देहरादून: उत्तराखंड में उच्च शिक्षा से जुड़े छात्रों को कोविड-19 के दौर में कई समस्याओं से गुजरना पड़ रहा है. परीक्षा कक्ष तक पहुंचने से लेकर एडमिशन लेने तक में छात्रों को कई दिक्कतें का सामना करना पड़ रहा है. हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय की परीक्षाओं में एक तरफ जहां छात्रों के लिए कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट लाना अनिवार्य किया गया है वहीं, दूसरी तरफ ऑनलाइन एडमिशन लेना भी छात्रों के लिए बड़ी चुनौती बना हुआ है.
19 सितंबर से शुरू होंगी परीक्षाएं
गढ़वाल विश्वविद्यालय में 19 सितंबर से स्नातक और स्नातकोत्तर की अंतिम सेमेस्टर की परीक्षाएं शुरू होने जा रही हैं. इसको लेकर कोविड-19 के चलते कुछ नियम कॉलेज प्रबंधन की तरफ से भी बनाए गए हैं. फैसला लिया गया है कि दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों को परीक्षा देने के लिए अपनी कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी जरूरी होगी.
छात्रों को लानी होगी कोविड-19 रिपोर्ट
आपको बता दें कि विभिन्न कॉलेजों में ना केवल उत्तराखंड, बल्कि दूसरे राज्यों के भी छात्र अध्ययनरत हैं. परीक्षा कार्यक्रम तय होने के बाद यहां दूसरे राज्यों के पढ़ने वाले छात्र भी परीक्षा देने पहुंचेंगे. इसी को देखते हुए प्रबंधन ने परीक्षा देने के लिए कोविड-19 से जुड़े हुए कुछ नियमों को अनिवार्य कर दिया है. वहीं, कोरोना रिपोर्ट की अनिवार्यता भी की गई है. आपको बता दें कि दूसरे राज्यों से आने वाले छात्रों को 72 घंटे के भीतर की कोविड-19 रिपोर्ट दिखानी होगी.
41 हजार छात्र होंगे परीक्षा में शामिल
आपको बता दें कि हेमवती नंदन बहुगुणा गढ़वाल केंद्रीय विश्वविद्यालय में करीब 41 हजार छात्र परीक्षा देने जा रहे हैं. इनमें बाहरी राज्यों के लगभग 5 हजार छात्र भी शामिल हैं. ऐसे में विश्वविद्यालय ने कोरोना संक्रमण का खतरा देखते हुए एहतियातन कई नियम बनाए हैं. इनमें से बाहरी राज्यों के छात्रों को परीक्षा में शामिल होने से पहले कोविड-19 की नेगेटिव रिपोर्ट दिखानी होगी. जिसके बाद उन्हें परीक्षा केंद्र में प्रवेश की अनुमति दी जाएगी.
परीक्षा केंद्र पर जाने से पहले ये जान लें
परीक्षा केंद्र पर पहुंचने से पहले छात्रों को अपने साथ एडमिट कार्ड, 50 एमएल हैंड सैनिटाइजर, फेस मास्क, बॉल पेन, पानी की बोतल लानी होगी. इसके साथ ही परीक्षा केंद्र पर निर्धारित समय से एक घंटा पूर्व छात्रों को आना होगा, ताकि समय से सभी छात्रों की थर्मल स्क्रीनिंग और सभी जांच की जा सकें.
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ऑनलाइन एडमिशन बनी मुसीबत
एक तरफ परीक्षा कार्यक्रम के दौरान नियमों का पालन छात्रों को करना होगा. वहीं, दूसरी तरफ कोविड-19 को देखते हुए कॉलेजों ने ऑनलाइन एडमिशन की व्यवस्था की है, लेकिन दूरदराज के छात्रों को हो रही सिग्नल की समस्या के चलते काफी दिक्कतें आ रही हैं. यही नहीं ऑनलाइन एडमिशन के दौरान नेटवर्क की समस्या के कारण छात्र अपनी जरूरी जानकारियां नहीं दे पा रहे हैं. उधर ऑनलाइन एडमिशन की पूरी जानकारी भी कई छात्रों को नहीं है, जिस कारण उन्हें दिक्कतें आ रही हैं.
वहीं, श्रीनगर में एनएसयूआई के प्रदेश अध्यक्ष मोहन भंडारी ने इसका विरोध किया है. उन्होंने कहा कि सरकार की तरफ से यह निर्णय लिया गया है कि परीक्षार्थियों के पास कोरोना जांच रिपोर्ट होना आवश्यक है. एनएसयूआई सरकार के इस कदम का कड़ा विरोध करती है. छात्र वैसे ही वर्तमान परिवहन व्यवस्था के तहत किराया देकर परीक्षा केंद्रों पर पहुंचेंगे, ऊपर से उन पर अतिरिक्त बोझ डालना सरासर गलत है. उन्होंने कहा कि अगर सरकार को छात्रों की कोरोना जांच करनी है तो परीक्षार्थियों के सैंपल परीक्षा केंद्रों पर लिए जाएं. उनसे जांच रिपोर्ट मांग कर छात्रों पर अतिरिक्त आर्थिक बोझ डाला जा रहा है.