घड़ी में एक-एक रुपये का दान भी किसी महादान से कम नहीं है. प्रधानमंत्री मोदी और सीएम त्रिवेंद्र सिंह रावत ने भी देशवासियों से सहयोग करने की अपील की है, ताकि संकट की इस घड़ी में जरूरतमंदों को राहत पहुंचाई जा सके.

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